Success Story Of Donald Trump: डोनाल्ड ट्रम्प बने अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति 2024

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Success Story Of Donald Trump: डोनाल्ड ट्रम्प बने अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति 2024

Success Story Of Donald Trump: डोनाल्ड ट्रम्प की सफलता की कहानी बहुत ही दिलचस्प और प्रेरणादायक है, जो संघर्ष, मेहनत, और विवादों से भरी हुई है। उनका जन्‍म 14 जून सन् 1946 में न्यूयॉर्क के एक अमीर परिवार में हुआ था। उनके पिता फ्रेड ट्रम्प, एक सफल रियल एस्टेट व्यवसायी थे, और उनसे ट्रम्प को व्यवसाय के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला।

हालांकि, ट्रम्प का सफर आसान नहीं था। और उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन अपने मेहनत और आत्मविश्वास से उन्होंने बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। अभी हाल ही में उन्‍होने अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति  का चुनाव जीता है। तो आज के इस पोस्‍ट Success Story Of Donald Trump में उनके बारे में जानेंगे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Success Story Of Donald Trump: डोनाल्‍ड ट्रम्प  का जन्‍म 14 जून सन् 1946 में अमेरिका के न्‍यूयॉर्क शहर में एक रीच परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम फ्रेड ट्रम्प एवं मां का नाम मरियम ऐनी था। उन्‍होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा न्यूयॉर्क के फोर्डहैम यूनिवर्सिटी में की, फिर उन्होंने पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से फाइनेंस में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 1968 में कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने अपने पिता के रियल एस्टेट व्यवसाय में कदम रखा और उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

रियल एस्टेट और व्यवसाय

Success Story Of Donald Trump: डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने करियर की शुरुआत रियल एस्टेट में की। उन्होंने पुराने और ढह चुके भवनों को नया रूप देकर उन्हें लक्जरी होटल्स, कैसिनो और कार्यालय भवनों में बदल दिया। उनकी सबसे बड़ी परियोजनाओं में ट्रम्प टॉवर, अटलांटिक सिटी में ट्रम्प प्लाजा और ट्रम्प एंटरटेनमेंट रिज़ॉर्ट्स जैसी बड़ी इमारतें शामिल हैं। ट्रम्प का नाम रियल एस्टेट के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित ब्रांड बन गया।

मीडिया और शोबिज़ में कदम

Success Story Of Donald Trump: 1980 के दशक में ट्रम्प ने मीडिया में भी अपनी पहचान बनाई। 2004 में उनका टीवी शो द अप्रेंटिस शुरू हुआ, जो बेहद लोकप्रिय हुआ और ट्रम्प को एक नई पहचान दी। उन्होंने इस शो में “You’re Fired” जैसी पंक्ति से दर्शकों को आकर्षित किया, जिससे वे एक जाने-माने टेलीविज़न पर्सनैलिटी बन गए।

राजनीति में प्रवेश और राष्ट्रपति पद

Success Story Of Donald Trump: ट्रम्प का राजनीति में कोई औपचारिक अनुभव नहीं था, लेकिन वे अपनी मुखर शैली, टीवी शो “द अप्रेंटिस” से मिली लोकप्रियता और विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने पहली बार 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी की घोषणा की। उनकी शैली, जनता से सीधे संवाद, और “अमेरिका फर्स्ट” जैसे नारों ने उन्हें तेजी से लोकप्रिय बना दिया।

डोनाल्ड ट्रम्प ने 2016 में रिपब्लिकन पार्टी से अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा और एक विवादास्पद लेकिन प्रभावी अभियान चलाया। उन्होंने अपने बेबाक अंदाज और अमेरिका में बदलाव लाने के वादों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। अंततः 2016 के चुनावों में उन्होंने जीत हासिल की और 45वें अमेरिकी राष्ट्रपति बने। अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने कई नीतिगत बदलाव किए, जिनमें आर्थिक सुधार, इमिग्रेशन पॉलिसी और व्यापारिक समझौतों में बदलाव शामिल थे।

संघर्ष और विवाद

Success Story Of Donald Trump: ट्रम्प के सफर में कई विवाद भी जुड़े रहे। उनके कार्यकाल के दौरान मीडिया से उनके रिश्ते, इमिग्रेशन नीतियों, और कोरोनावायरस महामारी के दौरान लिए गए फैसले को लेकर आलोचनाएँ हुईं। लेकिन अपने आत्मविश्वास और आक्रामक रणनीतियों से उन्होंने इनका सामना किया।

प्रमुख उपलब्धियाँ और सीख

Success Story Of Donald Trump: डोनाल्ड ट्रम्प की सफलता की कहानी यह बताती है कि जोखिम लेना और आत्मविश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी नीतियों से हमेशा अपने समर्थकों को प्रेरित किया। चाहे बिजनेस हो, मीडिया, या राजनीति, उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई।

राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल (2017-2021)

Success Story Of Donald Trump: 20 जनवरी 2017 को उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले और विवादस्पद नीतियाँ रहीं:

  1. आव्रजन नीति: ट्रम्प ने आव्रजन पर कड़ी नीति अपनाई, जिसमें मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने और मुस्लिम-बहुल देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध शामिल थे।
  2. अर्थव्यवस्था और कर सुधार: उन्होंने बड़े कर कटौती और व्यापारिक नीतियों में सुधार किए, जो बड़े व्यापारिक घरानों के लिए फायदेमंद साबित हुए।
  3. विदेश नीति: ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन से मुलाकात की, जो एक ऐतिहासिक कदम था। उन्होंने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते और ईरान न्यूक्लियर डील से बाहर निकाला।
  4. COVID-19 महामारी: उनके कार्यकाल के अंतिम वर्ष में COVID-19 महामारी आई, जिसके लिए उनकी सरकार की प्रतिक्रिया पर विवाद हुआ। उनके कार्यकाल के अंत में महामारी और नस्लीय न्याय के मुद्दों पर गहरे विभाजन दिखे।
  5. इम्पीचमेंट: ट्रम्प के खिलाफ दो बार महाभियोग चलाया गया। पहला 2019 में यूक्रेन प्रकरण पर, और दूसरा 2021 में कैपिटल हिल पर हिंसा को उकसाने के आरोप में।

चुनाव हारना और नए सिरे से राजनीति

Success Story Of Donald Trump: 2020 में ट्रम्प ने जो बाइडेन के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। हार के बाद उन्होंने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए और कानूनी लड़ाई लड़ी। 6 जनवरी 2021 को उनके समर्थकों ने कैपिटल हिल पर हमला किया, जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया से भी प्रतिबंधित कर दिया गया।

2024 के चुनाव में फिर से उम्मीदवारी

Success Story Of Donald Trump: ट्रम्प ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। उनकी लोकप्रियता अभी भी उनके समर्थकों के बीच काफी मजबूत है। उनके समर्थक उन्हें अमेरिका के लिए सही नेता मानते हैं, जबकि आलोचक उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प का राजनीतिक कैरियर अमेरिका में न सिर्फ गहरे विभाजन की निशानी है, बल्कि राजनीति की नई परिभाषा भी है, जहां सामाजिक मीडिया, विवादास्पद बयानों और आक्रामक नीतियों का बड़ा प्रभाव है।

डोनाल्ड ट्रंप, यूएस चुनावी परिणाम 2024  

Success Story Of Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का 47वां राष्ट्रपति घोषित किया गया है। वह लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले दूसरे राष्ट्रपति बने हैं। अपने विपक्षी उम्‍मीदवार कमला हैरिस को 66,264,540 वोट मिले, जबकि ट्रंप को 71,202,731 वोट (51%) मिले।

डोनाल्‍ड ट्रम्प 277 इलेक्टोरल वोट जीत लिए हैं, जिससे वे आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति बनने की दहलीज पार कर गए हैं। हालांकि, इलेक्टोरल कॉलेज दिसंबर में एक बैठक करेगा, जिसमें इलेक्टर आधिकारिक रूप से वोट करेंगे और राष्ट्रपति की घोषणा करेंगे। 

डोनाल्ड ट्रम्प ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की है, जिसमें उन्होंने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया। उनकी जीत में आर्थिक रूप से संघर्षरत क्षेत्रों और विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों के कुछ हिस्सों में समर्थन ने प्रमुख भूमिका निभाई। रिपब्लिकन पार्टी को इस चुनाव में भी फायदा हुआ है, क्योंकि वे अमेरिकी सीनेट में बहुमत हासिल करने में सफल हुए, जिससे उनकी नीतियों और न्यायिक नियुक्तियों को समर्थन मिलेगा। हालाँकि, प्रतिनिधि सभा का नियंत्रण अभी अनिश्चित है।

FAQS-

डोनाल्ड ट्रम्प का जन्‍म कब और कहां हुआ था?

जन्‍म 14 जून सन् 1946 में न्यूयॉर्क में।

डोनाल्ड ट्रम्प के पिता का क्‍या नाम था?

फ्रेड ट्रम्प।

डोनाल्ड ट्रम्प के मां का क्‍या नाम था?

मरियम ऐनी

डोनाल्ड ट्रम्प कौन से पार्टी के नेता है?

रिपब्लिकन पार्टी

डोनाल्ड ट्रम्प प्रथम बार अमेरिका राष्ट्रपति कब बने?

2016 में 45 वें राष्ट्रपति।

डोनाल्ड ट्रम्प अभी हाल ही में कौन से नम्‍बर के राष्ट्रपति बनें है?

47 वें राष्ट्रपति।

2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प ने किसे हराया है?

उराष्ट्रपति कमला हैरिस को।

डोनाल्ड ट्रम्प को 2024 चुनाव कितने प्रतिशत वोट मिले है

51 प्रतिशत।

डोनाल्ड ट्रम्प को 2024 चुनाव में कुल कितने वोट मिले हैं?

71,202,731 वोट।

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Success Story Of Manoj Kumar Sharma: UPSC Exam संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, यह भारत के संविधान द्वारा स्‍थापित एक संवैधानिक निकाय है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों के नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। इस परीक्षा में हर साल कई छात्र शामिल होते है, लेकिन सफलता कुछ छात्रों को ही मिलती है। कई छात्र ऐसे भी होते है, जो एक बार में सफल नहीं होने पर हार नहीं मानते और अपने दृढ़ निश्‍चय से हर कठिनाईयों को पार करते हुए सफलता हासिल कर ही लेते है।

कुछ ऐसे की कहानी आईपीएस ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा की है। जिन्‍होने अपनी जिदंगी में कभी हार नहीं मानी और विभिन्‍न कठिन परिस्थियों को पार करते हुए सफलता हासिल की उनकी सफलता की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। जो आत्‍मविश्‍वास, संघर्षशीलता, और कड़ी मेहनत से कैसे बड़ी से बड़ी कठिनाई को भी पार पाया जा सकता है। तो आज के इस पोस्‍ट Success Story Of Manoj Kumar Sharma में आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की सफलता के बारे में जानेगे।

मनोज कुमार शर्मा का प्रारंभिक जीवन

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: आईपीएस मनोज कुमार शर्मा का जन्‍म 3 जुलाई सन् 1975 को मध्‍यप्रदेश के मुरैना जिले के अंतर्गत एक छोटे से गांव बिलग्राम में हुआ था। इनके पिता रामवीर शर्मा कृषि विभाग में कृषि विस्‍तार अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। मनोज कुमार शर्मा की घर और परिवार की आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं थी एवं उनकी पढ़ाई में कोई खास रूची नहीं थी। मनोज कुमार शर्मा ने बचपन के आम जीवन में काफी संघर्ष किया और उनके इस संघर्ष में उनकी मां का काफी महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है।

मनोज कुमार शर्मा 12वीं में फेल हो गये थे

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा की बचपन से ही पढ़ाई के क्षेत्र में कम रूची थी। उन्‍होने अपने पिता के साथ रहते हुए 8वीं तक की पढ़ाई रायपुर, गरियाबंद और फरसाबाद से पूरी की मनोज कुमार शर्मा कक्षा 9 वीं और 10 वीं में तृतीय श्रेणी से पास हुए थे। 12 कक्षा की पेपर में एसडीएम द्वारा नकल रोके जाने के कारण हिंदी विषय के अलावा बाकी सभी विषय में फेल हो गये थे। स्‍कूल के दिनों में फेल होने के बाद भी उन्‍होने कभी हार नहीं मानी और जिदंगी में आगे संघर्ष करते रहे।

मनोज कुमार शर्मा की संघर्ष की कहानी

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा ने आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं होने के चलते कई छोटे मोटे काम किये 12वीं में फेल होने के बाद बड़े भाई के साथ टेम्‍पू भी चलाया। लाईब्रेरी में काम किये। अमीर घर के कुत्‍तों को टहलाने का काम किया यहां तक की एक समय भिखारियों के साथ में भी सोना पड़ा था। लाईब्रेरी में काम करने के दौरान उन्‍होने कई महान लोगों एवं प्रसिद्ध लेखकों जैसे गोर्की और अब्राहम लिंकन की कहानियां पढ़ी जिसके बाद उन्‍हें जिदंगी में कुछ बड़ा करने की सीख एवं प्रेरणा मिली उन्‍होने अपनी जिदंगी में कई तरह की मुश्किलों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी।

मनोज कुमार शर्मा की (UPSC) संघ लोक सेवा आयोग का सफर

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा को स्‍कूल दिनों में जब पता चलता है, कि शिक्षकों और प्रिसींपल के ऊपर भी कोई बड़ा अधिकारी होता है। तो फिर उन्होंने मन में ठान लिया कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर डिप्टी एसपी बनेंगे। 12वीं पास करके MPPSC परीक्षा की तैयारी करने ग्वालियर आए तो मालूम हुआ की एसडीएम के ऊपर डीएम होता है, और इसके लिए यूपीएससी परीक्षा पास करनी होती है। तो वे संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए वह दिल्ली आते है, और UPSC परीक्षा की तैयारी करने लग जाते है।

मनोज कुमार शर्मा की Love Story टॉपर को किया प्रपोज और बन गऐ IPS ऑफिसर

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा के लिए कोचिंग करते वक्‍त दिल्ली में संघर्ष करना आसान नहीं था। उनके पास फीस भरने और जीवनयापन करने के लिए पैसे तक नहीं थे, उन्होंने टेंपो चलाया, फुटपाथ पर सोए, पुस्‍तकालय में काम किया और अमीरों के कुत्ते तक टहलाए उसी समय यूपीएससी कोचिंग करते हुए मनोज कुमार शर्मा की मुलाकात श्रद्धा जोशी से हुई धीरे धीर वे काफी अच्‍छे दोस्‍त बन जाते है। और दोनो साथ में पढ़ाई करते हुए एक दूसरे के प्रेमी बन जाते है।

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मनोज कुमार शर्मा UPSC की परीक्षा में 3 बार हुए फेल

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: मनोज कुमार शर्मा अपने 3 प्रयासों के बाद भी असफल हो गए थे। जबकि क्षद्धा पीसीएस की परीक्षा पास करके डिप्टी कलेक्टर बन गई थी। मनोज कुमार शर्मा के असफलता के चलते श्रद्धा जोशी के घरवाले इस रिश्ते के विरोध में थे। साथ ही श्रद्धा जोशी भी समझ चुकी थी कि मनोज को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें कोई बड़ी चुनौती देनी पड़ेगी।

मनोज कुमार शर्मा ने श्रद्धा जोशी से कहा कि अगर वह इस रिश्‍ते के लिए हां कर देगी तो वह दुनिया बदल देंगे जिसके बाद श्रद्धा जोशी ने मनोज कुमार शर्मा को आई लव यू टू कहा और मनोज कुमार शर्मा ने पूरी मेहनत के साथ अपने अंतिम और चौथे प्रयास में 121वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास कर लेते है और आईपीएस बन जाते है। इधर 2007 में श्रद्धा जोशी भी यूपीएससी परीक्षा पास कर आईआरएस ऑफिसर बन गई।

आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर बनी है फिल्‍म

Success Story Of Manoj Kumar Sharma: आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के संघर्ष भरी जीवन के ऊपर बनी बॉलीवुड फिल्‍म “12th Fail” को लोगों द्वारा काफी पंसद किया जा रहा है यह फिल्‍म मनोज कुमार शर्मा और श्रद्धा जोशी की वास्‍तवि‍क जिदंगी की कहानी है। इस फिल्‍म के डायरेक्‍टर विधु विनोद चोपड़ा है। और विक्रांत मेसी द्वारा फिल्‍म में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा का किरदार निभाया गया है। यह फिल्‍म जीवन की सच्‍ची घटना पर अधारित होने के कारण दर्शकों द्वारा काफी पंसद किया जा रहा है।

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Success Stories Of Rajaram Tripathi

Rajaram Tripathi: राजाराम त्रिपाठी बस्‍तर के एक किसान हैं, जिन्‍होने कई बड़े सरकारी नौकरी को छोड़ कर खेती को अपनाया और आज खेती से ही करोड़ो का उत्‍पादन कर रहे हैं। उनके इस सफलता से बस्‍तर छत्‍तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया में उनके नाम की चर्चा है, खेती के इस नये तरीके और उनकी फसलों की मांग देश विदेश तक है। तो आईये जानते हैं। आज के इस पोस्‍ट में बस्‍तर के किसान राजाराम त्रिपाठी की सफलता की कहानी…..!

खेती के लिए 7 करोड़ का हेलीकॉप्‍टर

Rajaram Tripathi और उनके ग्रुप द्वारा यह हेलीकॉप्‍टर दिल्‍ली के एक कंपनी से खेती के उपयोग के लिए लिया जा रहा है, जिससे कम समय में फसलों में दवाई का छिड़काव एवं फसलों की देखरेख में आसपास के लगभग 50 गांव में इसका उपयोग किया जायेगा। एवं लाभदायकता बढ़ाने के लिए काम आयेगा जिससे फसलों को कम नुकसान होगा और करोड़ो का फायदा होगा।

राजाराम त्रिपाठी कौन है ? Who is Rajaram Tripathi?

राजाराम त्रिपाठी का जन्‍म बस्‍तर जिले के दरभा विकासखण्‍ड के छोटे से गांव ककनार में हुआ था, उनके पूर्वज उत्‍तरप्रदेश के प्रापतगढ़ जिले से करीब 70 साल पहले यहां आकर बस गये और खेती किसानी करने लगे उनके दादा जी का नाम दादा शंभू नाथ त्रिपाठी एवं पिता जगदीश प्रसाद त्रिपाठी एक शिक्षक थे। आज इनकी 6-7 पीढ़ी हो चुकी है, जो यहां निवास कर खेती का काम कर रही है।

राजाराम त्रिपाठी की शिक्षा Education of Rajaram Tripathi

Rajaram Tripathi की पढ़ाई जगदलपुर कॉलेज से हुई उन्‍होने बीएसी गणित, एम.ए. अर्थशास्‍त्र, एम.ए. हिन्‍दी साहित्‍य, एम.ए. अंगेजी साहित्‍य, एम.ए. समाज शास्‍त्र में पढ़ाई की है, और आज एक ऐसे शख्‍स हैं, जिन्‍होने इतनी पढ़ाई करने के बावजूद खेती किसानी को अपना व्‍यवसाय बना कर करोड़ो का कारोबार कर रहे है।

खेती के लिए छोड़ी कई बड़े सरकारी नौकरियां

राजाराम त्रिपाठी यूं तो आज बस्‍तर में खेती किसानी के लिए बहुत ही चर्चित है, लेकिन उनके इस मुकाम के पीछे भी एक कहानी है, उन्‍होने पढ़ाई पूरी करने के बाद कॉलेज में प्रोफेसर, उसके बाद एडीओ फिर बैंक मैनेजर की नौकरी की नौकरी के साथ साथ खेती किसानी में समय न दे पाने के कारण उन्‍हाने बैंक की नौकरी छोड़ कर अपना पूरा ध्‍यान खेती पर देने लगे।

खेती की शुरूआत कैसे की ?

Rajaram Tripathi के पिता श्री जगदीश प्रसाद त्रिपाठी ने साल 1996 में लगभग 5 एकड़ की जमीन से सब्जी की खेती से शुरूआत की थी जिसके बाद वह सफेद मूसली और अश्वगंधा की खेती करने लगे, शुरुआती लाभ मिलने पर उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी साल 2002 में जब सफेद मूसली के दाम नीचे गिरे और उन्हें काफी नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी इसके बाद उन्होंने विभिन्‍न प्रकार की मिश्रित खेती करना शुरू की साल 2016 में ऑस्ट्रेलियन टीक वुड के साथ काली मिर्च की खेती का प्रयोग कर उन्होंने अच्छी खासी लाभ कमाई, इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, और आज उनकी सफलता आपके सामने है।

जैविक पद्वति से कर रहे हैं खेती

राजाराम त्रिपाठी खेती के लिए रासायनिक खाद एवं दवाईयों का उपयोग न करके जैविक तरीके से खेती करते है। उसके लिए उन्‍होने सबसे पहले आस्‍ट्रेलियन टीक का पेड़ लगाया, फिर उस पेड़ के पत्‍ते नीचे जमीन पर गिरकर सड़ गये तो उनका खाद बनाया। क्‍योंकि उस पेड़ में बारह महीने पत्‍ते रहतें है, इस तरह से जैविक खेती करके अपने व्‍यवसाय को देश दुनिया तक पहुंचा रहे है। और बस्‍तर के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्‍त्रोत बने हैं।

राजाराम त्रिपाठी मां दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप के सीईओ

Rajaram Tripathi वर्तमान में 25 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वाले मां दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप के सीईओ हैं और 400 आदिवासी परिवार के किसानों के साथ 1000 एकड़ में सामूहिक खेती कर रहे हैं यह ग्रुप यूरोपीय और अमेरिकी देशों में काली मिर्च का निर्यात कर रहा है। सन् 1996-97 में मॉ दन्‍तेश्‍वरी हर्बल ग्रुप की शुरूआत की थी।

किस किस की खेती कर रहे हैं ?

Rajaram Tripathi बाजार के जरूरत के हिसाब से खेती कर रहे हैं जिसमें मुख्‍यत: स्‍टेविया, काली मिर्च, आस्‍ट्रेलियन टीक, सफेद मूसली, अश्‍वगंधा, हल्‍दी, विभिन्‍न प्रकार की जड़ी बूटी और कई तरह की हर्बल खेती बिना रासायनिक खादों के जैविक तरीके से कर रहे है।

सर्वश्रेष्ठ किसान का अवार्ड

भारत सरकार के कृषि एवं खाद्य परिषद एवं कृषि मंत्रालय की ओर से राजाराम त्रिपाठी को तीन बार देश का सर्वश्रेष्ठ किसान घोषित किया जा चुका है। जिससे बस्‍तर का नाम उन्‍नत खेती के क्षेत्र में उजागर हुआ है। राजाराम त्रिपाठी का कहना है, कि गरीब और बदहाल किसान की छवि युवाओं को खेती-किसानी के लिए प्रेरित नहीं कर सकती। नई पीढ़ी के युवा पढ़ लिख कर आज आईटी कंपनी में नौकरी कर सकते हैं। पर वे खेती को उद्यम बनाने की कोशिश नहीं करते।

पढ़े‍ लिखे युवाओं के लिए प्रेरणा स्‍त्रोत

बस्तर के किसान राजाराम त्रिपाठी आज के पढ़े लिखे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो अपनी खेती को उद्यम बनाने की जगह दूसरे धंधे में लगना चाहते हैं, राजाराम त्रिपाठी ने बस्तर के आदिवासियों को जैविक खेती से जोड़कर अपने साथ उन्हें भी आर्थिक रूप से संपन्न बनाया है। और यहां के किसानों के लिए एक रोल मॉडल बनकर सामने आये है।

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