Fiber Optic Cable Kya Hai । What is Fiber Cable

Fiber Optic Cable Kya Hai What is Fiber Cable

Fiber Optic Cable Kya Hai ।। What is Fiber Cable

Fiber Optic Cable Kya Hai: फाइबर ऑप्टिक केबल एक विशेष प्रकार की केबल है, जिसका उपयोग तेज गति से और लंबी दूरी तक डेटा ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है। इसमें कांच या प्लास्टिक के पतले-लंबे रेशे होते हैं, जिनमें प्रकाश संकेतों के रूप में डेटा ट्रांसमिट होता है। फाइबर ऑप्टिक केबल डेटा ट्रांसमिशन के लिए पारंपरिक तांबे के तारों की तुलना में अधिक कुशल और तेज होती है, क्योंकि इसमें प्रकाश की गति के कारण डेटा ज्यादा दूरी तक बिना किसी रुकावट के भेजा जा सकता है। आज के इस पोस्‍ट Fiber Optic Cable Kya Hai के माध्‍यम से ऑप्टिक केबल के बारे में जानेंगे।

फाइबर ऑप्टिक केबल की मुख्य विशेषताएँ

1. तेज़ गति: फाइबर ऑप्टिक केबल प्रकाश की गति से डेटा ट्रांसमिट कर सकती है, जिससे डेटा ट्रांसफर बहुत तेज़ होता है।

2. लंबी दूरी: ये केबल लंबे समय तक डेटा को बिना किसी सिग्नल लॉस के ट्रांसमिट कर सकती है।

3. कम सिग्नल लॉस: इसमें तांबे की केबल की तुलना में सिग्नल लॉस बहुत कम होता है, जिससे डेटा की गुणवत्ता अच्छी बनी रहती है।

4. विद्युत चुंबकीय रुकावट का प्रभाव नहीं: चूँकि ये केबल्स प्रकाश के संकेतों का उपयोग करती हैं, इसलिए उन पर विद्युत चुंबकीय रुकावट का कोई असर नहीं होता है।

    फाइबर ऑप्टिक केबल का उपयोग इंटरनेट, टेलीफोन नेटवर्क्स और केबल टेलीविज़न के साथ-साथ मेडिकल और इंडस्ट्रियल उपकरणों में भी होता है, जहाँ तेज और सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन की आवश्यकता होती है।

    फाईबर ऑप्टिक केबल कैसे काम करता है ?

    Fiber Optic Cable Kya Hai: फाइबर ऑप्टिक केबल एक प्रकार का केबल होता है, जो डेटा को प्रकाश (लाइट) के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजता है। यह डेटा ट्रांसमिशन की बहुत तेज और विश्वसनीय तकनीक है। आइए समझते हैं कि यह कैसे काम करता है:

    1. संरचना:

    • कोर (Core): फाइबर ऑप्टिक केबल का केंद्र भाग होता है, जिसमें लाइट (प्रकाश) सिग्नल चलते हैं। कोर ग्लास या प्लास्टिक का बना होता है।
    • क्लैडिंग (Cladding): कोर के चारों ओर एक और परत होती है जिसे क्लैडिंग कहते हैं। यह कोर में चलने वाली लाइट को अंदर बनाए रखने में मदद करती है, जिससे लाइट बाहर नहीं निकल पाती।
    • जैकेट (Jacket): क्लैडिंग के बाहर एक सुरक्षात्मक परत होती है, जो केबल को बाहरी क्षति से बचाती है।

    2. काम करने का तरीका:

    • जब डेटा (जैसे इंटरनेट डेटा) फाइबर ऑप्टिक केबल में प्रवेश करता है, तो इसे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल से प्रकाशीय सिग्नल में बदल दिया जाता है।
    • ये लाइट सिग्नल कोर के माध्यम से यात्रा करते हैं। क्लैडिंग की वजह से लाइट कोर के अंदर ही परावर्तित होती रहती है, जो इसे लंबे दूरी तक जाने में मदद करती है। इसेटोटल इंटरनल रिफ्लेक्शनकहा जाता है।
    • लाइट सिग्नल एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक यात्रा करता है और फिर इसे रिसीवर के पास जाकर फिर से इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदल दिया जाता है, ताकि इसे डिवाइस (जैसे कंप्यूटर या राउटर) पढ़ सकें।

    फाइबर ऑप्टिक केबल के प्रकार:

    Fiber Optic Cable Kya Hai: फाइबर ऑप्टिक केबल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

    1. सिंगल-मोड फाइबर (Single-Mode Fiber)
      सिंगल-मोड फाइबर केबल में केवल एक ही प्रकाश किरण (light ray) एक दिशा में यात्रा करती है। इसका मुख्य उपयोग लंबी दूरी पर डेटा ट्रांसमिशन के लिए होता है, क्योंकि इसमें कम बिखराव (dispersion) और उच्च गति होती है। इसकी कोर का व्यास बहुत छोटा होता है, जो लगभग 8 से 10 माइक्रोन के आसपास होता है।

    Fiber Optic Cable Kya Hai ।। What is Fiber Cable

    1. मल्टी-मोड फाइबर (Multi-Mode Fiber)
      मल्टी-मोड फाइबर में एक से अधिक प्रकाश किरणें (multiple light rays) विभिन्न एंगल पर यात्रा करती हैं। इसे छोटी दूरी के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि LAN (Local Area Network) या डेटा सेंटर्स में। इसमें कोर का व्यास सिंगल-मोड की तुलना में बड़ा होता है, जो लगभग 50 से 62.5 माइक्रोन के आसपास होता है।

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    इन दोनों प्रकारों का उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों में होता है और इनकी विशेषताएं डेटा ट्रांसमिशन की दूरी और गति पर निर्भर करती हैं।

    फाइबर ऑप्टिक केबल के फायदे:

    • तेज़ गति: फाइबर ऑप्टिक केबल में डेटा ट्रांसमिशन बहुत तेज़ होता है।
    • लंबी दूरी: बिना सिग्नल लॉस के डेटा को लंबी दूरी तक भेजा जा सकता है।
    • इंटरफेरेंस-प्रूफ: इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस नहीं होता, जिससे यह स्थिर कनेक्शन देता है।

    Fiber Optic Cable Kya Hai: फाइबर ऑप्टिक केबल का उपयोग अब इंटरनेट, केबल टीवी, टेलीकम्युनिकेशन, और नेटवर्किंग में बहुत बढ़ चुका है, क्योंकि यह अन्य केबलों की तुलना में तेज और अधिक विश्वसनीय है। तो आज के इस पोस्‍ट Fiber Optic Cable Kya Hai में हमने फाइबर ऑप्टिकल केबल के बारे में जाना।

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    ATM KYA HAI इसका पूरा नाम क्‍या है?

    ATM KYA HAI : ATM एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो बैंकिंग सेवाओं को स्वचालित रूप से प्रदान करता है। एटीएम के माध्यम से आप पैसे निकाल सकते हैं, बैंक बैलेंस चेक कर सकते हैं, पैसे जमा कर सकते हैं, और कभी-कभी अन्य बैंकिंग सेवाओं का लाभ भी उठा सकते हैं। यह मशीन 24/7 घंटे उपलब्ध रहती है, जिससे ग्राहकों को बैंक के कार्यालय की सीमित समय-सारणी से बाहर भी सेवा मिलती है।

    एटीएम (एटीएम) का पूरा नाम “एटोमेटेड टेलर मशीन” है। इसका उपयोग करने के लिए, आपको अपनी एटीएम कार्ड और पिन नंबर की आवश्यकता होती है। एटीएम कार्ड आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है, और पिन नंबर सुरक्षा के लिए होता है। आज के इस पोस्‍ट ATM KYA HAI में ATM की पूरी जानकारी प्राप्‍त करने वाले है।

    ATM की स्‍थापना कब हुई थी?

    ATM की स्‍थापना कब हुई थी? इसकी जानकारी इस ATM KYA HAI के माध्‍यम से जानने वाले है……

    (एटोमेटेड टेलर मशीन) का अविष्‍कार 1960 के दशक में हुआ था। इसका पहला एटीएम 1967 में इंग्लैंड के लंदन स्थित बार्कलेज बैंक (Barclays Bank) द्वारा स्थापित किया गया था। इस एटीएम को इजाको (John Shepherd-Barron) ने डिजाइन किया था।

    इसके अलावा, एटीएम की तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अन्य व्यक्तियों में लुइस लुइस (James Goodfellow) और डेविड सोलोमन (David Solomons) भी शामिल हैं। James Goodfellow ने एटीएम कार्ड के लिए पिन नंबर प्रणाली को विकसित किया, जो एटीएम के सुरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

    ATM कैसे काम करता है?

    ATM कैसे काम करता है? आज के इस पोस्‍ट ATM KYA HAI के माध्‍यम से जानने वाले है……

    एटीएम (एटोमेटेड टेलर मशीन) का कामकाज बहुत ही सरल और प्रभावशाली होता है। यहाँ इसके काम करने की प्रक्रिया को स्टेप-बाय-स्टेप समझाया गया है:

    1. सुपरविजन और प्रमाणीकरण:
      • उपयोगकर्ता अपनी एटीएम कार्ड मशीन में डालता है और पिन नंबर एंटर करता है। पिन नंबर एक सुरक्षा कोड है जो उपयोगकर्ता की पहचान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत व्यक्ति ही बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच सके।
    2. प्रोसेसिंग:
      • एटीएम मशीन बैंक से जुड़े नेटवर्क से कनेक्ट होती है। पिन और कार्ड की जानकारी बैंक के सर्वर को भेजी जाती है, जो इसका वेरिफिकेशन करता है। अगर पिन सही होता है और कार्ड मान्य होता है, तो उपयोगकर्ता को एटीएम का मुख्य मेनू देखने को मिलता है।
    3. सेवा चयन:
      • उपयोगकर्ता मेनू से अपनी इच्छित सेवा (जैसे, कैश निकालना, बैलेंस चेक करना, आदि) चुनता है।
    4. लेन-देन प्रक्रिया:
      • अगर उपयोगकर्ता पैसे निकालना चाहता है, तो वह राशि निर्दिष्ट करता है। एटीएम मशीन उस राशि के अनुरूप नोट को सुरक्षित तरीके से वितरित करती है।
    5. लेन-देन का वेरिफिकेशन:
      • मशीन बैंक के सर्वर से लेन-देन की पुष्टि प्राप्त करती है। यदि खाते में पर्याप्त धनराशि है और अन्य सभी शर्तें पूरी होती हैं, तो लेन-देन पूरा होता है।
    6. प्रिंटिंग और रसीद:
      • लेन-देन की पुष्टि के बाद, एटीएम रसीद प्रिंट करता है, जिसमें लेन-देन की जानकारी (जैसे, निकासी राशि, खाता बैलेंस) होती है।
    7. कार्ड वापसी और लेन-देन समाप्ति:
      • लेन-देन पूरा होने के बाद, एटीएम कार्ड को वापस करता है और उपयोगकर्ता को कैश, रसीद, और कार्ड प्रदान करता है। उपयोगकर्ता के लिए एटीएम की स्क्रीन पर लेन-देन की पुष्टि होती है।
    8. डेटा सुरक्षा और लॉगिंग:
      • सभी लेन-देन की जानकारी बैंक के सर्वर पर लॉग की जाती है, जिससे किसी भी धोखाधड़ी की निगरानी की जा सके।

    इस तरह, एटीएम स्वचालित तरीके से बैंकिंग सेवाओं को प्रदान करता है, जिससे ग्राहकों को सुविधाजनक और त्वरित सेवाएं मिलती हैं।

    ATM का पहला प्रयोग कहां किया गया था?

    ATM KYA HAI : पहला एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) 27 जून 1967 को लंदन, इंग्लैंड में प्रयोग में लाया गया था। इसे बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के द्वारा उपयोग में लाया गया था और इसे ‘डिस्काउंट बॉन्ड’ नामक मशीन के रूप में जाना जाता था। इस मशीन को बनाने वाले प्रमुख व्यक्ति इंजीनियर जॉन शेफर्ड-बैरोन थे। यह एटीएम मशीन नकदी निकालने के लिए एक नई सुविधा लेकर आई थी और इसने बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति ला दी। तब से आज तक के इतिहास में बैंंकिंग के क्षेत्र में अहम भूमिका है।

    ATM कितने प्रकार के होते है?

    ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के कई प्रकार होते हैं, जो उनकी कार्यक्षमता और उपयोग के आधार पर विभाजित किए जाते हैं। एटीएम के मुख्य प्रकार निम्‍नलिखित हैं:

    1. स्टैंडर्ड एटीएम: ये सबसे सामान्य प्रकार के एटीएम हैं, जो कैश निकालने, बैंक बैलेंस चेक करने, मिनी स्टेटमेंट प्राप्त करने और डिपॉजिट करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
    2. कैश डिपॉजिट एटीएम: इन्हें विशेष रूप से कैश डिपॉजिट के लिए डिजाइन किया गया है। ये मशीनें नोट और कभी-कभी सिक्के भी जमा कर सकती हैं और तुरंत खाते में क्रेडिट कर देती हैं।
    3. कस्टम एटीएम: ये एटीएम कुछ विशिष्ट सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि चेक डिपॉजिट, या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसे अतिरिक्त सुरक्षा उपाय।
    4. वर्ल्डवाइड एटीएम: ये एटीएम अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए डिजाइन किए गए हैं और विभिन्न मुद्राओं में कैश निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं।
    5. मल्टी-फंक्शन एटीएम: ये एटीएम कई कार्यों को एक साथ अंजाम दे सकते हैं, जैसे कि बिल भुगतान, प्रीपेड कार्ड रिचार्ज, और वित्तीय उत्पादों की जानकारी देना।
    6. वेतन भुगतान एटीएम: कुछ एटीएम विशेष रूप से वेतन या अन्य नियमित भुगतानों को स्वचालित रूप से वितरित करने के लिए होते हैं।
    7. कंटैक्टलेस एटीएम: ये आधुनिक एटीएम हैं जो कार्ड को मशीन में डालने की बजाय, कार्ड को नजदीक लाकर लेनदेन पूरा करते हैं, जिससे प्रक्रिया तेजी से और सुरक्षित तरीके से की जा सकती है।

    हर एटीएम का डिज़ाइन और कार्यक्षमता बैंकों की जरूरतों और उपयोगकर्ताओं की सुविधाओं के अनुसार भिन्न हो सकती है।

    ATM के क्‍या क्‍या फायदे है?

    ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के कई फायदे हैं जो बैंकिंग प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं:

    1. सुविधाजनक पहुँच: एटीएम आपको बैंकिंग सेवाओं तक 24/7 पहुँच प्रदान करते हैं, जिससे आप किसी भी समय कैश निकाल सकते हैं, बैलेंस चेक कर सकते हैं, और अन्य लेनदेन कर सकते हैं।
    2. कैश की तुरंत उपलब्धता: आप किसी भी समय और दिन के किसी भी समय कैश निकाल सकते हैं, बिना बैंक के कार्यकाल के विचार किए।
    3. स्वतंत्रता और आत्म-सेवा: एटीएम आपको बैंकिंग सेवाओं का स्वायत्त उपयोग करने की सुविधा देते हैं, जिससे आपको बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं होती।
    4. कई प्रकार की सेवाएं: आजकल के आधुनिक एटीएम कैश निकालने के अलावा, कैश जमा करने, बिल भुगतान, मोबाइल रिचार्ज, और मिनी स्टेटमेंट जैसे अन्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।
    5. कम लाइन और समय की बचत: एटीएम पर उपयोगकर्ता की लाइनें कम होती हैं और बैंक शाखा के मुकाबले कम समय लगता है, जिससे आपकी बेशकीमती समय की बचत होती है।
    6. सुरक्षित लेनदेन: आधुनिक एटीएम में सुरक्षा उपाय जैसे पिन कोड, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, और सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं, जो लेनदेन को सुरक्षित बनाते हैं।
    7. बिल्कुल मुफ्त सेवाएं: कई एटीएम बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के कैश निकालने या अन्य बुनियादी सेवाएं प्रदान करते हैं, विशेषकर यदि आप उसी बैंक के एटीएम का उपयोग करते हैं।
    8. विविधता और पहुँच: एटीएम नेटवर्क आमतौर पर बहुत व्यापक होते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को विभिन्न स्थानों पर एटीएम की उपलब्धता होती है।
    9. अंतर्राष्ट्रीय उपयोग: कई एटीएम अंतरराष्ट्रीय कार्डों को स्वीकार करते हैं, जिससे विदेश यात्रा के दौरान भी पैसे निकालना आसान हो जाता है।
    10. दस्तावेज़ीकरण और ट्रैकिंग: एटीएम लेनदेन की रसीदें प्रदान करते हैं, जिससे आप अपने वित्तीय लेनदेन को ट्रैक कर सकते हैं और रिकॉर्ड रख सकते हैं।

    इन फायदों के चलते, एटीएम ने बैंकिंग के अनुभव को काफी सरल और सुलभ बना दिया है।

    ATM के क्‍या क्‍या नुकसान है?

    ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के कई लाभ हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख नुकसान दिए गए हैं:

    1. सुरक्षा की समस्याएँ: एटीएम कार्ड की स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग और फिशिंग जैसे साइबर अपराधों के खतरे होते हैं। कुछ अपराधी एटीएम के पास स्किमिंग डिवाइसेस लगाकर आपकी जानकारी चुराने की कोशिश कर सकते हैं।
    2. सामाजिक अपराध: रात के समय या सुनसान जगह पर एटीएम का उपयोग करते समय अपराध का जोखिम बढ़ जाता है, जैसे लूटपाट या शारीरिक हमले।
    3. तकनीकी समस्याएँ: एटीएम तकनीकी खराबियों का सामना कर सकते हैं, जैसे कि मशीन का न चलना, कैश की कमी, या कार्ड फंस जाना। इससे आपको बैंक शाखा की ओर जाना पड़ सकता है।
    4. अधिक शुल्क: यदि आप अपने बैंक के एटीएम के अलावा अन्य बैंकों के एटीएम का उपयोग करते हैं, तो आपको अतिरिक्त लेनदेन शुल्क का सामना करना पड़ सकता है।
    5. लिमिटेशन: एटीएम से एक बार में निकाले जाने वाले कैश की मात्रा पर सीमा होती है। बड़ी रकम निकालने के लिए आपको कई लेनदेन करने की आवश्यकता हो सकती है।
    6. गोपनीयता का उल्लंघन: सार्वजनिक एटीएम पर दूसरों की उपस्थिति के कारण आपकी लेनदेन की गोपनीयता प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, यदि कोई आपके पास खड़ा हो और आपके पिन को देखे, तो आपकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
    7. सर्विस की कमी: कुछ एटीएम में केवल सीमित सेवाएं होती हैं, जैसे कि केवल कैश निकालना, और आप कैश जमा करने या अन्य सेवाओं के लिए बैंक शाखा में ही जा सकते हैं।
    8. वित्तीय प्रबंधन की कमी: एटीएम का उपयोग वित्तीय प्रबंधन में पूरी तरह से मददगार नहीं हो सकता, जैसे कि बजट प्रबंधन या वित्तीय सलाह।
    9. भौगोलिक पहुंच की कमी: ग्रामीण या दूरदराज के इलाकों में एटीएम की उपलब्धता सीमित हो सकती है, जिससे उन क्षेत्रों के निवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
    10. सिस्टम फॉल्ट्स: कभी-कभी एटीएम सिस्टम में तकनीकी खामियां हो सकती हैं, जिससे ट्रांजेक्शन फेल हो सकते हैं या आपकी जानकारी गुम हो सकती है।

    इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए, एटीएम का उपयोग करते समय सतर्कता बरतना और सुरक्षा के उपाय अपनाना महत्वपूर्ण होता है।

    ATM का उपयोग करते समय क्‍या क्‍या सावधानियां रखनी चाहिए?

    ATM KYA HAI : एटीएम का उपयोग करते समय सुरक्षा और सावधानी बरतना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:

    1. गोपनीयता बनाए रखें: जब आप एटीएम का उपयोग करें, सुनिश्चित करें कि कोई आपकी पिन या अन्य जानकारी देख न सके। टाइप करते समय अपनी पिन को छुपाएं और दूसरों से दूर रहें।
    2. एटीएम की सुरक्षा जांचें: एटीएम का उपयोग करने से पहले मशीन की स्थिति की जांच करें। सुनिश्चित करें कि कोई स्किमिंग डिवाइस या अन्य संदिग्ध उपकरण मशीन पर न लगे हों।
    3. सुरक्षित स्थान पर उपयोग करें: यदि संभव हो, तो ऐसी एटीएम का उपयोग करें जो अच्छी तरह से रोशनी और व्यस्त क्षेत्रों में स्थित हों। सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी रखें, खासकर रात के समय।
    4. पिन बदलें नियमित रूप से: अपनी पिन को नियमित रूप से बदलें और उसे किसी के साथ साझा न करें। एक मजबूत पिन चुनें जो आसान न हो और सिर्फ अंकों का उपयोग न करें।
    5. मशीन को नजर में रखें: लेन-देन पूरा होने के बाद, सुनिश्चित करें कि कार्ड और रसीद आपकी जेब में सुरक्षित हैं। कभी-कभी एटीएम कार्ड वापस नहीं आता या रसीद निकल जाती है।
    6. विवेकपूर्ण तरीके से कार्य करें: यदि एटीएम में कोई समस्या या असामान्यता महसूस हो, तो लेन-देन न करें और तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
    7. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: यदि आपको एटीएम के आस-पास कोई संदिग्ध गतिविधि या किसी व्यक्ति की असामान्य गतिविधि दिखे, तो तुरंत बैंक या सुरक्षा बल को सूचित करें।
    8. ऑनलाइन सुरक्षा: यदि आप मोबाइल या ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके उपकरण और नेटवर्क सुरक्षित हों। सार्वजनिक Wi-Fi का उपयोग करते समय सतर्क रहें।
    9. फ्रॉड अलर्ट: अपने बैंक की किसी भी सुरक्षा सूचना या अलर्ट को ध्यान से पढ़ें और पालन करें। यदि आप किसी भी अनधिकृत लेन-देन का संज्ञान लेते हैं, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।
    10. कार्ड और खाते की निगरानी: नियमित रूप से अपने खाते का बयान और एटीएम लेन-देन की जाँच करें। किसी भी अनधिकृत लेन-देन या भ्रामक गतिविधि की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें।

    इन सुरक्षा उपायों को अपनाकर आप एटीएम के उपयोग को सुरक्षित और प्रभावी बना सकते हैं।

    ATM सेवा प्रदाता कंपनी कौन कौन सी हैं?

    ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) सेवा प्रदाता कंपनियाँ आमतौर पर बैंकों, वित्तीय संस्थानों और एटीएम प्रबंधन कंपनियों के रूप में होती हैं। भारत और अन्य देशों में कई प्रमुख कंपनियाँ एटीएम सेवाएं प्रदान करती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख एटीएम सेवा प्रदाताओं की सूची दी गई है:

    बैंक एटीएम सेवा प्रदाता

    1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI): भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक, जो व्यापक एटीएम नेटवर्क प्रदान करता है।
    2. पंजाब नेशनल बैंक (PNB): बड़े पैमाने पर एटीएम सेवाएं प्रदान करने वाला एक प्रमुख बैंक।
    3. हिंदुस्तान एंटरप्राइजेज बैंक (HDFC बैंक): व्यापक एटीएम नेटवर्क के साथ एक प्रमुख प्राइवेट सेक्टर बैंक।
    4. आईसीआईसीआई बैंक: प्राइवेट सेक्टर में प्रमुख एटीएम सेवा प्रदाता।
    5. बैंक ऑफ बड़ौदा: भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक जो एटीएम सेवाएं प्रदान करता है।
    6. येस बैंक: प्राइवेट सेक्टर बैंक जो एटीएम सेवाएं भी प्रदान करता है।
    7. कोटक महिंद्रा बैंक: प्राइवेट बैंक जो एटीएम सेवाओं के लिए जाना जाता है।

    एटीएम प्रबंधन कंपनियां

    1. ईगल (Eagle) – एटीएम सेवा प्रदाता: भारतीय बाजार में एटीएम प्रबंधन और संचालन में सक्रिय।
    2. ईजीएल (EGL): एटीएम मशीनों के प्रबंधन और सेवाओं में विशेष कंपनियाँ।
    3. एपेक्स (APEX): एटीएम प्रबंधन सेवाएं प्रदान करने वाली एक प्रमुख कंपनी।
    4. सीआईटीआई (Citi): एटीएम नेटवर्क और सेवाएं प्रदान करने के लिए एक प्रमुख प्रदाता।

    अन्य प्रमुख एटीएम नेटवर्क प्रदाता

    1. एनईटीवर्क (NFS): नेटवर्क फॉर सर्विसेस, एक प्रमुख एटीएम नेटवर्क प्रदाता।
    2. वर्ल्डलाइन (Worldline): एक अंतरराष्ट्रीय एटीएम और पेमेंट सॉल्यूशंस प्रदाता।
    3. विजा (VISA) और मास्टरकार्ड (MasterCard): एटीएम नेटवर्क के लिए कार्ड और ट्रांजेक्शन सॉल्यूशंस प्रदान करते हैं।

    ATM KYA HAI : ये कंपनियाँ और संस्थान एटीएम सेवाओं के संचालन, प्रबंधन और सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, और उनके एटीएम नेटवर्क ग्राहकों को सुविधाजनक और सुरक्षित लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं।

    ATM सेवाएं कौन प्रदान करता है?

    ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) सेवाएं विभिन्न प्रकार के प्रदाता और संस्थान प्रदान करते हैं। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

    1. बैंक

    • पब्लिक सेक्टर बैंक: जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा, और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया। ये बैंक व्यापक एटीएम नेटवर्क प्रदान करते हैं।
    • प्राइवेट सेक्टर बैंक: जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और यस बैंक। ये बैंकों के एटीएम और एटीएम सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं।

    2. एटीएम नेटवर्क प्रदाता कंपनियाँ

    • नेटवर्क फॉर सर्विसेस (NFS): भारतीय एटीएम नेटवर्क के प्रमुख प्रदाताओं में से एक है।
    • साइटेल (Sitel) और बिज़नस (Business): कुछ अन्य एटीएम नेटवर्क प्रदाता जो एटीएम और बैंकिंग सेवाएं प्रबंधित करते हैं।

    3. एटीएम प्रबंधन कंपनियाँ

    • ईगल (Eagle) और एपेक्स (APEX): एटीएम प्रबंधन और संचालन में विशेष कंपनियाँ जो बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए एटीएम सेवाएँ प्रदान करती हैं।
    • सिस्को (Cisco): एटीएम और भुगतान सॉल्यूशंस प्रबंधन में सक्रिय।

    4. कार्ड और पेमेंट सॉल्यूशन कंपनियाँ

    • विजा (VISA) और मास्टरकार्ड (MasterCard): ये कंपनियाँ एटीएम कार्ड और लेनदेन के लिए नेटवर्क और सॉल्यूशंस प्रदान करती हैं, जो बैंकों द्वारा एटीएम सेवाओं में उपयोग होते हैं।

    5. फिनटेक कंपनियाँ

    • वर्ल्डलाइन (Worldline) और एप्टेक (Aptik): ये फिनटेक कंपनियाँ एटीएम नेटवर्क और डिजिटल भुगतान सेवाओं के प्रबंधन में भूमिका निभाती हैं।

    6. एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर निर्माता

    • नोकिया (Nokia), एचपी (HP), और एचसीएल (HCL): ये कंपनियाँ एटीएम मशीनों के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की आपूर्ति और रखरखाव करती हैं।

    7. रिटेल और वाणिज्यिक संस्थान

    • कुछ बड़े रिटेल चेन और व्यावसायिक संगठन एटीएम सेवाओं की पेशकश करते हैं, जो विशेष एटीएम नेटवर्क से जुड़े होते हैं।

    ATM KYA HAI : इन प्रदाताओं के माध्यम से एटीएम सेवाएँ विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सुविधाएं, जैसे कैश निकालना, बैलेंस चेक करना, और अन्य लेनदेन सेवाएं प्रदान करती हैं। इन सेवाओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न संस्थान मिलकर काम करते हैं।

    ATM कौन सी देश की कंपनी है?

    ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) स्वयं एक प्रकार की मशीन है और इसका स्वामित्व या निर्माण किसी एक देश की कंपनी के पास नहीं होता। हालांकि, एटीएम बनाने और प्रबंधन करने वाली प्रमुख कंपनियाँ विभिन्न देशों की हैं। यहाँ कुछ प्रमुख एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनियाँ और उनके देश:

    1. NCR Corporation

    • देश: अमेरिका
    • विशेषता: एटीएम और खुदरा वित्तीय समाधानों के प्रमुख निर्माता।

    2. Diebold Nixdorf

    • देश: अमेरिका (Diebold) और जर्मनी (Nixdorf)
    • विशेषता: एटीएम, खुदरा समाधान और बैंकिंग प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता।

    3. Wincor Nixdorf

    • देश: जर्मनी
    • विशेषता: एटीएम और खुदरा बैंकिंग उपकरणों का निर्माता (अब Diebold Nixdorf में विलय हो चुका है)।

    4. GRG Banking

    • देश: चीन
    • विशेषता: एटीएम और वित्तीय उपकरणों के प्रमुख निर्माता।

    5. Hyosung

    • देश: दक्षिण कोरिया
    • विशेषता: एटीएम और खुदरा बैंकिंग समाधान।

    6. Fujitsu

    • देश: जापान
    • विशेषता: एटीएम और सूचना प्रौद्योगिकी समाधान का निर्माता।

    ATM KYA HAI : इन कंपनियों के अलावा, विभिन्न देशों में स्थानीय और क्षेत्रीय एटीएम निर्माता और प्रबंधन कंपनियाँ भी होती हैं। एटीएम की सुविधा और सेवाएँ विभिन्न देशों में अलग-अलग कंपनियों और बैंकों द्वारा प्रदान की जाती हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में एटीएम की आपूर्ति और प्रबंधन करती हैं।

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    SAMSUNG S24 Ultra Ai Smartphone सैमसंग का Best दमदार फोन

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone सैमसंग का पावरफुल फोन

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone: अभी हाल ही में सैमसंग ने अपना बेस्‍ट स्‍मार्ट फोन लांच कर दिया है। जो इस ब्रांड का सबसे दमदार फोन है। सैमसंग ने S सीरीज के तीन स्‍मार्ट फोन Samsug Galaxy S24,  Samsug Galaxy S24 Plus और Samsug Galaxy S24 Ultra लांच किया है। जिसमें Samsug Galaxy S24 Ultra की सबसे खात बाह यह है, कि यह फोन AI आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस से लैस हैं। और तीनों फोन में जबरदस्‍त फीचर दिए गये है। आइए जानते है। इस फोन की पूरी जानकारी।

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस टेक्‍नोलॉजी से लैस है।

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone सैमसंग की तरफ से इस स्‍मार्ट फोन में आपको Galaxy AI मिलता है। इसकी मदद से आप इस फोन में बहुत कुछ कर सकते है। कंपनी ने Galaxy AI को जोड़कर अपने सैमसंग के फोन को दूसरे से फोन से बहुत ही अलग कर दिया है। क्‍योंकि दूसरी कंपनियां स्‍मार्टफोन के हार्डवेयर पर ज्‍यादा काम कर रही है। वहीं सैमसंग ने गूगल पिक्‍सल की तरह Software पर काफी काम किया है।

    यह फोन आपको 4 कलर में मिलेगा इस फोन की Galaxy AI ने सबसे ज्‍यादा प्रभावित किया है। यह एक रियल स्‍मार्ट एंड्रायड फोन है। इस फोन में बहुत सारे एडवांस फीचर्स दिए गए है। इसकी एक खास फीचर्स सर्कल टू सर्च की मदद से आप किसी फोटो में जाकर उस फोटो के किसी आब्‍जेक्‍ट के बारे में जानना है। तो उस फोटो के आब्‍जेक्‍ट पार्ट को सर्कल कर देना है। जिससे वह उसे वेब पर ले जायेगा और उसके जैसा कई सारे उदाहरण दिखाएगा।

    इस फोन के AI Gallery फीचर्स की सहायता से आप किसी भी नार्मल मोड में लिए गये विडियों को स्‍लो मोशन में चला सकते हो इस फोन में किसी दूसरे भाषा में बात करने वाले व्‍यक्ति की आवाज को लाइव काल में उनकी भाषा को ट्रांसलेट करके हिन्‍दी भाषा में समझ सकते हो। इस फोन की आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस तकनीक इस फोन को सबसे अलग और खास बनाता है।

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone 200MP कैमरा के साथ आता है।

    सैमसंग के इस स्‍मार्ट फोन में टाईटेनियम फ्रेम दे रखा है। साथ ही इसका बैक ग्‍लास है। इस फोन मे 4 कैमरा दिया गया है। जिसमें मेन WIDE कैमरा 200MP का है। एक 50MP का Telephoto कैमरा, एक और 10MP का Telephoto कैमरा एवं 12MP का Ultrawide कैमरा दिया गया है। और सामने 50MP का Selfie कैमरा दिया है।

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone में 7 साल की OS और Security अपडेट दिया गया है।

    इस फोन में 7 साल की OS Update और 7 साल की Security Update दिया है। इस फोन वजन 231 ग्राम है। डिस्‍प्‍ले क्‍वालिटी की बात करें तो प्‍लैट स्‍क्रीन दे रखा है। डिस्‍प्‍ले का साइज 6.8 इंच LIPD Amoled Display 2xQHD + Display 120 Hz Refresh Rate 260 Nits BRIGhTnEss वाला डिस्‍प्‍ले है। इस फोन के डिस्‍प्‍ले में Corning Gorilla Armor प्रोटेक्‍शन दिया गया है, जो इस फोन की सुरक्षा को और मजबूत बनाता है।इस फोन में LPDDR 5X RAM UFS 4.0 है।

    इस फोन में माल्‍टीटास्किंग बहुत ही अच्‍छा है। प्रोसेसर की बात करें तो इसमें Snapdragon 8 Gen3 4nm वाला प्रोसेसर दे रखा है। इस फोन में 1.9X Vapor Chamber Cooling Compare to Its Predecessor दे रखा है। जो इस फोन को जल्‍दी गरम हाेेेनेे नही देता। इस फोन की बैटरी 5000 mAH की है। 45W का वायर चार्जिंग 15W का Wireless चार्जिंग 4.5W का Reverse Wireless चार्जिंग सर्पोट के साथ आता है। इस फोन में 5G NFC One UI Dialer IP 68 Knox Security का सर्पोट भी है।

    Samsung S24 ultra Ai Smartphone की स्‍टोज एवं कीमत क्‍या है?

    सैमसंग गैलेक्सी S24 अल्ट्रा AI आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस तकनीके से लैस है एवं तीन अलग-अगल स्‍टोरेज के साथ आता है। जिसमें पहला 12+256GB जिसकी कीमत 1,29,999 रूपये दूसरा  12+512GB जिसकी कीमत 1,39,999 और तीसरा 12+1TB जिसकी कीमत 1,59,999 रूपये रखी गई है।

    FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग कहां उपयोग किया जाता है?

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    FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग कहां उपयोग किया जाता है?

    FASTag Kya Hota Hai

    FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग का क्‍या काम है?

    FASTag Kya Hota Hai: FASTag भारत में एक ऐसी इलेक्‍ट्रानिक टोल पेमेंट तकनीक है, जिसके माध्‍यम से देशभर के राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्‍लाजा में टोल टैक्‍स का भुगतान करने के लिए होता है। इसके माध्‍यम से वाहनों को टोल बूथ पर बिना रूके बार कोड RFID (रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक का उपयोग करके टोल टैक्‍स का ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके उपयोग से कम ट्रैफिक, समय की बचत, टोल टैक्‍स का सुरक्षित और तेजी से भुगतान होता है। FASTag की वैधता 5 वर्ष के लिए होती है।

    FASTag कैसे काम करता है?

    FASTag Kya Hota Hai: FASTag वाहन के विंडस्‍क्रीन में लगाया जाता है, और यह (RFID) रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्‍नोलॉजी पर काम करता है। जिसमें एक चिप लगी होती है। जैसे ही गाड़ी टोल प्‍लाजा के पास आ जाती है। टोल प्‍लाजा पर एक सेंसर लगा होता है। जो वाहन के विंडस्‍क्रीन में लगे FASTag के चिप के संपर्क में आता है। टोल प्‍लाजा पर लगने वाला टैक्‍स को काट लेता है। टोल प्‍लाजा से गुजरने वाली अलग अलग गाड़ियों के लिए दरें पहले से तय की गई होती है। और इस तरह से FASTag के माध्‍यम से टोल टैक्‍स का ऑनलाइन भुगतान कुछ ही सेंकड में हो जाता है।

    1. FASTag खाता खोलना – उपयोगकर्ता को सबसे पहले FASTag खाता खोलना होता है। यह ऑनलाईन या NETC से अधिकृत किये गए बैंक के माध्‍यम से किया जा सकता है।
    2. टैग प्राप्‍त करना – FASTag जिसमें एक छोटी सी RFID (रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप लगी होती है। प्राप्‍त किया जाता है। यह चिप वाहन की पहचान के लिए होता है।
    3. वाहन में  FASTag लगाना – FASTag को वाहन के विंडशील्‍ड में लगाया जाता है। इससे टोल प्‍लाजा में लगे स्‍कैनर्स या सेंसर द्वारा वाहन की पहचान की जा सकती है।
    4. FASTag में रिचार्ज करवानाFASTag खाते में रूपये जमा करवाना अनिवार्य होता है, इसके लिए उपयोगकर्ता बैंक खाता या डेबिट/क्रेडिट कार्ड एवं UPI का उपयोग कर सकता है।
    5. टोल प्‍लाजा पर प्रवेश करना- FASTag लगे वाहन को टोल बूथ पर बिना रूके हलचल के साथ आने जाने की अनुमति होती है।
    6. राशि की कटौती- जैसे ही वाहन टोल बूथ पर प्रवेश करता है, टोल बूथ में लगे स्‍कैनर्स FASTag को स्‍कैन करके उपयोगकर्ता के खाते से राशि की कटौती कर लेता है।
    7. एसएमएस अलर्ट और स्‍टेटमेंट- उपयोगकर्ता को एसएमएस के माध्‍यम से टोल टैक्‍स कटौती की सूचना प्राप्‍त होती है।

    FASTag कहां से प्राप्‍त कर सकते है?

    FASTag Kya Hota Hai: आज के समय में नई गाड़ी में FASTag खरीदनें की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि यह नई गाड़ी में पहले से लगा हुआ मिलेगा। आपको सिर्फ रिचार्ज करना पड़ेगा। और अगर आपके पास कोई गाड़ी पहले से है, जिसमें FASTag नहीं लगा है, तो आप FASTag उन बैंको से खरीद सकते है, जो की नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन NETC से अधिकृत किये गए हैं जैसे:- एक्सिस बैंक आईडीएफसी बैंक सिंडिकेट बैंक भारतीय स्‍टेट बैंक एच डी एफ सी बैंक आईसीआईसीआई बैंक के साथ 22 अन्‍य बैंक भी शामिल है। अगर आप pytm का उपयोग करते हैं तो आप वहां से भी इसे खरीद सकते हैं।

    FASTag कितने रंग के होते है। और कितने कैटेगिरी के होते है।

    FASTag Kya Hota Hai: FASTag वि‍भिन्‍न प्रकार की गाडियों के लिए अलग अलग रंग के होते है एवं अलग अलग कैटेगिरी के होते है। और उन अलग-अलग वाहनों के लिए भिन्‍न-भिन्‍न दरों में टैक्‍स का भुगतान करना होता है। जो पहले से निर्धारित की गई होती है। जिसके तहत् FASTag को 2 कैटेगिरी और 7 अलग-अलग रंगों में बंटा गया है।

    (1) M कैटे‍गिरी- इस कैटेगिरी में एक ही प्रकार के वाहन को रखते है। इसके अंतर्गत पर्सनल वाहन आता है। जिसका उपयोग हम अपने पर्सनल काम के लिए करते है। जिस वाहन को किसी भाड़ा एवं किराये के लिए उपयोग नहीं करते है। और जिसका नम्‍बर प्‍लेट सफेद रंग का होता है। तो इस प्रकार के वाहनों के लिए  FASTag कार्ड violet color (बैगनी रंग) का होता है।

    (2) N कैटे‍गिरी- इस कैटेगिरी में विभिन्‍न प्रकार के कर्मिशियल वाहन आते है। और जिसका उपयोग हम भाड़ा ढोने, कमाने एवं किराये के लिए करते है। इस प्रकार के वाहनों के लिए  FASTag कार्ड 6 अलग-अलग रंंगोंं में मिलता है।

    1 कर्मिशियल वाहन – पिकअप और छोटे प्रकार के वाहन जिसका उपयोग हम कर्मिशियल उपयोग के लिए करते है इस प्रकार के वाहनों के लिए FASTag orange color (नांरगी रंग) का होता है।

    2 थोड़ा बड़ी वाहन जिसमें दो एक्‍सल लगी हो उसके लिए Green Color (हरा रंग) का FASTag होता है।

    3  तीन एक्‍सल वाली वाहनों के लिए Yellow color (पीला रंग) का FASTag होता है।

    4 चार, पांच, एवं छह एक्‍सल वाली वाहनों के लिए Pink color (गुलाबी रंग) का FASTag होता है।

    5 सात एक्‍सल से ज्‍यादा वाली वाहनों के लिए sky blue color (आसमानी नीला रंग) का FASTag होता है।

    6 मशीनरीज वाहनों जैसे जेसीबी पोकलेन आदि के लिए Black color (काला रंग) का FASTag होता है।

    FASTag के क्‍या क्‍या फायदे हैं।

    FASTag Kya Hota Hai: भारत में नेशनल हाईवे पर चलने के लिए परिवहन विभाग द्वारा एक शुल्‍क लिया जाता है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के कारण लगने वाली गाड़ियों की लम्बी लाइनों से लगने वाले जाम और टोल टैक्‍स का सुरक्षित भुगतान खुले में पैसे देने की समस्या को हल करने के लिए FASTag तकनीक को देश के टोल प्‍लाजा पर शुरू किया है।

    FASTag की मदद से समय बचने के साथ-साथ वाहनों की पेट्रोल, डीजल की भी बचत होगी। जब भी कोई FASTag लगे वाहन से किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे, तो FASTag खाता से आपका शुल्क कटते ही आपके पास एक एसएमएस आ जाएगा। और इस एसएमएस के जरिए आपके FASTag अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है। उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी।

    जीरों बैलेंस FASTag kya hota hai? यह किन लोगों के लिए होती है।

    FASTag Kya Hota Hai: राष्ट्रीय राजमार्ग से अपने वाहन को ले जाने के लिए टोल प्लाजा पर टैक्स देना पड़ता है। और इस टैक्‍स भुगतान के लिए उन्हें अपनी गाड़ी पर लगाये हुए FASTag को रिचार्ज कराना पड़ता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह जीरो बैलेंस में भी उपयोग होता है। यानि कुछ लोगों को यहाँ से गुजरने के लिए कोई भी टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तरफ से वीआईपी लोगों को जीरो बैलेंस के FASTag जारी किए जाते हैं। ऐसे FASTag को एक्जमटेड FASTag नाम दिया गया है।

    यह FASTag देश के सभी सांसदों और विधायकों ये दिया गया है। सांसदों की दो गाड़ियों के लिए फास्टैग मिलते हैं। एक संसदीय क्षेत्र के लिए और एक राजधानी दिल्ली के लिए जहां वो संसद सत्र में भाग लेने के लिए आते हैं। जीरो बैलेंस वाले FASTag देश के सभी नेशनल हाइवे पर मान्य होते हैं। जीरो बैलेंस के FASTag बनवाने के लिए इसके दायरे में आने वाले लोगों को NHAI की वेबसाइट पर आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद ही NHAI इसे जारी करता है।

    FASTag भारत में कब शुरू हुआ था?

    FASTag Kya Hota Hai: भारत में FASTag की शुरूआत 2014 में किया गया था। यह तकनीक सबसे पहले अहमदाबाद एवं मुबंई हाईवे के बीच शुरू किया गया उसके बाद जुलाई 2015 में इसे चेन्‍नई बेंगलुरू टोल प्‍लाजा में चालू किया गया। धीरे धीरे यह पूरे देश के सभी टोल प्‍लाजाओं पर लागू किया जा रहा है। FASTag तकनीक की सहायता से टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के दौरान होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सकेगी। FASTag की मदद से टोल प्लाजा में बिना रूके अपना टोल टैक्स दे सकेंगे। भारत में 16 फरवरी 2021 से परिवहन विभाग के FASTag को अनिवार्य कर दिया है।

    FASTag Kya Hota Hai । FASTag कैसे काम करता है?

    FAQ-

    भारत में फास्‍टैग कब आया?

    सन् 2014 में

    भारत में फास्‍टैग की शुरूआत किसने की थी?

    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पहल पर भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड द्वारा

    फास्‍टैग में RFID का पूरा नाम क्‍या है?

    रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन

    फास्‍टैग की वैधता कितनी होती है?

    5 वर्ष की

    फास्‍टैग कितने प्रकार के होते है?

    2 प्रकार के

    भारत में कौन सी संस्था फास्टैग संचालित करती है?

    भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 

    फास्‍टैग कौन से वाहनों को लगाना होता है?

    4 पहिया वाहनों को

    फास्‍टैग पर कितना का रिचार्ज कराना होता है?

    न्‍यूनतम 100 रूपये एवं अधिकतम 1 लाख रूपये

    फास्‍टैग वाहन पर कहां लगाया जाता है?

    वाहन के विंडस्‍क्रीन में

    फास्‍टैग कितने रंग के होते हैं?

    7 रंगों के

    फास्‍टैग क्‍या होता है ? FASTag Kya Hota Hai

    ऑनलाइन टोल टैक्‍स भुगतान करने की तकनीक

    फास्‍टैग का वाक्‍य क्‍या है?

    Easy to Cruise

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    Digital Payment Kya Hai   

    Digital Payment Kya Hai? डिजिटल भुगतान क्‍या है?

    Digital Payment Kya Hai: डिजिटल भुगतान एक प्रौद्याेगिकी है, जिसमें व्‍यापार, वित्‍तीय लेन-देन एवं व्‍यक्तिगत भुगतान की प्रक्रिया व भुगतान का देनदेन डिजिटल या ऑनलाईन मोड के माध्‍यम से होते हैं, जिसमें पैसे का भौतिक रूप से आदान-प्रदान शामिल नहीं होता है। बल्कि भुगतानकर्ता और प्राप्‍तकर्ता पैसे का आदान प्रदान करने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों का उपयोग करते है। आज के इस पोस्‍ट Digital Payment Kya Hai में डिजिटल भुगतान के कौन कौन से तरीके हैं के बारे में जानेंगे।

    डिजिटल भुगतान के कौन-कौन से तरीके हैं।

    Digital Payment Kya Hai आज से कुछ साल पहले की बात करें तो हम मे से अधिकांश लोगों को डिजिटल पेमेंट के बारे में पता ही नहीं था। और ज्‍यादातर लोग अपनी अपनी भुुुुुगतान के लिए कैश का ही उपयोग किया करते थे। बैंको की लम्‍बी-लम्‍बी लाईनों में खड़ा होना पड़ता था। कई तरह के फार्म भरने पड़ते थे। और इस में प्रक्रिया बहुत समय लगता था। भारत में 8 नवम्‍बर 2016 केे नोटबंदी के बाद से भुगतान करने तरीके में बहुत बदलाव आ गया है। आज के समय में हर कोई किसी न किसी माध्‍यम से डिजिटल भुगतान का सहारा लेता है। डिजिटल भुगतान के विभिन्‍न तरीकों के बारे में आगे विस्‍तार से जानेंगे।

    RTGS क्‍या होता है? RTGS Digital Payment Kya Hai

    डिजिटल भुगतान की इस प्रक्रिया में किसी व्‍यक्ति द्वारा भेजे गये पैसे उसी समय दूसरे व्‍यक्ति के खाता (Account) में पहुंच जाता है। और पैसों का ट्रांसफर कुछ ही क्षणों में तुरंत हो जाता है। इस RTGS के माध्‍यम से किसी को न्‍यूनतम 2 लाख रूपये एवं अधिकतम 10 लाख रूपये तक की राशि भेज सकते है। सामान्‍य रूप से RTGS प्रक्रिया का उपयोग बड़ी राशि को सुरक्षित रूप में जल्‍दी भेजने के लिए किया जाता है। डिजिटल भुगतान प्रणाली RTGS का पूरा नाम Real-time gross settlement (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट) है।

    RTGS के माध्‍यम सेे किया गया प्रत्‍येक भुगतान आरबीआई के साईट पर अपडेट होतेे रहता है। क्‍यों‍कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ही RTGS प्रणाली के नेटवर्क को चलाती है। इस प्रक्रिया से किया गया भुगतान अंतिम और अपरिवर्तनीय होता है। और इस प्रणाली द्वारा किये गये भुगतान पर आरबीआई द्वारा बहुत ही कम शुल्‍क लिया जाता है। वर्तमान समय में इस प्रणाली का उपयोग सप्‍ताह में सातों दिन यानि रात हो या दिन 24 घण्‍टें कर सकते है। साथ ही इस प्रक्रिया का उपयोग बैंक के माध्‍यम से और नेटबैंकिग व मोबाईल बैंकिग के माध्‍यम से भी किया जा सकता है।

    NEFT का पूरा नाम क्‍या है? NEFT Digital Payment Kya Hai

    आज के इस टेक्‍नोलॉजी के दुनिया में डिजिटल पेमेंट तेजी से आगे बढ़ रहा है। डिजिटल पेमेंट सिस्‍टम NEFT की बात करें तो इसका पूरा नाम नेशनल इलेक्‍ट्राॅनिक फंड ट्रांसफर (National Electronic Funds Transfer) है। इस NEFT भुगतान के माध्‍यम से पैसे ट्रांसफर करने में कुछ ही समय लगता है। सामान्‍यत: यह समय 30 से 45 मिनट तक हो सकता है। क्‍योंकि आरबीआई के अनुसार हर 30 मिनट में NEFT के फंड ट्रांसफर बेस रीलीज किये जाते है।

    जिसके अनुसार हर 30 मिनट में एक व्‍यक्ति के द्वारा जितने बार फंड ट्रांसफर की रिक्‍वेस्‍ट आई हुई होती है। उन सभी रिक्‍वेस्‍ट को Approve करके beneficiary के खाता में पैसे ट्रांसफर कर दिये जाते हैं। इस भुगतान प्रक्रिया के अंतर्गत न्‍यूनतम लेन-देन की कोई सीमा नहीं है। और इसमें भी अधिकतम 10 लाख रूपये तक की राशि एक साथ ट्रांसफर कर सकते है। इस NEFT भुगतान प्रक्रिया में खाताधारक से काेेेई भी चार्ज नहीं लिया जाता है।

    साथ ही इस भुगतान प्रणाली की सुविधा का लाभ प्रतिदिन 24 घण्‍टें लिया जा सकता है। इस डिजिटल भुगतान प्रणाली का उपयोग आप बैंक की सहायता से नेटबैंकिंग और मोबाईल बैंकिंग की सहायता से भी कर सकते है। इस NEFT भुगतान सिस्‍टम को भी आरबीआई के द्वारा संंचालन किया जाता है।

    IMPS भुगतान प्रणाली क्‍या है? IMPS Digital Payment Kya Hai

    डिजिटल भुगतान प्रणाली IMPS का पूरा नाम Immediate Payment Service (इमिडियेट पेमेंट सर्विस) है। और इस भुगतान माध्‍यम का संचालन (NPCI) National Payments Corporation Of India (भारतीय राष्‍ट्रीय भुगतान निगम) द्वारा किया जाता है। आपको बता दें की इस भुगतान प्रक्रिया का सबसे ज्‍यादा उपयोग नेटबैंकिंग में किया जाता है। यह भुगतान सिस्‍टम भी RTGS भुगतान सिस्‍टम की तरह ही होता है। जिसमें पैसों का ट्रांसफर तुरंत होता है। यानि की लाभार्थी के खातें में उसी समय कुछ ही पलाें में पैसोंं का ट्रांसफर हो जाता है।

    इस IMPS भुगतान में न्‍यूनतम ट्रांजेक्‍शन लिमिट 1 रूपये है। तथा अधिकतम 2 लाख रूपये तक का फंड ट्रांसफर कर सकते है। यानि की 2 लाख रूपये से ज्‍यादा ट्रांसफर IMPS के माध्‍यम से नहीं की जा सकती। और इसके माध्‍यम से पैसे के भुगतान के लिए अलग-अलग बैंक द्वारा अलग-अलग चार्ज लिया जाता है। और इसका उपयोग सिर्फ आनलॉइन यानि कि नेटबैंकिंग में ही कर सकते है। और इस IMPS भुगतान प्रक्रिया का उपयोग आप कभी भी कर सकते है।

    NPCI क्‍या है? NPCI Digital Payment Kya Hai

    आज के समय में डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया ने पैसों के देन-देेन को बहुत ही सरल एवं असान बना दिया है। डिजिटल भुगतान सिस्‍टम NPCI का पूूूरा नाम National Payments Corporation Of India (भारतीय राष्‍ट्रीय भुगतान निगम) है। इसकाेे सन् 2008 में भारतीय रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया एवं Indian Bank Association के द्वारा कंपनीज एसोसीएसन एक्‍ट के तहत् बनाया गया था।

    आनलाॅॅॅइन पेमेंट सिस्‍टम RuPay कार्ड और UPI सभी को निर्देशित करने का काम NPCI के द्वारा ही किया जाता है। देश भर की दुकानें शाॅॅॅॅपिंग मॉल पेट्रोल पंंप में हाेेन वालेे प्रीपेड भुगतान के ट्रांजेक्‍शन को NPCI भुगतान प्रणाली के द्वारा ही मानीटर एवं संचालन किया जाता है। और इस भुगतान प्रणाली के अंतर्गत देशभर के लगभग सभी बैंक आतेे हैं। इसके द्वारा इंटरनेशनल पेमेंट भी किया जा सकता है।

    UPI डिजिटल भुगतान प्रणाली UPI Digital Payment Kya Hai

    भारत का सबसे फेमश भुगतान प्रणाली UPI है। क्‍योंकि आज के समय में सबसे ज्‍यादा UPI के माध्‍यम से ही भुगतान किया जाता है। इसका पूरा नाम UNIFIED PAYMENTS ENTERFACE है। आजकल स्‍मार्टफोन के माध्‍यम से बड़ी आसानी से UPI के जरिये भुगतान किया जा सकता है। और आज के समय में लगभग सभी के पास स्‍मार्टफोन की सुविधा उपलब्‍ध है।

    जिसमें PhonePe Google Pay Paytm जैसे UPI से भुगतान करने वाल एप्‍लीकेशन मौजूद है। इस UPI को 20 अप्रैल 2016 को NPCI द्वारा लांच किया गया था। UPI को दुनिया का सबसे तेज और एडवांस पेमेंट सिस्‍टम माना जाता है। मात्र कुछ ही सेकेंड में UPI के माध्‍यम से कैश ट्रांसफर किया जा सकता है। और इस UPI का इस्‍तेमाल कभी भी किसी भी समय किया जा सकता है। इस प्रणाली में ट्रांसफर की न्‍यूनतम लिमिट 1 रूपये है। एवं अधिकतम 1 लाख रूपये तक का भुगतान कर सकते है।

    इससे भुगतान करना बहुत ही आसान है। क्‍योंकि इससे पैसे ट्रांसफर करने के लिए लाभार्थी का सिर्फ मोबाईल नम्‍बर या बैंक खाता नम्‍बर की ही जरूरत पड़ती है। किसी भी व्‍यक्ति को अपने मोबाईल में UPI की सेवा शुरू करने के लिए इस UPI प्रणाली से भुगतान करने वाला एप की जरूरत होती हैं। इन एप के माध्‍यम से व्‍यक्ति कुछ ही क्षणों में बिना किसी कागजात के ऑनलाईन ही अपना बैंक खाता उस एप में जोड़कर इस UPI की इस सेवा का लाभ ले सकता है।

    Digital Payment Kya Hai डिजिटल भुगतान के विभिन्‍न प्रणाली

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