कर्पूरी ठाकुर कौन थे।Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay।

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay जननायक कर्पूरी ठाकुर की जीवनी

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: भारतीय राजनेताओं में आपने कई महान राजनेताओं के बारे में सुना पढ़ा या देखा होगा। जिन्‍होने अपने जीवन में कई महान काम किये उन्‍ही में एक कर्पूरी ठाकुर बिहार के समाजवादी नेता भारत के स्‍वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, तथा बिहार राज्‍य के दूसरे उपमुख्‍यमंत्री तथा दो बार मुखमंत्री थे। वे एक बहुत ही सरल स्‍वाभाव एवं ईमानदार व्‍यक्तित्‍व के थे। उनके जैसे नेता आज के समय में मिल पाना मुश्किल ही नहीं अपितु नामुमकिन है। उनकी लोकप्रियता के कारण उन्‍हे जननायक कहा जाता है। आगे उनके जीवन के बारे में जानेगें।

कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म एवं  शिक्षा

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म 24 जनवरी सन् 1924 को बिहार में समस्‍तीपुर जिले के पितौंझिया नामक गाँव में हुआ था। जिसे अब ‘कर्पूरीग्राम’ कहा जाता है। वे नाई जाति परिवार के अतंर्गत आते थे। उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। कार्पूरी ठाकुर के पिता गांव के एक सीमान्त किसान थे और अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम किया करते थे। उन्‍होने अपनी मैट्रिक की परीक्षा सन् 1940 में पटना विश्‍वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की।

भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन में योगदान

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन में कई क्रांतिकारी नेताओं का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है, उन्‍ही क्रांतिकारी स्‍वतंत्रता सेनानियों में कर्पूरी ठाकुर का भी अहम योगदान है, उन्‍होने सन् 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। और इस आंदोलन में शामिल होने के परिणामस्‍वरूप उन्‍हे जेल भी जाना पड़ा। उन्‍हे बिहार के भागलपुर कैंप जेल में डाल दिया गया जहां पर 2 साल 2 महीने यानि कुल (26 महीने) तक जेल में रहना पड़ा। जेल की सजा काटने के पश्‍चात् वे सन् 1945 में रिहा हुए।

कर्पूरी ठाकुर का राजनीतिक जीवन

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक जीवन की बात करें तो इनके राजनैतिक गुरू जय प्रकाश नारायण एवं समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया थे। सन् 1948 में आर्चाय नरेन्‍द्रदेव एवं जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में कर्पूरी ठाकुर प्रादेशिक मंत्री बने। और देश की आजादी के बाद सन् 1952 में पहला चुनाव आयोजित होता है। जिसमें कर्पूरी ठाकुरी विधायक के तौर पर चुने जाते है।

उसके बाद सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्‍व में संयुक्‍त समाजवादी दल (संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी) (संसोपा) एक बड़ी ताकतवर पार्टी के रूप में उभरकर सामने आता है। बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 5 मार्च 1967 से 28 जनवरी 1968 तक रहा। और सन् 1970 में वे बिहार के मुख्‍यमंत्री के रूप में चुने जाते है। पहले मुख्‍यमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल दिसंबर 1970 से जून 1971 तक 6 से 7 माह का था।

सन् 1977 में समस्‍तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से वे सांसद बने। सन् 1977 में दोबारा मुख्‍यमंत्री चुने जाते है। और इस समय इनका कार्यकाल दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक  लगभग 2 साल का था। आपको बता दें कि कर्पूरी ठाकुर अपने मुख्‍यमंत्री का कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये थे। सन् 1980 में मध्यावधि चुनाव हुआ तो कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में लोक दल बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा और कर्पूरी ठाकुर नेता बने। और सन् 1988 में अपनी मृत्‍यु तक विधायक बने रहे।

बिहार की जनता के लिए कई महत्‍वपूर्ण कार्य किये।

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर अपने कार्यकाल में बिहार की जनता के लिए अनेक महत्‍वपूर्ण कार्य किये सन् 1967 में जब वे बिहार राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री बने तब उन्‍होने बिहार में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के लिए अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। क्‍योंकि उस समय अंग्रेजी के कारण अधिकांश लड़कियां मैट्रिक पास नहीं कर पाती थीं। जिससे लड़कियों के विवाह में मैट्रिक की परीक्षा पास करना बड़ी मुसीबत बन गया था।

कर्पूरी ठाकुर ने इसका आकलन-अध्ययन कराया तो पता चला कि अधिकतर छात्र अंग्रेजी में ही अनुतीर्ण होते हैं। उस समय कक्षा छटवी यां आठवी से अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू होती थी। जिससे की अंग्रेजी का ज्ञान देर से शुरू होता था और मैट्रिक की परिणाम खराब होने का यह प्रमुख कारण था। इसी उद्देश्य से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में अंग्रेजी विषय में पास करने की अनिवार्यता को खत्म कर दी थी।

इस प्रकार से उन्होंने शिक्षा को आम लोगों तक पहुँचाया। और मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को अनिवार्य बना दिया था। और बिहार में शराबंदी के लिए उन्‍होने कड़े कदम उठाये थे। और शराब को बिहार राज्‍य में बंद करवाया था।

कर्पूरी ठाकुर को जननायक क्‍यों कहा जाता है?

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्‍नशील करते हुए संघर्ष करते रहे। वह सदा गरीबों के अधिकार और कल्‍याण के लिए लड़ते रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पिछड़ों को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया सन् 1978 में बिहार सरकार की ओर से मुंगेरी लाल आयोग को लागू कर दिया जाता है। जिसके अंतर्गत बिहार में आरक्षण के नये सिस्‍टम देखने को मिलते है।

जिसके तहत् कुल आरक्षण 26% के आसपास था। जिसमें 12% आरक्षण ओबीसी को दिया गया था। 08% आरक्षण अति पिछड़ा वर्ग के लिए था। और महिलाओं के लिए 03% आरक्षण की बात कही गई थी। और सामान्‍य वर्ग के गरीबों के लिए भी 03% आरक्षण दिया गया था। उनका जीवन लोगों के लिये किसी आदर्श से कम नहीं था। उनके अभूतपूर्ण योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।

कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ-साथ एक ओजस्वी वक्ता भी थे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्‍ट विचार और अदम्य इच्छाशक्ति बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्तित्‍व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। वह देशवासियों को सदैव अपने अधिकारों को जानने के लिए प्रेरित करते रहे, उनकी इस सेवा भावना के कारण ही उन्हें जन नायक कहा जाता है।

कर्पूरी ठाकुर एक ईमानदार नेता के रूप में दुनिया के सामने मिशाल हैं।

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: आज के समय में कर्पूरी ठाकुर जैसे उच्‍च विचार एवं एक ईमानदार नेता कोई हो ही नहीं सकता। कर्पूरी ठाकुर अपने राजनीतिक जीवन में बिहार के एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे। 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे।

आज के समय में जब करोड़ो रुपयों के घोटाले और भ्रष्‍टचार में आए दिन नेताओं के नाम सामने आते है, तब कर्पूरी जैसे नेता भी हुए, किसी को विश्वास ही नहीं होता। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में सुनने को मिलते हैं। राजनीति में इतना लंबा सफ़र बिताने के बाद जब उनका निधन हुआ तो अपने परिवार को विरासत में देने के लिए एक मकान तक उनके नाम पर नहीं था। ना तो पटना में, ना ही अपने पैतृक घर में वो एक इंच जमीन भी जोड़ न पाए। ऐसे महान नेता थे। कर्पूरी ठाकुर।

कर्पूरी ठाकुर का निधन

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर अपने राजनीतिक जीवन में कई ऐसे कार्य किये जिसके लिए उन्‍हे सदैव याद किया जायेगा।  कर्पूरी ठाकुर का निधन 64 साल की उम्र में 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था।

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया जायेगा

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: (24 जनवरी सन् 1924  से 17 फरवरी सन् 1988) के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्‍य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। उनकी कार्यशैली एवं कुशल राजनीति के दक्ष थे उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें ‘जननायक’ कहा जाता है। 23 जनवरी 2024 को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरान्त भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्‍न से सम्मानित करने की घोषणा की है।

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System Software Kya Hota Hai। सिस्‍टम साफ्टवेयर क्‍या होता है ? इसके 6 प्रकार कितने हैं

कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म कब हुआ था?

24 जनवरी 1924 को।

कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म कहां हुआ था?

बिहार राज्‍य के समस्‍तीपुर जिले में।

कर्पूरी ठाकुर कौन सी जाति के थे?

नाई जाति के।

कर्पूरी ठाकुर के पिता का क्‍या नाम था?

श्री गोकुल ठाकुर।

कर्पूरी ठाकुर के माता का क्‍या था?

श्रीमति रामदुलारी देवी।

कर्पूरी ठाकुर के राजनैतिक गुरू कौन थे?

जयप्रकाश नारायण

कर्पूरी ठाकुर की शिक्षा कहां तक हुई थी?

मैट्रिक

कर्पूरी ठाकुर बिहार के कितनी बार मुख्‍यमंत्री बने?

दो बार। 1970 एवं 1977 में

कर्पूरी ठाकुर कितनी बार उपमुख्‍यमंत्री बने?

1967 में एक बार

भारत सरकार ने उन्‍हे भारतरत्‍न देने की घोषणा कब की ?

23 जनवरी 2024 को।

कर्पूरी ठाकुर के समय कौन सी आयोग का गठन किया गया था?

मुंगेरी लाल आयोग।

कर्पूरी ठाकुर के जन्‍म स्‍थान को अब किस नाम जाना जाता है?

कर्पूरीग्राम।

कर्पूरी ठाकुर कितनी बार जेल गये?

आजादी के पहले 2 बार एवं आजादी के बाद 18 बार।

कर्पूरी ठाकुर का निधन कब हुआ?

17 फरवरी सन् 1988 में

कर्पूरी ठाकुर का निधन समय आयु क्‍या थी?

64 साल

कर्पूरी ठाकुर का निधन कैसे हुआ?

दिल का दौरा पड़ने से।

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Samsung S24 ultra Ai Smartphone: अभी हाल ही में सैमसंग ने अपना बेस्‍ट स्‍मार्ट फोन लांच कर दिया है। जो इस ब्रांड का सबसे दमदार फोन है। सैमसंग ने S सीरीज के तीन स्‍मार्ट फोन Samsug Galaxy S24,  Samsug Galaxy S24 Plus और Samsug Galaxy S24 Ultra लांच किया है। जिसमें Samsug Galaxy S24 Ultra की सबसे खात बाह यह है, कि यह फोन AI आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस से लैस हैं। और तीनों फोन में जबरदस्‍त फीचर दिए गये है। आइए जानते है। इस फोन की पूरी जानकारी।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस टेक्‍नोलॉजी से लैस है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone सैमसंग की तरफ से इस स्‍मार्ट फोन में आपको Galaxy AI मिलता है। इसकी मदद से आप इस फोन में बहुत कुछ कर सकते है। कंपनी ने Galaxy AI को जोड़कर अपने सैमसंग के फोन को दूसरे से फोन से बहुत ही अलग कर दिया है। क्‍योंकि दूसरी कंपनियां स्‍मार्टफोन के हार्डवेयर पर ज्‍यादा काम कर रही है। वहीं सैमसंग ने गूगल पिक्‍सल की तरह Software पर काफी काम किया है।

यह फोन आपको 4 कलर में मिलेगा इस फोन की Galaxy AI ने सबसे ज्‍यादा प्रभावित किया है। यह एक रियल स्‍मार्ट एंड्रायड फोन है। इस फोन में बहुत सारे एडवांस फीचर्स दिए गए है। इसकी एक खास फीचर्स सर्कल टू सर्च की मदद से आप किसी फोटो में जाकर उस फोटो के किसी आब्‍जेक्‍ट के बारे में जानना है। तो उस फोटो के आब्‍जेक्‍ट पार्ट को सर्कल कर देना है। जिससे वह उसे वेब पर ले जायेगा और उसके जैसा कई सारे उदाहरण दिखाएगा।

इस फोन के AI Gallery फीचर्स की सहायता से आप किसी भी नार्मल मोड में लिए गये विडियों को स्‍लो मोशन में चला सकते हो इस फोन में किसी दूसरे भाषा में बात करने वाले व्‍यक्ति की आवाज को लाइव काल में उनकी भाषा को ट्रांसलेट करके हिन्‍दी भाषा में समझ सकते हो। इस फोन की आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस तकनीक इस फोन को सबसे अलग और खास बनाता है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone 200MP कैमरा के साथ आता है।

सैमसंग के इस स्‍मार्ट फोन में टाईटेनियम फ्रेम दे रखा है। साथ ही इसका बैक ग्‍लास है। इस फोन मे 4 कैमरा दिया गया है। जिसमें मेन WIDE कैमरा 200MP का है। एक 50MP का Telephoto कैमरा, एक और 10MP का Telephoto कैमरा एवं 12MP का Ultrawide कैमरा दिया गया है। और सामने 50MP का Selfie कैमरा दिया है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone में 7 साल की OS और Security अपडेट दिया गया है।

इस फोन में 7 साल की OS Update और 7 साल की Security Update दिया है। इस फोन वजन 231 ग्राम है। डिस्‍प्‍ले क्‍वालिटी की बात करें तो प्‍लैट स्‍क्रीन दे रखा है। डिस्‍प्‍ले का साइज 6.8 इंच LIPD Amoled Display 2xQHD + Display 120 Hz Refresh Rate 260 Nits BRIGhTnEss वाला डिस्‍प्‍ले है। इस फोन के डिस्‍प्‍ले में Corning Gorilla Armor प्रोटेक्‍शन दिया गया है, जो इस फोन की सुरक्षा को और मजबूत बनाता है।इस फोन में LPDDR 5X RAM UFS 4.0 है।

इस फोन में माल्‍टीटास्किंग बहुत ही अच्‍छा है। प्रोसेसर की बात करें तो इसमें Snapdragon 8 Gen3 4nm वाला प्रोसेसर दे रखा है। इस फोन में 1.9X Vapor Chamber Cooling Compare to Its Predecessor दे रखा है। जो इस फोन को जल्‍दी गरम हाेेेनेे नही देता। इस फोन की बैटरी 5000 mAH की है। 45W का वायर चार्जिंग 15W का Wireless चार्जिंग 4.5W का Reverse Wireless चार्जिंग सर्पोट के साथ आता है। इस फोन में 5G NFC One UI Dialer IP 68 Knox Security का सर्पोट भी है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone की स्‍टोज एवं कीमत क्‍या है?

सैमसंग गैलेक्सी S24 अल्ट्रा AI आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस तकनीके से लैस है एवं तीन अलग-अगल स्‍टोरेज के साथ आता है। जिसमें पहला 12+256GB जिसकी कीमत 1,29,999 रूपये दूसरा  12+512GB जिसकी कीमत 1,39,999 और तीसरा 12+1TB जिसकी कीमत 1,59,999 रूपये रखी गई है।

FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग कहां उपयोग किया जाता है?

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FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग कहां उपयोग किया जाता है?

FASTag Kya Hota Hai

FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग का क्‍या काम है?

FASTag Kya Hota Hai: FASTag भारत में एक ऐसी इलेक्‍ट्रानिक टोल पेमेंट तकनीक है, जिसके माध्‍यम से देशभर के राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्‍लाजा में टोल टैक्‍स का भुगतान करने के लिए होता है। इसके माध्‍यम से वाहनों को टोल बूथ पर बिना रूके बार कोड RFID (रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक का उपयोग करके टोल टैक्‍स का ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके उपयोग से कम ट्रैफिक, समय की बचत, टोल टैक्‍स का सुरक्षित और तेजी से भुगतान होता है। FASTag की वैधता 5 वर्ष के लिए होती है।

FASTag कैसे काम करता है?

FASTag Kya Hota Hai: FASTag वाहन के विंडस्‍क्रीन में लगाया जाता है, और यह (RFID) रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्‍नोलॉजी पर काम करता है। जिसमें एक चिप लगी होती है। जैसे ही गाड़ी टोल प्‍लाजा के पास आ जाती है। टोल प्‍लाजा पर एक सेंसर लगा होता है। जो वाहन के विंडस्‍क्रीन में लगे FASTag के चिप के संपर्क में आता है। टोल प्‍लाजा पर लगने वाला टैक्‍स को काट लेता है। टोल प्‍लाजा से गुजरने वाली अलग अलग गाड़ियों के लिए दरें पहले से तय की गई होती है। और इस तरह से FASTag के माध्‍यम से टोल टैक्‍स का ऑनलाइन भुगतान कुछ ही सेंकड में हो जाता है।

  1. FASTag खाता खोलना – उपयोगकर्ता को सबसे पहले FASTag खाता खोलना होता है। यह ऑनलाईन या NETC से अधिकृत किये गए बैंक के माध्‍यम से किया जा सकता है।
  2. टैग प्राप्‍त करना – FASTag जिसमें एक छोटी सी RFID (रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप लगी होती है। प्राप्‍त किया जाता है। यह चिप वाहन की पहचान के लिए होता है।
  3. वाहन में  FASTag लगाना – FASTag को वाहन के विंडशील्‍ड में लगाया जाता है। इससे टोल प्‍लाजा में लगे स्‍कैनर्स या सेंसर द्वारा वाहन की पहचान की जा सकती है।
  4. FASTag में रिचार्ज करवानाFASTag खाते में रूपये जमा करवाना अनिवार्य होता है, इसके लिए उपयोगकर्ता बैंक खाता या डेबिट/क्रेडिट कार्ड एवं UPI का उपयोग कर सकता है।
  5. टोल प्‍लाजा पर प्रवेश करना- FASTag लगे वाहन को टोल बूथ पर बिना रूके हलचल के साथ आने जाने की अनुमति होती है।
  6. राशि की कटौती- जैसे ही वाहन टोल बूथ पर प्रवेश करता है, टोल बूथ में लगे स्‍कैनर्स FASTag को स्‍कैन करके उपयोगकर्ता के खाते से राशि की कटौती कर लेता है।
  7. एसएमएस अलर्ट और स्‍टेटमेंट- उपयोगकर्ता को एसएमएस के माध्‍यम से टोल टैक्‍स कटौती की सूचना प्राप्‍त होती है।

FASTag कहां से प्राप्‍त कर सकते है?

FASTag Kya Hota Hai: आज के समय में नई गाड़ी में FASTag खरीदनें की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि यह नई गाड़ी में पहले से लगा हुआ मिलेगा। आपको सिर्फ रिचार्ज करना पड़ेगा। और अगर आपके पास कोई गाड़ी पहले से है, जिसमें FASTag नहीं लगा है, तो आप FASTag उन बैंको से खरीद सकते है, जो की नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन NETC से अधिकृत किये गए हैं जैसे:- एक्सिस बैंक आईडीएफसी बैंक सिंडिकेट बैंक भारतीय स्‍टेट बैंक एच डी एफ सी बैंक आईसीआईसीआई बैंक के साथ 22 अन्‍य बैंक भी शामिल है। अगर आप pytm का उपयोग करते हैं तो आप वहां से भी इसे खरीद सकते हैं।

FASTag कितने रंग के होते है। और कितने कैटेगिरी के होते है।

FASTag Kya Hota Hai: FASTag वि‍भिन्‍न प्रकार की गाडियों के लिए अलग अलग रंग के होते है एवं अलग अलग कैटेगिरी के होते है। और उन अलग-अलग वाहनों के लिए भिन्‍न-भिन्‍न दरों में टैक्‍स का भुगतान करना होता है। जो पहले से निर्धारित की गई होती है। जिसके तहत् FASTag को 2 कैटेगिरी और 7 अलग-अलग रंगों में बंटा गया है।

(1) M कैटे‍गिरी- इस कैटेगिरी में एक ही प्रकार के वाहन को रखते है। इसके अंतर्गत पर्सनल वाहन आता है। जिसका उपयोग हम अपने पर्सनल काम के लिए करते है। जिस वाहन को किसी भाड़ा एवं किराये के लिए उपयोग नहीं करते है। और जिसका नम्‍बर प्‍लेट सफेद रंग का होता है। तो इस प्रकार के वाहनों के लिए  FASTag कार्ड violet color (बैगनी रंग) का होता है।

(2) N कैटे‍गिरी- इस कैटेगिरी में विभिन्‍न प्रकार के कर्मिशियल वाहन आते है। और जिसका उपयोग हम भाड़ा ढोने, कमाने एवं किराये के लिए करते है। इस प्रकार के वाहनों के लिए  FASTag कार्ड 6 अलग-अलग रंंगोंं में मिलता है।

1 कर्मिशियल वाहन – पिकअप और छोटे प्रकार के वाहन जिसका उपयोग हम कर्मिशियल उपयोग के लिए करते है इस प्रकार के वाहनों के लिए FASTag orange color (नांरगी रंग) का होता है।

2 थोड़ा बड़ी वाहन जिसमें दो एक्‍सल लगी हो उसके लिए Green Color (हरा रंग) का FASTag होता है।

3  तीन एक्‍सल वाली वाहनों के लिए Yellow color (पीला रंग) का FASTag होता है।

4 चार, पांच, एवं छह एक्‍सल वाली वाहनों के लिए Pink color (गुलाबी रंग) का FASTag होता है।

5 सात एक्‍सल से ज्‍यादा वाली वाहनों के लिए sky blue color (आसमानी नीला रंग) का FASTag होता है।

6 मशीनरीज वाहनों जैसे जेसीबी पोकलेन आदि के लिए Black color (काला रंग) का FASTag होता है।

FASTag के क्‍या क्‍या फायदे हैं।

FASTag Kya Hota Hai: भारत में नेशनल हाईवे पर चलने के लिए परिवहन विभाग द्वारा एक शुल्‍क लिया जाता है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के कारण लगने वाली गाड़ियों की लम्बी लाइनों से लगने वाले जाम और टोल टैक्‍स का सुरक्षित भुगतान खुले में पैसे देने की समस्या को हल करने के लिए FASTag तकनीक को देश के टोल प्‍लाजा पर शुरू किया है।

FASTag की मदद से समय बचने के साथ-साथ वाहनों की पेट्रोल, डीजल की भी बचत होगी। जब भी कोई FASTag लगे वाहन से किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे, तो FASTag खाता से आपका शुल्क कटते ही आपके पास एक एसएमएस आ जाएगा। और इस एसएमएस के जरिए आपके FASTag अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है। उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी।

जीरों बैलेंस FASTag kya hota hai? यह किन लोगों के लिए होती है।

FASTag Kya Hota Hai: राष्ट्रीय राजमार्ग से अपने वाहन को ले जाने के लिए टोल प्लाजा पर टैक्स देना पड़ता है। और इस टैक्‍स भुगतान के लिए उन्हें अपनी गाड़ी पर लगाये हुए FASTag को रिचार्ज कराना पड़ता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह जीरो बैलेंस में भी उपयोग होता है। यानि कुछ लोगों को यहाँ से गुजरने के लिए कोई भी टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तरफ से वीआईपी लोगों को जीरो बैलेंस के FASTag जारी किए जाते हैं। ऐसे FASTag को एक्जमटेड FASTag नाम दिया गया है।

यह FASTag देश के सभी सांसदों और विधायकों ये दिया गया है। सांसदों की दो गाड़ियों के लिए फास्टैग मिलते हैं। एक संसदीय क्षेत्र के लिए और एक राजधानी दिल्ली के लिए जहां वो संसद सत्र में भाग लेने के लिए आते हैं। जीरो बैलेंस वाले FASTag देश के सभी नेशनल हाइवे पर मान्य होते हैं। जीरो बैलेंस के FASTag बनवाने के लिए इसके दायरे में आने वाले लोगों को NHAI की वेबसाइट पर आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद ही NHAI इसे जारी करता है।

FASTag भारत में कब शुरू हुआ था?

FASTag Kya Hota Hai: भारत में FASTag की शुरूआत 2014 में किया गया था। यह तकनीक सबसे पहले अहमदाबाद एवं मुबंई हाईवे के बीच शुरू किया गया उसके बाद जुलाई 2015 में इसे चेन्‍नई बेंगलुरू टोल प्‍लाजा में चालू किया गया। धीरे धीरे यह पूरे देश के सभी टोल प्‍लाजाओं पर लागू किया जा रहा है। FASTag तकनीक की सहायता से टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के दौरान होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सकेगी। FASTag की मदद से टोल प्लाजा में बिना रूके अपना टोल टैक्स दे सकेंगे। भारत में 16 फरवरी 2021 से परिवहन विभाग के FASTag को अनिवार्य कर दिया है।

FASTag Kya Hota Hai । FASTag कैसे काम करता है?

FAQ-

भारत में फास्‍टैग कब आया?

सन् 2014 में

भारत में फास्‍टैग की शुरूआत किसने की थी?

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पहल पर भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड द्वारा

फास्‍टैग में RFID का पूरा नाम क्‍या है?

रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन

फास्‍टैग की वैधता कितनी होती है?

5 वर्ष की

फास्‍टैग कितने प्रकार के होते है?

2 प्रकार के

भारत में कौन सी संस्था फास्टैग संचालित करती है?

भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 

फास्‍टैग कौन से वाहनों को लगाना होता है?

4 पहिया वाहनों को

फास्‍टैग पर कितना का रिचार्ज कराना होता है?

न्‍यूनतम 100 रूपये एवं अधिकतम 1 लाख रूपये

फास्‍टैग वाहन पर कहां लगाया जाता है?

वाहन के विंडस्‍क्रीन में

फास्‍टैग कितने रंग के होते हैं?

7 रंगों के

फास्‍टैग क्‍या होता है ? FASTag Kya Hota Hai

ऑनलाइन टोल टैक्‍स भुगतान करने की तकनीक

फास्‍टैग का वाक्‍य क्‍या है?

Easy to Cruise

5 डिजिटल भुगतान प्रणाली।Digital Payment Kya Hai   

System Software Kya Hota Hai। सिस्‍टम साफ्टवेयर क्‍या होता है ? इसके 6 प्रकार कितने हैं

5 डिजिटल भुगतान प्रणाली।Digital Payment Kya Hai   

Digital Payment Kya Hai   

Digital Payment Kya Hai? डिजिटल भुगतान क्‍या है?

Digital Payment Kya Hai: डिजिटल भुगतान एक प्रौद्याेगिकी है, जिसमें व्‍यापार, वित्‍तीय लेन-देन एवं व्‍यक्तिगत भुगतान की प्रक्रिया व भुगतान का देनदेन डिजिटल या ऑनलाईन मोड के माध्‍यम से होते हैं, जिसमें पैसे का भौतिक रूप से आदान-प्रदान शामिल नहीं होता है। बल्कि भुगतानकर्ता और प्राप्‍तकर्ता पैसे का आदान प्रदान करने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों का उपयोग करते है। आज के इस पोस्‍ट Digital Payment Kya Hai में डिजिटल भुगतान के कौन कौन से तरीके हैं के बारे में जानेंगे।

डिजिटल भुगतान के कौन-कौन से तरीके हैं।

Digital Payment Kya Hai आज से कुछ साल पहले की बात करें तो हम मे से अधिकांश लोगों को डिजिटल पेमेंट के बारे में पता ही नहीं था। और ज्‍यादातर लोग अपनी अपनी भुुुुुगतान के लिए कैश का ही उपयोग किया करते थे। बैंको की लम्‍बी-लम्‍बी लाईनों में खड़ा होना पड़ता था। कई तरह के फार्म भरने पड़ते थे। और इस में प्रक्रिया बहुत समय लगता था। भारत में 8 नवम्‍बर 2016 केे नोटबंदी के बाद से भुगतान करने तरीके में बहुत बदलाव आ गया है। आज के समय में हर कोई किसी न किसी माध्‍यम से डिजिटल भुगतान का सहारा लेता है। डिजिटल भुगतान के विभिन्‍न तरीकों के बारे में आगे विस्‍तार से जानेंगे।

RTGS क्‍या होता है? RTGS Digital Payment Kya Hai

डिजिटल भुगतान की इस प्रक्रिया में किसी व्‍यक्ति द्वारा भेजे गये पैसे उसी समय दूसरे व्‍यक्ति के खाता (Account) में पहुंच जाता है। और पैसों का ट्रांसफर कुछ ही क्षणों में तुरंत हो जाता है। इस RTGS के माध्‍यम से किसी को न्‍यूनतम 2 लाख रूपये एवं अधिकतम 10 लाख रूपये तक की राशि भेज सकते है। सामान्‍य रूप से RTGS प्रक्रिया का उपयोग बड़ी राशि को सुरक्षित रूप में जल्‍दी भेजने के लिए किया जाता है। डिजिटल भुगतान प्रणाली RTGS का पूरा नाम Real-time gross settlement (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट) है।

RTGS के माध्‍यम सेे किया गया प्रत्‍येक भुगतान आरबीआई के साईट पर अपडेट होतेे रहता है। क्‍यों‍कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ही RTGS प्रणाली के नेटवर्क को चलाती है। इस प्रक्रिया से किया गया भुगतान अंतिम और अपरिवर्तनीय होता है। और इस प्रणाली द्वारा किये गये भुगतान पर आरबीआई द्वारा बहुत ही कम शुल्‍क लिया जाता है। वर्तमान समय में इस प्रणाली का उपयोग सप्‍ताह में सातों दिन यानि रात हो या दिन 24 घण्‍टें कर सकते है। साथ ही इस प्रक्रिया का उपयोग बैंक के माध्‍यम से और नेटबैंकिग व मोबाईल बैंकिग के माध्‍यम से भी किया जा सकता है।

NEFT का पूरा नाम क्‍या है? NEFT Digital Payment Kya Hai

आज के इस टेक्‍नोलॉजी के दुनिया में डिजिटल पेमेंट तेजी से आगे बढ़ रहा है। डिजिटल पेमेंट सिस्‍टम NEFT की बात करें तो इसका पूरा नाम नेशनल इलेक्‍ट्राॅनिक फंड ट्रांसफर (National Electronic Funds Transfer) है। इस NEFT भुगतान के माध्‍यम से पैसे ट्रांसफर करने में कुछ ही समय लगता है। सामान्‍यत: यह समय 30 से 45 मिनट तक हो सकता है। क्‍योंकि आरबीआई के अनुसार हर 30 मिनट में NEFT के फंड ट्रांसफर बेस रीलीज किये जाते है।

जिसके अनुसार हर 30 मिनट में एक व्‍यक्ति के द्वारा जितने बार फंड ट्रांसफर की रिक्‍वेस्‍ट आई हुई होती है। उन सभी रिक्‍वेस्‍ट को Approve करके beneficiary के खाता में पैसे ट्रांसफर कर दिये जाते हैं। इस भुगतान प्रक्रिया के अंतर्गत न्‍यूनतम लेन-देन की कोई सीमा नहीं है। और इसमें भी अधिकतम 10 लाख रूपये तक की राशि एक साथ ट्रांसफर कर सकते है। इस NEFT भुगतान प्रक्रिया में खाताधारक से काेेेई भी चार्ज नहीं लिया जाता है।

साथ ही इस भुगतान प्रणाली की सुविधा का लाभ प्रतिदिन 24 घण्‍टें लिया जा सकता है। इस डिजिटल भुगतान प्रणाली का उपयोग आप बैंक की सहायता से नेटबैंकिंग और मोबाईल बैंकिंग की सहायता से भी कर सकते है। इस NEFT भुगतान सिस्‍टम को भी आरबीआई के द्वारा संंचालन किया जाता है।

IMPS भुगतान प्रणाली क्‍या है? IMPS Digital Payment Kya Hai

डिजिटल भुगतान प्रणाली IMPS का पूरा नाम Immediate Payment Service (इमिडियेट पेमेंट सर्विस) है। और इस भुगतान माध्‍यम का संचालन (NPCI) National Payments Corporation Of India (भारतीय राष्‍ट्रीय भुगतान निगम) द्वारा किया जाता है। आपको बता दें की इस भुगतान प्रक्रिया का सबसे ज्‍यादा उपयोग नेटबैंकिंग में किया जाता है। यह भुगतान सिस्‍टम भी RTGS भुगतान सिस्‍टम की तरह ही होता है। जिसमें पैसों का ट्रांसफर तुरंत होता है। यानि की लाभार्थी के खातें में उसी समय कुछ ही पलाें में पैसोंं का ट्रांसफर हो जाता है।

इस IMPS भुगतान में न्‍यूनतम ट्रांजेक्‍शन लिमिट 1 रूपये है। तथा अधिकतम 2 लाख रूपये तक का फंड ट्रांसफर कर सकते है। यानि की 2 लाख रूपये से ज्‍यादा ट्रांसफर IMPS के माध्‍यम से नहीं की जा सकती। और इसके माध्‍यम से पैसे के भुगतान के लिए अलग-अलग बैंक द्वारा अलग-अलग चार्ज लिया जाता है। और इसका उपयोग सिर्फ आनलॉइन यानि कि नेटबैंकिंग में ही कर सकते है। और इस IMPS भुगतान प्रक्रिया का उपयोग आप कभी भी कर सकते है।

NPCI क्‍या है? NPCI Digital Payment Kya Hai

आज के समय में डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया ने पैसों के देन-देेन को बहुत ही सरल एवं असान बना दिया है। डिजिटल भुगतान सिस्‍टम NPCI का पूूूरा नाम National Payments Corporation Of India (भारतीय राष्‍ट्रीय भुगतान निगम) है। इसकाेे सन् 2008 में भारतीय रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया एवं Indian Bank Association के द्वारा कंपनीज एसोसीएसन एक्‍ट के तहत् बनाया गया था।

आनलाॅॅॅइन पेमेंट सिस्‍टम RuPay कार्ड और UPI सभी को निर्देशित करने का काम NPCI के द्वारा ही किया जाता है। देश भर की दुकानें शाॅॅॅॅपिंग मॉल पेट्रोल पंंप में हाेेन वालेे प्रीपेड भुगतान के ट्रांजेक्‍शन को NPCI भुगतान प्रणाली के द्वारा ही मानीटर एवं संचालन किया जाता है। और इस भुगतान प्रणाली के अंतर्गत देशभर के लगभग सभी बैंक आतेे हैं। इसके द्वारा इंटरनेशनल पेमेंट भी किया जा सकता है।

UPI डिजिटल भुगतान प्रणाली UPI Digital Payment Kya Hai

भारत का सबसे फेमश भुगतान प्रणाली UPI है। क्‍योंकि आज के समय में सबसे ज्‍यादा UPI के माध्‍यम से ही भुगतान किया जाता है। इसका पूरा नाम UNIFIED PAYMENTS ENTERFACE है। आजकल स्‍मार्टफोन के माध्‍यम से बड़ी आसानी से UPI के जरिये भुगतान किया जा सकता है। और आज के समय में लगभग सभी के पास स्‍मार्टफोन की सुविधा उपलब्‍ध है।

जिसमें PhonePe Google Pay Paytm जैसे UPI से भुगतान करने वाल एप्‍लीकेशन मौजूद है। इस UPI को 20 अप्रैल 2016 को NPCI द्वारा लांच किया गया था। UPI को दुनिया का सबसे तेज और एडवांस पेमेंट सिस्‍टम माना जाता है। मात्र कुछ ही सेकेंड में UPI के माध्‍यम से कैश ट्रांसफर किया जा सकता है। और इस UPI का इस्‍तेमाल कभी भी किसी भी समय किया जा सकता है। इस प्रणाली में ट्रांसफर की न्‍यूनतम लिमिट 1 रूपये है। एवं अधिकतम 1 लाख रूपये तक का भुगतान कर सकते है।

इससे भुगतान करना बहुत ही आसान है। क्‍योंकि इससे पैसे ट्रांसफर करने के लिए लाभार्थी का सिर्फ मोबाईल नम्‍बर या बैंक खाता नम्‍बर की ही जरूरत पड़ती है। किसी भी व्‍यक्ति को अपने मोबाईल में UPI की सेवा शुरू करने के लिए इस UPI प्रणाली से भुगतान करने वाला एप की जरूरत होती हैं। इन एप के माध्‍यम से व्‍यक्ति कुछ ही क्षणों में बिना किसी कागजात के ऑनलाईन ही अपना बैंक खाता उस एप में जोड़कर इस UPI की इस सेवा का लाभ ले सकता है।

Digital Payment Kya Hai डिजिटल भुगतान के विभिन्‍न प्रणाली

Lakshadweep Tourism In Hindi।लक्षद्वीप के 12 प्रसिद्ध स्‍थल।

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Lakshadweep Tourism In Hindi।लक्षद्वीप के 12 प्रसिद्ध स्‍थल।

Lakshadweep Tourism In Hindi

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल के रूप में

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप भारत का एक बहुत ही सुंदर और खूबसूरत द्वीप समूह है, जो अरब सागर में स्थित है, और लक्षद्वीप भारत का एक केन्‍द्र शासित प्रदेश है, लक्षद्वीप का अर्थ लाखों समूह का द्वीप होता है, यह स्‍थल अपने आप में एक अनोखा, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्‍कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। और घूमने जाने के लिए यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल के रूप में लोगों के बीच लोकप्रिय है। आज के पोस्‍ट के माध्‍यम से हम लक्षद्वीप के प्रसिद्ध स्‍थलों के बारे में जानेगें।

लक्षद्वीप के इतिहास के बारे में जानकारी

lakshadweep tourism in hindi: भारत का सबसे छोटा केन्‍द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का इतिहास बहुत ही प्राचीन है, ऐसा माना जाता है, कि इस द्वीप का आखरी शासक चेरमन पेरूमल था। भारतीय इतिहास में राज्‍यों के पुर्नगठन के समय 1 नवंबर सन् 1956 में लक्षद्वीप को मद्रास से अलग कर एक केन्‍द्र शासित प्रदेश के रूप में दर्जा दिया गया। लक्षद्वीप की राजधानी कवारती है। लक्षद्वीप पहले मिनिकॉय, लेकडाइव और अमिंडी द्वीप के नाम से जाना जाता था। आज के समय में लक्षद्वीप एक प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल के लिए जाना जाता है।

लक्षद्वीप के 12 प्रमुख प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल

lakshadweep tourism in hindi: भारत में बहुत सारे पर्यटन स्‍थल है, जहां पर आप अपने परिवार और दोस्‍तों के साथ घूमने के लिए जा सकते है, लेकिन आज हम एक ऐसे पर्यटन स्‍थल लक्षद्वीप के बारे में बताने जा रहे है। जहां पर आपको एक साथ कई अलग अलग बेहद खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर प्रसिद्ध 12 पर्यटन स्‍थलों की जानकारी मिल जायेगी जिससे की आप भी उस स्‍थान पर जा सके और वहां के मनोरम दृश्‍य का आंनद ले सके‍।

मिनिकॉय द्वीप /Minicoy Island/

lakshadweep tourism in hindi: मिनिकॉय द्वीप लक्षद्वीप का एक प्रमुख एवं आकर्षक पर्यटन स्‍थल है, यह लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। स्‍थानीय भाषा में मिनिकॉय द्वीप को मलिकू कहा जाता है, मिनिकॉय द्वीप कोचीन समुद्री तट से लगभग 400 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

इस द्वीप पर अरब सागर का सुन्‍दर नीला पानी देखने लायक होता है। मिनिकॉय द्वीप पर मूंगे की चट्टानें, सफेद रेत, एवं विभिन्‍न प्रकार के रत्‍न देखने को मिल जाते है। यह पर रेस्‍टोरेंट लक्‍जरी रिर्सोट बने हुए है। यहां पर आने वाले पर्यटक इस स्‍थान पर खाना खाने और रूकने के लिए जा सकते है।

कवारत्‍ती द्वीप /Kavaratti Island/

lakshadweep tourism in hindi: कवारत्‍ती केन्‍द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की राजधानी है, इसको लक्षद्वीप का जान कहा जाता है, यह सबसे सुंदर जगहों में से एक है। कवारत्‍ती पर्यटन स्‍थल कोच्‍ची समुद्री तट से लगभग 360 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह द्वीप प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर होने के साथ-साथ सफेद चमकीली मखमली जैसे रेत एवं आकर्षक खूबसूरत परिदृश्‍यों के लिए जाना जाता है।

कवारत्‍ती द्वीप में नारियल के खूबसूरत पेड़ एवं समुद्री जल में होने वाली प्राकृतिक गतिविधियां यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर लुभाती है। कवारत्‍ती द्वीप अपने 12 एटोल, 5 जलमग्‍न बैंक एवं तीन प्रवालि भित्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वीप घूमने के लिए सबसे अच्‍छी जगह है, एवं सबसे अधिक पर्यटक इस स्‍थल पर घूमने के लिए आते है।

अगत्‍ती द्वीप /Agatti Island/

lakshadweep tourism in hindi: अगत्‍ती द्वीप समूह लक्षद्वीप के रोमांचित जगहों में से एक है। इस स्‍थान को आप हनीमून प्‍वाइंंट भी कह सकते है। क्‍योंकि इस स्‍थान पर सबसे अधिक कपल और शादी शुदा जोड़े घूमने के लिए आते है। यह द्वीप लगभग 8 कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। और इस द्वीप को बहुत ही सुंंदर तरीके से सजाया गया है।

इस द्वीप पर 8000 से अधिक लोग निवास करते है। यह स्‍थान समुद्री वनस्‍पतियों, मूंगा भित्तियां, प्राकृतिक सौंदर्य एवं भौगोलिक संरचनाओं से भरपूर है। जो यहां आने वाले पर्यटकों का और भी अधिक आकिर्षित करती है।

बांगरम द्वीप /Bangaram Island/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप का बांगरम द्वीप समूह एक बहुत ही लुभावनी और अदभूत जगह है। यह द्वीप रत्‍नों के द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। यहां आने वाले पर्यटक सुंदर सुंदर मछलियों के साथ तैरना, डॉल्फिन देखना, वाटर स्‍पोर्टस, सूर्योदय और सूर्यास्‍त के मनोरम दृश्‍य का आनंद ले सकते है।

महासागर के साफ नीले पानी में विभिन्‍न गतिविधि और स्‍कूबा डाइविंग का भी लुफ्त उठा सकते है। यहां रेत पर बैठने और लेटने के लिए सारी व्‍यवस्‍था की गई है। जिसका आप शानदार तरीके से मजा ले सकते है। और यहां आकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते है।

कलपेनी द्वीप /Kalpeni Island/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप के कई सारे प्रमुख जगहों में से एक कलपेनी द्वीप भी है जो अपनी अनुपम खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। इस द्वीप को कोइफैनी द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। लक्षद्वीप का यह प्रसिद्ध द्वीप है। इसकी समुद्री लहरों को देखने के लिए पर्यटक लाखों की संख्या में आते हैं।

समुद्री लहरों के कारण यहां का दृश्य आकर्षक और बेहतरीन हो जाता है। चेरियम, पित्ती, और तिलकक्म इन तीनों अलग अलग द्वीप से मिलकर कलपेनी द्वीप का निर्माण हुआ है। इस द्वीप पर भी आप एक्टिविटी कर सकते हैं। यहां पर आप नौकायन, कैनोइंग, कायलिंग आदि कई प्रकार की एक्टिविटी कर सकते हैं। आप इस द्वीप पर बोटिंग का भी लुफ्त ले सकते हैं।

कदमत द्वीप /Kadmat Island/

lakshadweep tourism in hindi: कदमत द्वीप लक्षद्वीप का प्रमुख पर्यटन स्थल है, इस जगह को देखने के लिए सबसे ज्यादा यहां कपल्स और प्रेमी जोड़े आते हैं। कदमत द्वीप लगभग 9 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। ये जगह भी लोगों को आकर्षित करता है, सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए बेहद लोकप्रिय स्‍थान होने के कारण पर्यटक हजारों की संख्या में इस द्वीप पर घूमने के लिए आते हैं।

यहां आप कई फेमस एक्टिविटीज भी कर सकते हैं जैसे पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग, कयाकिंग और स्नोर्केलिंग आदि शामिल हैं। लक्षद्वीप घूमने आने पर आप इस जगह पर आ सकते हैं। और यहां के सुंदर वातावरण का जमकर मजा ले सकते हैं।

अमीनी द्वीप /Amini Island/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप में स्थित यह अमीनी द्वीप अपनी अनूठी संस्कृति और प्राकृतिक सुन्दरता के प्रसिद्ध है। यहाँ पर सिर्फ भारतीय पर्यटक ही जा सकते है। विदेशी पर्यटक को इस द्वीप पर जाने की अनुमति नही है।

इस द्वीप की सबसे बड़ी खासियत इसके सफ़ेद रेतीले समुद्री तट और नीला समुद्री पानी है। यहाँ पर आप स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग, कयाकिंग, और विंडसर्फिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ की  स्थानीय संस्कृति, जीवनशैली, पारंपरिक कला, शिल्प, और नृत्य पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते है।

मरीन संग्रहालय/Marine Museum/

lakshadweep tourism in hindi: मरीन संग्रहालय लक्षद्वीप के कवारत्ती द्वीप पर स्थित है। मरीन संग्रहालय में समुद्र से जुड़ी अनके कलाकृतियां संग्रहीत कर रखी हुई है। इस म्यूजियम में समुद्री मछलियों और पानी के जलीय जीवों की प्रजातियां सबसे अधिक देखी जाती हैं।

अगर आप समुद्री जीवन जैसी गतिविधियों में दिलचस्‍पी रखते हैं, और इससे जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको मरीन म्यूजियम जरूर जाना चाहिए। इस मरीन संग्रहालय को समुद्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाया गया था। यह मरीन संग्रहालय सुबह 10 बजे खुलता है और शाम को 6 बजे बंद हो जाता है।

प्रकाश स्‍तंभ /Light House/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप में घूमने के लिए प्रमुख जगहों में यह एक प्रकाश स्तंभ भी है। जो लक्षद्वीप के मिनकाय द्वीप पर स्थित है। यह लाइट हाउस करीब 300 फिट की ऊंचाई पर बना हुआ है, जिसके निर्माण वर्ष 1985 में किया गया था। लक्षद्वीप आने पर आप इस जगह में घूमने के लिए जा सकते है और इस लाइट हाउस को देखने का आनंद ले सकते है।

स्‍कूबा डाइविंग/Scuba Diving/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप एक ऐसी जगह है, जहां आप स्कूबा डाइविंग का भरपूर मजा ले सकते हैं। लक्षद्वीप स्कूबा डाइविंग के लिए काफी ज्यादा लोकप्रिय है। स्कूबा डाइविंग के शौकीन पर्यटकों के लिए लक्षद्वीप एक किसी स्वर्ग से कम नही हैं। यहाँ आपको आनंदित कर देने वाले दृश्य देखने को मिलेंगे।

लक्षद्वीप में अगत्ती, कदमत और बांगरम ऐसे तीन द्वीप हैं जो कि स्कूबा डाइविंग के लिए काफी प्रसिद्ध स्‍‍थल माने जाते हैं। इन द्वीपों पर स्कूबा डाइविंग करने के लिए आपको लगभग 2000 रूपए (लगभग) प्रति डाइविंग शुल्क देना होता है। यदि आप लक्षद्वीप की यात्रा पर आते हैं तो स्कूबा डाइविंग का लुफ्त लेना ना भूले।

वाटर स्‍पोर्टस/Water Sports/

lakshadweep tourism in hindi: अगर आप लक्षद्वीप में घूमने का प्‍लान बना रहे है, तो प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा यहाँ होने वाले विभिन्‍न प्रकार के वाटर स्पोर्ट का आनंद भी ले सकते हैं। लक्षद्वीप में होने वाले पानी से सम्बंधित प्रमुख खेलो में पैडल बोटिंग, स्कूबा डाइविंग, नौकायन, स्नैचिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, सफरिंग, स्विमिंग, जेट स्की, बनाना बोट राइड, पावर पतंग, पतंग सर्फिंग, काड बाइक की सवारी, वेक बोर्डिंग, पैरासेलिंग आदि शामिल हैं।

पानी से संबधित इन खेलो का शुल्क लगभग 750 रूपए से शुरू होता है। और इन खेलों का आप भरपूर मजे ले सकते है।

यॉट क्रूज

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप में मनोरंजन के कई साधन मौजूद हैं जिसमें से यॉट क्रूज भी एक है। अगर आप लक्षद्वीप घूमने जा रहे है, तो इसका आनंद जरूर लें। इस क्रूज के द्वारा आप समुद्र के सुंदर नीले पानी और बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। और आप बहुत ही करीब से समुद्र के जीव को छू सकते हैं, जो पर्यटक क्रूज की सवारी को कर लेता है। वो वर्ष में एक बार लक्षद्वीप घूमने के लिए जरूर आएगा।

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Mohammed shami biography in hindi: मोहम्‍मद शमी का जीवन परिचय

Mohammed shami biography

मोहम्‍मद शमी का जीवन परिचय Mohammed shami biography

Mohammed shami biography: मोहम्‍मद शमी एक भारतीय क्रिकेटर है, जो अपनी तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर है। शमी दांये हाथ से गेंदबाजी करते है। मोहम्‍मद शमी ने अपनी क्रिकेट कैरियर की शुरूआत पंश्चिम बंगाल की रणजी ट्राफी टीम के साथ की, और उन्‍होने अपना पहला अंतरराष्‍ट्रीय मैच भारत की ओर से 2013 में खेलते हुए भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाई और टी-20, वनडे, और टेस्‍ट क्रिकेट में अपनी प्रतिभा के दम पर दमदार प्रदर्शन प्रदर्शन कर रहे है। आज के इस पोस्‍ट Mohammed shami biography के माध्‍यम उनके जीवन के बारे में आपको जानकारी देगें।  

नाममोहम्‍मद शमी
पूरा नाममोहम्‍मद शमी अहमद
उपनामलालाजी
जन्‍म तिथि03 सितबंर 1990
जन्‍म स्‍थानअमरोह उत्‍तरप्रेदेश
पिता का नामतौसिफ अली अहमद
माता का नामअंजुम आरा
पत्नि का नामहसीन जहां
पुत्री का नामआयरा शमी
नागरिकताभारतीय
धर्मइस्‍लाम
वर्तमान पतादिल्‍ली, भारत
कैरियरभारतीय क्रिकेटर
विवाह की तिथि06 जून 2014
सम्‍मानअर्जुन पुरस्‍कार 2023
Mohammed shami biography

मोहम्‍मद शमी का जन्‍म और जन्‍म स्‍थान (Mohammed shami biography)

Mohammed shami biography: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्‍मद शमी का जन्‍म 03 सितंबर सन् 1990 को उत्‍तरप्रदेश राज्‍य के अमरोह के सहसपुर नामक गांव में एक किसान परिवार में हुआ। शमी का पूरा नाम मोहम्‍मद शमी अहमद है। उनके पिता का नाम तौसिफ अली अहमद है। एवं उनकी मां का नाम अंजुम आरा है।

मोहम्‍मद शमी के पिता भी तेज गेंदबाजी किया करते थे। लेकिन गांव में सुविधा नहीं होने कारण क्रिकेट में अपना कैरियर नहीं बना पाये। मोहम्‍मद शमी के क्रिकेटर बनने में उनके पिता का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है। शमी के पिता ने मुरादाबाद के क्रिकेट कोच बदरूद्धीन सिद्धीकी के पास ले गये जहां उन्‍होने क्रिकेट की कोंचिग ली और अपने पिता का सपना पूरा कर पाये।

मोहम्‍मद शमी की शिक्षा

Mohammed shami biography: मोहम्‍मद शमी ने प्राथमिक स्‍तर की प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्‍म स्‍थान ग्राम अमरोह से की है। वे एक किसान परिवार से सबंध रखते है। उनका अधिकांश समय क्रिकेट में ही बीता है। वे अपना पूरा ध्‍यान क्रिकेट पर ही देते थे जिसके चलते ज्‍यादा पढ़ाई नहीं कर पाये और उन्‍होने सिर्फ 10 कक्षा तक ही पढ़ाई की है।  

मोहम्‍मद शमी का क्रिकेट कैरियर की शुरूआत

Mohammed shami biography: मोहम्‍मद शमी ने क्रिकेट खेलने साथ ही अपनी व्‍यक्तिगत जीवन में भी कई कठिनाईयों का सामना किया है। फिर भी उन्‍होने क्रिकेट कैरियर के प्रदर्शन में अपनी योग्‍यता बनाये रखा। मोहम्‍मद शमी की खेलने की शैली उनकी तेज गेंदबाजी और स्विंग है। मोहम्‍मद शमी ने अपने क्रिकेट कैरियर में कई अच्‍छे प्रदर्शन कियें है, और वह भारतीय टीम के एक महत्‍वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह बनाये हुए है। आगे उनके क्रिकेट कैरियर की सभी फारमेट के बारे में जानेगें।

  • मोहम्‍मद शमी का घरेलू क्रिकेट में कैरियर:- मोहम्‍मद शमी ने अपने घरेलू क्रिकेट कैरियर की शुरूआत 2010 में पश्चिम बंगाल रणजी ट्रॉफी के साथ की अपने डेब्‍यू मैच में उन्‍होने असम के खिलाफ 3 विकेट लिए।
  • मोहम्‍मद शमी का वनडे क्रिकेट में कैरियर:-मोहम्‍मद शमी ने वनडे क्रिकेट में 6 जनवरी 2013 को पाकिस्‍तान के खिलाफ डेब्‍यू किया था और कापी अच्‍छी गेंदबाजी करते हुए 9 ओवर में 23 रन देकर 1 विकट लिये थे। और अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम में अपनी ज‍गह बनाई।
  • मोहम्‍मद शमी का टेस्‍ट क्रिकेट में कैरियर:- मोहम्‍मद शमी ने अपनी टेस्‍ट क्रिकेट कैरियर की शुरूआत 6 नवंबर 2013 को वेस्‍टइंडीज के खिलाफ किया था। जिसमें उन्‍होने अपने पहले ही मैच में उन्‍होने 9 विकेट लिये। जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
  • मोहम्‍मद शमी का टी-20 क्रिकेट में कैरियर:- मोहम्‍मद शमी ने टी-20 क्रिकेट कैरियर की शुरूआत 30 मार्च 2014 को टी-20 विश्‍वकप में पाकिस्‍तान के खिलाफ डेब्‍यू किया और अपनी डेब्‍यू मैच में उन्‍होने 4 ओवर में 31 रन देकर 2 विकेट चटकाए थे।
  • मोहम्‍मद शमी का आईपीएल क्रिकेट में कैरियर:- मोहम्‍मद शमी नें 2013 मे कोलकाता नाइट राईडर्स के आईपीएल में डेब्‍यू किया था।

मोहम्‍मद शमी का वैवाहिक जीवन

Mohammed shami biography: मोहम्‍मद शमी की शादी 06 जून सन् 2014 को एक मॉडल और आईपीएल में चियर लीडर हसीन जहां से हुई थी। 2015 में शादी के एक साल बाद उनकी एक बेटी का जन्‍म हुआ जिसका नाम आयरा शमी है। और शादी के कुछ साल बाद ही सन् 2018 में हसीन जहां ने मोहम्‍मद शमी पर घरेलू हिंसा और देहेज का आरोप लगाया और वे दोनो अलग हो गये। उन दोनो की पहली मुलाकात 2012 में हुई थी। उस समय हसीन जहां कोलकाता नाइट राईडर्स की चियर लीडर थी। शमी को हसीन जहां से पहली नजर में की प्‍यार हो गया था।

मोहम्‍मद शमी को अर्जुन पुरस्‍कार 2023 से सम्‍मानित किया गया है

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्‍मद शमी को हाल ही में अर्जुन पुरस्‍कार 2023 से सम्‍मानित किया गया है। मोहम्‍मद शमी ने वनडे विश्‍वकप 2023 में अपनी गेंदबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 7 मैचों में 24 विकेट लेते हुए सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। क्रिकेट में उनकी इस उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन को देखते हुए भारत के राष्‍ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने प्रतिष्ठित् अर्जुन पुरस्‍कार 2023 से उन्‍हे सम्‍मानित किया है।

अर्जुन पुरस्‍कार 2023

Mohammed shami biography निष्‍कर्ष:-

Mohammed shami biography: मोहम्मद शमी, भारतीय क्रिकेट टीम के एक उम्‍दा तेज गेंदबाज हैं, वे 145 किमी प्रति घण्‍टे की स्‍पीड से  गेंदबाजी करते है,और अपने नाम को चर्चा में रखते हैं। शमी ने अपने करियर की शुरुआत से ही उच्च गति और उच्च स्तरीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है। अपनी बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत आज भारतीय क्रिकेट टीम के नियमित सदस्‍य बन गये है।

मोहम्मद शमी ने अपने खेल के अलावा अपने व्यक्तिगत जीवन में भी कई संघर्षों का सामना किया है। उन्होंने संघर्षशीलता और सहयोग की भावना के साथ अपने लिए और टीम के लिए महत्वपूर्ण रूप से योगदान दिया है।

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FAQs:-

मोहम्‍मद शमी का जन्‍म कब हुआ था?

03 सितबंर 1990 को

मोहम्‍मद शमी का जन्‍म कहां हुआ था?

अमरोह उत्‍तरप्रदेश में

मोहम्‍मद शमी के पिता का क्‍या नाम था?

तौसिफ अली अहमद

मोहम्‍मद शमी का पूरा नाम क्‍या है?

मोहम्‍मद शमी अहमद

मोहम्‍मद शमी की मां का नाम क्‍या है?

अंजुम आरा

मोहम्‍मद शमी की पत्नि का नाम क्‍या है?

हसीन जहां

मोहम्‍मद शमी की बेटी नाम क्‍या है?

आयरा शमी

मोहम्‍मद शमी को कौन से पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया है?

अर्जुन पुरस्‍कार 2023

मोहम्‍मद शमी का उपनाम क्‍या है?

लालाजी

मोहम्‍मद शमी कितनी स्‍पीड से गेंदबाजी करते हैं?

145 किमी प्रति घण्‍टे की स्‍पीड से

मोहम्‍मद शमी ने वनडे विश्‍वकप 2023 में कितने विकेट लिये हैं?

7 मैचों में 24 विकेट

मोहम्‍मद शमी की शादी कब हुई थी?

06 जून 2014 को

Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा का जीवन परिचय

Jaipal Singh Munda Biography

जयपाल सिंह मुंडा का जीवन परिचय (Jaipal Singh Munda Biography)

Jaipal Singh Munda Biography: हॉकी से लेकर राजनीति में जयपाल सिंह मुंडा की अहम भूमिका थी अविभाजित बिहार राज्‍य की उपमुख्‍यमंत्री बनाये गये थे प्रदेश के खिलाड़ियों के आदर्श और झारखण्‍ड आंदोलन के अगुहा थे। आज आदिवासी उन्‍हे मरांग गोमके के नाम से जानते है। जयपाल सिंह मुंडा एक अंतराष्‍ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, क्रांतिकांरी, संविधान सभा के सदस्‍य और भारतीय राजनेता के रूप में विख्‍यात थे उनके द्वारा कई उत्‍कृष्‍ट कार्य किये गये।

जयपाल सिंह मुंडा अपने योगदान और साहसिक कार्य, सेवाएं के लिए प्रसिद्ध है। वे अपने देश समाज के लिए लोकप्रिय व्‍यक्ति होने के साथ साथ आदिवासियों के मसीहा के रूप में भी जाने जाते है, आदिवासी वर्ग समुदाय के लिए उन्‍होने बढ़चढ़ कर हिस्‍सा लिया उनके द्वारा किये गये महान कार्य के लिए देश दुनिया में आज भी याद किये जाते है। आज के इस पोस्‍ट Jaipal Singh Munda Biography के माध्‍यम से उनके जीवन से जुड़ी विभिन्‍न पहलुओं के बारे में जानेगें।

जयपाल सिंह मुंडा का आंरभिक जीवन (Jaipal Singh Munda Biography)

Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा का जन्‍म झारखंड राज्‍य की राजधानी रांची से 30 किमी दूर खूंटी जिले में स्थित टकरा नामक छोटे से गांव में 3 जनवरी 1903 को एक मुंडा जनजाति के आदिवासी परिवार में हुआ था। बचपन के दिनो में उन्‍हे प्रमोद पहान के नाम से पुकारा जाता था। जयपाल सिंह मुंडा का वास्‍तविक नाम ईश्‍वर जयपाल सिंह था लेकिन उन्‍हे झारखंड के आदिवासी मरड़ गोमके कहते थे। इनके पिता का नाम अमरू पहान था।

जयपाल सिंह मुंडा की शिक्षा (Jaipal Singh Munda Biography)

Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा की प्रारंभिक शिक्षा उनके गृह ग्राम टकरा में ही हुई उसके बाद 03 जनवरी 1911 को वे रांची के सेंट पॉल स्‍कूल में आ गये इस स्‍कूल के प्रिंसीपल कासग्रेव थे। जयपाल सिंह मुंडा बचपन से ही पढ़ाई में बहुत ही प्रतिभाशाली छात्र थे। पढ़ाई के साथ साथ खेल में भी उनकी गहरी रूची थी। उनके पढ़ाई और खेल के प्रति लगन को देखकर प्रिंसीपल कासग्रेव ने जयपाल सिंह मुंडा के प्रतिभा को पहचाना और काफी प्रभावित हुए। प्रिंसीपल कासग्रेव जयपाल सिंह मुंडा के प्रारम्भिक गुरू भी थे।

जब कासग्रेव प्रिंसीपल के पद से सेवानिवृत हुए उसके बाद उन्‍होने जयपाल सिंह मुंडा को इंग्‍लैण्‍ड लेकर चले गये। और इंग्‍लैण्‍ड में ही जयपाल सिंह मुंडा ने अपना ग्रेजुएशन राजनीति, अर्थशास्‍त्र, और फिलासॉफी में पूरा किया। उसके बाद मास्‍टर डिग्री के लिए ऑक्‍सफोर्ड के सेंट जॉन्‍स कॉलेज में एडमिशन लिया और अर्थशास्‍त्र में उन्‍होनें मास्‍टर डिग्री पूरी की। पढ़ाई के अलावा उन्‍हे हॉकी खेलने का शौक था। और वाद‍ विवाद में भी उन्‍होने खूब नाम कमाया।

जयपाल सिंह मुंडा ने हॉकी में भारत को पहला गोल्‍ड मेडल दिलाया

Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा अपनी प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध थे। वे हॉकी के एक कमाल के खिलाड़ी थे। सन् 1925 में हाॅॅॅकी में ऑक्‍सफोर्ड ब्‍लू का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय छात्र बने। जयपाल सिंह मुंडा जब सन् 1928 में इंग्‍लैण्‍ड में थे। और उन्‍हे उस समय 1928 के ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम की कप्‍तानी करने के लिए कहा गया, उन्‍होने भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्‍व किया था। भारतीय टीम ने उनकी कप्‍तानी में 17 मैचों में से 16 मैच जीते और एक ड्रा रहा और इस तरह से जयपाल सिंह मुंडा ने अपनी कप्‍तानी में भारत को हॉकी में पहला स्‍वर्ण पदक दिलाया था।

जयपाल सिंह मुंडा ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की थी

Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा ने पढ़ाई में भी अपनी प्रतिभा दिखाई थी, उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आई सी एस) में हुआ था और उन्‍हे भारतीय सिविल सेवा में काम करने के लिए चुना गया था। सन् 1928 में ओलंपिक हॉकी में भारत को पहला स्‍वर्ण पदक जिताने वाले भारतीय टीम के कप्‍तान के रूप में नीदरलैंड चले गये। जिसके कारण से उनका सिविल सर्विसेज का प्रशिक्षण प्रभावित हुआ। वापस आने के बाद उन्‍हे दोबारा प्रशिक्षण पूरा करने के  लिए कहा गया लेकिन उन्‍होने मना कर दिया और बाद में इस्‍तीफा दे दिया। और देश के लिए आईएएस की नौकरी त्‍याग दी।

जयपाल सिंह मुंडा का योगदान (Jaipal Singh Munda Biography)

Jaipal Singh Munda Biography: भारत देश को अंग्रेजों के चुंगल से छुड़ाने मे कई वीर सपूतों का योगदान था उन्‍ही में एक झारखंड के जयपाल सिंह मुंडा भी थे जयपाल सिंह मुंडा एक आंदोलनकारी नेता के रूप में भी जाने जाते है। देश को आजाद कराने में उनकी अहम भूमिका थी। जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों के मसीहा थे।

जयपाल सिंह मुंडा के प्रयासों से ही 400 आदिवासी समूह को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला। सन् 1938 में उन्‍होने आदिवासी महासभा की अध्‍यक्षता ग्रहण की थी आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए सन् 1950 में राज‍नीतिक दल झारखण्‍ड पार्टी बनाई। जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों के अधिकार की आवाज बन गये ।

संविधान सभा के सदस्‍य के रूप में उनका भाषण (Jaipal Singh Munda Biography)

Jaipal Singh Munda Biography: भारत देश जब आजाद हुआ और भारत का संविधान डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर की अध्‍यक्षता में लागू हुआ उस संविधान सभा में कई सदस्‍य थें उन्‍ही में एक जयपाल सिंह मुंडा भी थे। जब भारत का संविधान तैयार किया जा रहा था। तब जयपाल सिंह मुंडा ने संविधान सभा में अपनी भाषण में कहा था।

मैं सभी से कहना चाहूंगा की अगर कोई देश में सबसे अधिक जुल्‍म का शिकार हुआ है, तो वह हमारे लोग है, पिछले 6000 सालों से उनकी उपेक्षा हुई है, और उनके साथ अपमानजनक व्‍यवहार किया गया है। मैं जिस सिंधु घाटी सभ्‍यता का वंशज हूं। जो उसका इतिहास बताता है, कि आप में से अधिकांश लोग जो यहां बैठे हैं, बाहरी है, घुसपैठिए है, जिनके कारण हमारे लोगों को अपनी धरती छोड़कर जंगल में जाना पड़ा। इसलिए जो यहां संकल्‍प पेश किया जा रहा है।

वह आदिवासियों को लोकतंत्र नहीं सिखाने जा रहा है। आप सब आदिवासियों को लोकतंत्र नहीं सिखा सकते बल्कि उनसे लोकतंत्र सीखना है, आदिवासी पृथ्‍वी पर सबसे अधिक लोकतांत्रिक लोग हैं, मैं कहूंगा क‍ि हमारे लोगों का पूरा इतिहास गैर आदिवासियों के अंतहीन उत्‍पीड़न और बेदखली को रोकने का इतिहास है।

मैं आप सब के कहे हुए पर भी विश्‍वास कर रहा हूं कि हम लोग एक नये अध्‍याय की शुरूआत करने जा रहे है, स्‍वतंत्र भारत में एक नये अध्‍याय की जहां सभी समान होंगें जहां सबको बराबर का अवसर मिलेगा और एक भी नागरिक उपेक्षित नहीं होगा हमारे समाज में जाति के लिए कोई जगह नहीं होगी। हम सभी बराबर होगें।

जयपाल सिंह मुंडा की मृत्‍यु (Jaipal Singh Munda Biography)

Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा का निधन 20 मार्च 1970 को मतिष्‍क रक्‍तस्‍त्राव होने के कारण उनके निवास दिल्‍ली में हुई। निधन के समय उनकी आयु 67 वर्ष की थी।

इनके बारे में भी जानें:-

जयपाल‍ सिंह मुंडा हॉकी स्‍टेडियम

जयपाल सिंह मुंडा के सम्‍मान में झारखण्‍ड सरकार द्वारा सन् 2013 में रांची में एक हॉकी स्‍टेडियम खोला गया है। आज के युवा खिलाड़ियो के लिए जयपाल सिंह मुंडा प्रेरणा स्‍त्रोत है। युवा खिलाड़ी उन्‍हे अपना आदर्श मानते है और आज भी खूंटी से सबसे ज्‍यादा हॉकी खिलाड़ी निकलते है।

जयपाल‍ सिंह मुंडा खेल रत्‍न पुरस्‍कार

झारखण्‍ड सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाल खिलाड़ी को जयपाल सिंह मुंडा खेल रत्‍न पुरस्‍कार प्रदान किया जाता है।

जयपाल‍ सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना

जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना झारखण्‍ड सरकार की कल्‍याणकारी योजना है, जिसके तहत् झारखण्‍ड सरकार द्वारा आदिवासी विद्यार्थियों के लिए ऑक्‍सफोर्ड और कैंब्रिज जैसे प्रतिष्‍ठत यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दिया जाता है।

Success Story Of Manoj Kumar Sharma” 12 वीं फेल IPS अधिकारी मनोज शर्मा की सफलता की कहानी।

सुहानी शाह की बायोग्राफी । Suhani Shah Ka Jivan Parichay

Faqs

जयपाल सिंह मुंडा कौन से जनजाति के थे?

मुंडा जनजाति

जयपाल सिंह मुंडा के प्रारम्भिक गुरू कौन थे?

कासग्रेव

जयपाल सिंह मुंडा के बचपन का नाम क्‍या था?

प्रमोद पहान

जयपाल सिंह मुंडा के पिता का क्‍या नाम था?

अमरू पहान

हॉकी में भारत को पहला गोल्‍ड मेडल किसने दिलाया था?

जयपाल सिंह मुंडा

जयपाल सिंह मुंडा को आदिवासी किस नाम से पुकारते है?

मरांग गोमके

मरांग गोमके का क्‍या मतलब होता है?

महान नेता

हॉकी में आक्‍सफोर्ड ब्‍लू पुरस्‍कार पाने वाले पहले भारतीय छात्र कौन थे?

जयपाल सिंह मुंडा

मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना किसके नाम पर दिया जाता है?

जयपाल सिंह मुंडा

जयपाल सिंह मुंडा की मृत्‍यु कैसे हुई?

मतिष्‍क रक्‍तस्‍त्राव के कारण

जयपाल सिंह मुंडा ने कौन से पार्टी का गठन किया था?

झारखण्‍ड पार्टी

जयपाल सिंह मुंडा का मूल स्‍थान क्‍या था?

दक्षिणी छोटा नागपुर

सर्वप्रथम बिहार राज्‍य से अलग झारखण्‍ड राज्‍य की मांग किसने की?

जयपाल सिंह मुंडा

जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्‍टेडियम कहां स्थित है?

रांची में

जयपाल सिंह मुंडा किस खेल के खिलाड़ी थे?

हॉकी

जयपाल सिंह मुंडा को किस राज्‍य का उपमुख्‍यमंत्री बनाया गया था?

बिहार

जयपाल सिंह मुंडा वास्‍‍तविक नाम क्‍या था?

ईश्‍वरदास जयपाल सिंह

Success Story Of Manoj Kumar Sharma” 12 वीं फेल IPS अधिकारी मनोज शर्मा की सफलता की कहानी।

Success Story Of Manoj Kumar Sharma

Success Story Of Manoj Kumar Sharma

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: UPSC Exam संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, यह भारत के संविधान द्वारा स्‍थापित एक संवैधानिक निकाय है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों के नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। इस परीक्षा में हर साल कई छात्र शामिल होते है, लेकिन सफलता कुछ छात्रों को ही मिलती है। कई छात्र ऐसे भी होते है, जो एक बार में सफल नहीं होने पर हार नहीं मानते और अपने दृढ़ निश्‍चय से हर कठिनाईयों को पार करते हुए सफलता हासिल कर ही लेते है।

कुछ ऐसे की कहानी आईपीएस ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा की है। जिन्‍होने अपनी जिदंगी में कभी हार नहीं मानी और विभिन्‍न कठिन परिस्थियों को पार करते हुए सफलता हासिल की उनकी सफलता की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। जो आत्‍मविश्‍वास, संघर्षशीलता, और कड़ी मेहनत से कैसे बड़ी से बड़ी कठिनाई को भी पार पाया जा सकता है। तो आज के इस पोस्‍ट Success Story Of Manoj Kumar Sharma में आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की सफलता के बारे में जानेगे।

मनोज कुमार शर्मा का प्रारंभिक जीवन

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: आईपीएस मनोज कुमार शर्मा का जन्‍म 3 जुलाई सन् 1975 को मध्‍यप्रदेश के मुरैना जिले के अंतर्गत एक छोटे से गांव बिलग्राम में हुआ था। इनके पिता रामवीर शर्मा कृषि विभाग में कृषि विस्‍तार अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। मनोज कुमार शर्मा की घर और परिवार की आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं थी एवं उनकी पढ़ाई में कोई खास रूची नहीं थी। मनोज कुमार शर्मा ने बचपन के आम जीवन में काफी संघर्ष किया और उनके इस संघर्ष में उनकी मां का काफी महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है।

मनोज कुमार शर्मा 12वीं में फेल हो गये थे

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा की बचपन से ही पढ़ाई के क्षेत्र में कम रूची थी। उन्‍होने अपने पिता के साथ रहते हुए 8वीं तक की पढ़ाई रायपुर, गरियाबंद और फरसाबाद से पूरी की मनोज कुमार शर्मा कक्षा 9 वीं और 10 वीं में तृतीय श्रेणी से पास हुए थे। 12 कक्षा की पेपर में एसडीएम द्वारा नकल रोके जाने के कारण हिंदी विषय के अलावा बाकी सभी विषय में फेल हो गये थे। स्‍कूल के दिनों में फेल होने के बाद भी उन्‍होने कभी हार नहीं मानी और जिदंगी में आगे संघर्ष करते रहे।

मनोज कुमार शर्मा की संघर्ष की कहानी

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा ने आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं होने के चलते कई छोटे मोटे काम किये 12वीं में फेल होने के बाद बड़े भाई के साथ टेम्‍पू भी चलाया। लाईब्रेरी में काम किये। अमीर घर के कुत्‍तों को टहलाने का काम किया यहां तक की एक समय भिखारियों के साथ में भी सोना पड़ा था। लाईब्रेरी में काम करने के दौरान उन्‍होने कई महान लोगों एवं प्रसिद्ध लेखकों जैसे गोर्की और अब्राहम लिंकन की कहानियां पढ़ी जिसके बाद उन्‍हें जिदंगी में कुछ बड़ा करने की सीख एवं प्रेरणा मिली उन्‍होने अपनी जिदंगी में कई तरह की मुश्किलों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी।

मनोज कुमार शर्मा की (UPSC) संघ लोक सेवा आयोग का सफर

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा को स्‍कूल दिनों में जब पता चलता है, कि शिक्षकों और प्रिसींपल के ऊपर भी कोई बड़ा अधिकारी होता है। तो फिर उन्होंने मन में ठान लिया कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर डिप्टी एसपी बनेंगे। 12वीं पास करके MPPSC परीक्षा की तैयारी करने ग्वालियर आए तो मालूम हुआ की एसडीएम के ऊपर डीएम होता है, और इसके लिए यूपीएससी परीक्षा पास करनी होती है। तो वे संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए वह दिल्ली आते है, और UPSC परीक्षा की तैयारी करने लग जाते है।

मनोज कुमार शर्मा की Love Story टॉपर को किया प्रपोज और बन गऐ IPS ऑफिसर

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा के लिए कोचिंग करते वक्‍त दिल्ली में संघर्ष करना आसान नहीं था। उनके पास फीस भरने और जीवनयापन करने के लिए पैसे तक नहीं थे, उन्होंने टेंपो चलाया, फुटपाथ पर सोए, पुस्‍तकालय में काम किया और अमीरों के कुत्ते तक टहलाए उसी समय यूपीएससी कोचिंग करते हुए मनोज कुमार शर्मा की मुलाकात श्रद्धा जोशी से हुई धीरे धीर वे काफी अच्‍छे दोस्‍त बन जाते है। और दोनो साथ में पढ़ाई करते हुए एक दूसरे के प्रेमी बन जाते है।

Success Story Of Manoj Kumar Sharma

मनोज कुमार शर्मा UPSC की परीक्षा में 3 बार हुए फेल

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा अपने 3 प्रयासों के बाद भी असफल हो गए थे। जबकि क्षद्धा पीसीएस की परीक्षा पास करके डिप्टी कलेक्टर बन गई थी। मनोज कुमार शर्मा के असफलता के चलते श्रद्धा जोशी के घरवाले इस रिश्ते के विरोध में थे। साथ ही श्रद्धा जोशी भी समझ चुकी थी कि मनोज को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें कोई बड़ी चुनौती देनी पड़ेगी।

मनोज कुमार शर्मा ने श्रद्धा जोशी से कहा कि अगर वह इस रिश्‍ते के लिए हां कर देगी तो वह दुनिया बदल देंगे जिसके बाद श्रद्धा जोशी ने मनोज कुमार शर्मा को आई लव यू टू कहा और मनोज कुमार शर्मा ने पूरी मेहनत के साथ अपने अंतिम और चौथे प्रयास में 121वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास कर लेते है और आईपीएस बन जाते है। इधर 2007 में श्रद्धा जोशी भी यूपीएससी परीक्षा पास कर आईआरएस ऑफिसर बन गई।

आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर बनी है फिल्‍म

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के संघर्ष भरी जीवन के ऊपर बनी बॉलीवुड फिल्‍म “12th Fail” को लोगों द्वारा काफी पंसद किया जा रहा है यह फिल्‍म मनोज कुमार शर्मा और श्रद्धा जोशी की वास्‍तवि‍क जिदंगी की कहानी है। इस फिल्‍म के डायरेक्‍टर विधु विनोद चोपड़ा है। और विक्रांत मेसी द्वारा फिल्‍म में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा का किरदार निभाया गया है। यह फिल्‍म जीवन की सच्‍ची घटना पर अधारित होने के कारण दर्शकों द्वारा काफी पंसद किया जा रहा है।

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Tatamari Resort Keshkal: हिल स्‍टेशन टाटामारी क्‍यों प्रसिद्ध है?

Tatamari Resort Keshkal

Tatamari Resort Keshkal: हिल स्‍टेशन

Tatamari Resort Keshkal: छत्‍तीसगढ़ का पर्यटन के क्षेत्र में अपना अलग ही पहचान है, यहां के प्राकृतिक सौदंर्य से भरपूर हरे भरे हिल स्‍टेशन की बात करें या प्राकृतिक जलप्रपात की इसी तरह बस्‍तर में कोण्‍डागांव जिले के अंतर्गत केशकाल में टाटामारी हिल स्‍टेशन स्थित है। यह टाटामारी अपनी नैसर्गिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। जहां आप प्राकृति के खूबसूरत नजारे को देखते ही रह जायेगें। इसकी सुंदरता को देखते हुए छत्‍तीसगढ़ शासन द्वारा इसको इको टूरिज्‍म के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे है। आज के इस पोस्‍ट के माध्‍यम से टाटामारी केशकाल के बारें में जानने बताने वाले है।  

Tatamari Resort हिल स्‍टेशन प्रकृति की अनुपम छठा

Tatamari Resort हिल स्‍टेशन कोण्‍डागांव जिले से 60 किमी की दूरी पर केशकाल ब्‍लाक में स्थित है, जो एक बहुत बड़े पठारी क्षेत्र में फैला हुआ है। इस टाटामारी से आस पास के पहाड़ो का सुंदर नजारा देखने को मिल जाता है। यहां हर उम्र के लोग घूमने के लिए आते है। इस स्‍थान से कांकेर शहर एवं पहाड़ी के नीचे आस-पास के गांवो को भी देखा जा सकता है। बरसात के दिनों में बादलों की घनघोर घटा और प्रकृति की मनोरम छठा के बीच यहां के सुंदर प्रकृतिक वादियां लोगों के मन को मोह लेती है। जिससे लोग इस स्‍थान पर बार बार आना पंसद करते है।

टाटामारी में स्थित है महालक्ष्‍मी शक्ति पीठ

Tatamari Resort Keshkal घाटी के एकदम ऊपर में स्थित है, यह स्‍थान अपनी आकर्षक सुंदरता के लिए तो प्रसिद्ध है, ही साथ साथ एक धार्मिक स्‍थल के रूप में जाना जाता है। क्‍योंकि यहां महालक्ष्‍मी शक्ति पीठ मंदिर स्‍थापित है। जहां पर श्रद्धालु बड़ी संख्‍या में दिवाली के लक्ष्‍मी पूजा के दिन पूजा-अर्चना करते है। एवं नौ रात्रि के दिनों में भी इस शक्ति पीठ में भक्‍तों की उपस्थिति देखने को मिलती है। और यहां आस्‍था रखने वाले श्रद्धालु भक्तिभाव से अपनी मनोकामना पूरा करने के लिए यहां आते है।

टाटामारी में स्थित वॉच टॉवर

इस टाटामारी की प्राकृतिक सौदंर्य को और नजदीक से देखने के लिए यहां पर एक वॉच टॉवर का निर्माण किया गया है। इस वॉच के ऊपर चढ़कर इस स्‍थान की खूबसूरती और सुंदरता को दूर दूर तक देखा जा सकता है। जो दर्शकों को और भी रोमांचित कर देती है।

टाटामारी व्‍यू प्‍वांइट Tatamari view point

Tatamari Resort Keshkal व्‍यू प्‍वांइट इस स्‍थान को और भी खास बनाती है। इस व्‍यू प्‍वांइट को सुंदर तरीके से डिजाईन किया गया है। अगर आप टाटामारी आकर इस स्‍थान से यहां के नजारें को दखेगें तो सामने कई छोटे बड़े पहाड़ो की श्रेणियां आपको नजर आयेगें जो किसी के भी मन को गदगद कर देती है। इस स्‍थान से यहां के सुंदरता को देखने का एक अगल ही मजा है। इस व्‍यू प्‍वांइट में सेल्‍फी लेने और फोटो लेने वालों की भीड़ भी आप देख सकते है।

टाटामारी को इको टूरिज्‍म के रूप में विकसित करने की योजना

यहां की प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए केशकाल के इस टाटामारी को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने के लिए प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों काे और भी सुविधा प्रदान किया जा सके। और रिसोर्ट भी बनाए जाने का प्रस्‍ताव है। इस टाटामारी में एक पहाड़ी से दूसरे पहाड़ी को जोड़कर एक कांच के पुल निर्माण को भी सौद्धांतिक मंजूरी दी गई है।  

टाटामारी हिल स्‍टेशन कैसे पहुंचे?

यह दर्शनीय स्‍थल पिकनिक स्‍पॉट टाटामारी छत्‍तीसगढ़ के कोण्‍डागांव जिले के केशकाल ब्‍लॉक में केशकाल से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। रायपुर की ओर से आने वाले पर्यटकों के लिए केशकाल घाटी को पार करके केशकाल पहुंचना होगा और जगदलपुर की ओर से आने वाले दर्शकों के लिए सबसे पहले केशकाल पहुंचना होगा। फिर केशकाल के सुरडोंगर होते हुए टाटामारी तक पहुंचा जा सकता है।

Bade Tariya Kumhari I बड़े तरिया कुम्‍हारी I मनोरंजन पार्क।

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Socrates Quotes In Hindi:महान दार्शनिक सुकरात के अनमोल विचार

Socrates Quotes In Hindi

Socrates Quotes: सुकरात एक प्रमुख यूनानी दार्शनिक थे। सुकरात का मुख्‍य योगदान तार्किक विचारशीलता और नैतिकता के क्षेत्र में है, उनकी विचारशीलता को “सुकरातीय तर्कशास्‍त्र” कहा जाता है। सुकरात ने अपने जीवन के दौरान अधिकांशत: वार्ता और चर्चा के माध्‍यम से शिक्षा दी, लेकिन कभी भी उन्‍होने अपने विचारों को लिखित रूप में नहीं रखा। उनके विचारों का प्रमुख स्‍त्रोत प्‍लेटो और अन्‍य उनके शिष्‍यों के लेखों में है। आज के इस लेख के माध्‍यम से महान दार्शनिक सुकरात के अनमोल विचार के बारे में बताने वाले है।

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