Lakshadweep Tourism In Hindi।लक्षद्वीप के 12 प्रसिद्ध स्‍थल।

Lakshadweep Tourism In Hindi

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल के रूप में

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप भारत का एक बहुत ही सुंदर और खूबसूरत द्वीप समूह है, जो अरब सागर में स्थित है, और लक्षद्वीप भारत का एक केन्‍द्र शासित प्रदेश है, लक्षद्वीप का अर्थ लाखों समूह का द्वीप होता है, यह स्‍थल अपने आप में एक अनोखा, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्‍कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। और घूमने जाने के लिए यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल के रूप में लोगों के बीच लोकप्रिय है। आज के पोस्‍ट के माध्‍यम से हम लक्षद्वीप के प्रसिद्ध स्‍थलों के बारे में जानेगें।

लक्षद्वीप के इतिहास के बारे में जानकारी

lakshadweep tourism in hindi: भारत का सबसे छोटा केन्‍द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का इतिहास बहुत ही प्राचीन है, ऐसा माना जाता है, कि इस द्वीप का आखरी शासक चेरमन पेरूमल था। भारतीय इतिहास में राज्‍यों के पुर्नगठन के समय 1 नवंबर सन् 1956 में लक्षद्वीप को मद्रास से अलग कर एक केन्‍द्र शासित प्रदेश के रूप में दर्जा दिया गया। लक्षद्वीप की राजधानी कवारती है। लक्षद्वीप पहले मिनिकॉय, लेकडाइव और अमिंडी द्वीप के नाम से जाना जाता था। आज के समय में लक्षद्वीप एक प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल के लिए जाना जाता है।

लक्षद्वीप के 12 प्रमुख प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल

lakshadweep tourism in hindi: भारत में बहुत सारे पर्यटन स्‍थल है, जहां पर आप अपने परिवार और दोस्‍तों के साथ घूमने के लिए जा सकते है, लेकिन आज हम एक ऐसे पर्यटन स्‍थल लक्षद्वीप के बारे में बताने जा रहे है। जहां पर आपको एक साथ कई अलग अलग बेहद खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर प्रसिद्ध 12 पर्यटन स्‍थलों की जानकारी मिल जायेगी जिससे की आप भी उस स्‍थान पर जा सके और वहां के मनोरम दृश्‍य का आंनद ले सके‍।

मिनिकॉय द्वीप /Minicoy Island/

lakshadweep tourism in hindi: मिनिकॉय द्वीप लक्षद्वीप का एक प्रमुख एवं आकर्षक पर्यटन स्‍थल है, यह लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। स्‍थानीय भाषा में मिनिकॉय द्वीप को मलिकू कहा जाता है, मिनिकॉय द्वीप कोचीन समुद्री तट से लगभग 400 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

इस द्वीप पर अरब सागर का सुन्‍दर नीला पानी देखने लायक होता है। मिनिकॉय द्वीप पर मूंगे की चट्टानें, सफेद रेत, एवं विभिन्‍न प्रकार के रत्‍न देखने को मिल जाते है। यह पर रेस्‍टोरेंट लक्‍जरी रिर्सोट बने हुए है। यहां पर आने वाले पर्यटक इस स्‍थान पर खाना खाने और रूकने के लिए जा सकते है।

कवारत्‍ती द्वीप /Kavaratti Island/

lakshadweep tourism in hindi: कवारत्‍ती केन्‍द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की राजधानी है, इसको लक्षद्वीप का जान कहा जाता है, यह सबसे सुंदर जगहों में से एक है। कवारत्‍ती पर्यटन स्‍थल कोच्‍ची समुद्री तट से लगभग 360 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह द्वीप प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर होने के साथ-साथ सफेद चमकीली मखमली जैसे रेत एवं आकर्षक खूबसूरत परिदृश्‍यों के लिए जाना जाता है।

कवारत्‍ती द्वीप में नारियल के खूबसूरत पेड़ एवं समुद्री जल में होने वाली प्राकृतिक गतिविधियां यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर लुभाती है। कवारत्‍ती द्वीप अपने 12 एटोल, 5 जलमग्‍न बैंक एवं तीन प्रवालि भित्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वीप घूमने के लिए सबसे अच्‍छी जगह है, एवं सबसे अधिक पर्यटक इस स्‍थल पर घूमने के लिए आते है।

अगत्‍ती द्वीप /Agatti Island/

lakshadweep tourism in hindi: अगत्‍ती द्वीप समूह लक्षद्वीप के रोमांचित जगहों में से एक है। इस स्‍थान को आप हनीमून प्‍वाइंंट भी कह सकते है। क्‍योंकि इस स्‍थान पर सबसे अधिक कपल और शादी शुदा जोड़े घूमने के लिए आते है। यह द्वीप लगभग 8 कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। और इस द्वीप को बहुत ही सुंंदर तरीके से सजाया गया है।

इस द्वीप पर 8000 से अधिक लोग निवास करते है। यह स्‍थान समुद्री वनस्‍पतियों, मूंगा भित्तियां, प्राकृतिक सौंदर्य एवं भौगोलिक संरचनाओं से भरपूर है। जो यहां आने वाले पर्यटकों का और भी अधिक आकिर्षित करती है।

बांगरम द्वीप /Bangaram Island/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप का बांगरम द्वीप समूह एक बहुत ही लुभावनी और अदभूत जगह है। यह द्वीप रत्‍नों के द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। यहां आने वाले पर्यटक सुंदर सुंदर मछलियों के साथ तैरना, डॉल्फिन देखना, वाटर स्‍पोर्टस, सूर्योदय और सूर्यास्‍त के मनोरम दृश्‍य का आनंद ले सकते है।

महासागर के साफ नीले पानी में विभिन्‍न गतिविधि और स्‍कूबा डाइविंग का भी लुफ्त उठा सकते है। यहां रेत पर बैठने और लेटने के लिए सारी व्‍यवस्‍था की गई है। जिसका आप शानदार तरीके से मजा ले सकते है। और यहां आकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते है।

कलपेनी द्वीप /Kalpeni Island/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप के कई सारे प्रमुख जगहों में से एक कलपेनी द्वीप भी है जो अपनी अनुपम खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। इस द्वीप को कोइफैनी द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। लक्षद्वीप का यह प्रसिद्ध द्वीप है। इसकी समुद्री लहरों को देखने के लिए पर्यटक लाखों की संख्या में आते हैं।

समुद्री लहरों के कारण यहां का दृश्य आकर्षक और बेहतरीन हो जाता है। चेरियम, पित्ती, और तिलकक्म इन तीनों अलग अलग द्वीप से मिलकर कलपेनी द्वीप का निर्माण हुआ है। इस द्वीप पर भी आप एक्टिविटी कर सकते हैं। यहां पर आप नौकायन, कैनोइंग, कायलिंग आदि कई प्रकार की एक्टिविटी कर सकते हैं। आप इस द्वीप पर बोटिंग का भी लुफ्त ले सकते हैं।

कदमत द्वीप /Kadmat Island/

lakshadweep tourism in hindi: कदमत द्वीप लक्षद्वीप का प्रमुख पर्यटन स्थल है, इस जगह को देखने के लिए सबसे ज्यादा यहां कपल्स और प्रेमी जोड़े आते हैं। कदमत द्वीप लगभग 9 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। ये जगह भी लोगों को आकर्षित करता है, सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए बेहद लोकप्रिय स्‍थान होने के कारण पर्यटक हजारों की संख्या में इस द्वीप पर घूमने के लिए आते हैं।

यहां आप कई फेमस एक्टिविटीज भी कर सकते हैं जैसे पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग, कयाकिंग और स्नोर्केलिंग आदि शामिल हैं। लक्षद्वीप घूमने आने पर आप इस जगह पर आ सकते हैं। और यहां के सुंदर वातावरण का जमकर मजा ले सकते हैं।

अमीनी द्वीप /Amini Island/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप में स्थित यह अमीनी द्वीप अपनी अनूठी संस्कृति और प्राकृतिक सुन्दरता के प्रसिद्ध है। यहाँ पर सिर्फ भारतीय पर्यटक ही जा सकते है। विदेशी पर्यटक को इस द्वीप पर जाने की अनुमति नही है।

इस द्वीप की सबसे बड़ी खासियत इसके सफ़ेद रेतीले समुद्री तट और नीला समुद्री पानी है। यहाँ पर आप स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग, कयाकिंग, और विंडसर्फिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ की  स्थानीय संस्कृति, जीवनशैली, पारंपरिक कला, शिल्प, और नृत्य पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते है।

मरीन संग्रहालय/Marine Museum/

lakshadweep tourism in hindi: मरीन संग्रहालय लक्षद्वीप के कवारत्ती द्वीप पर स्थित है। मरीन संग्रहालय में समुद्र से जुड़ी अनके कलाकृतियां संग्रहीत कर रखी हुई है। इस म्यूजियम में समुद्री मछलियों और पानी के जलीय जीवों की प्रजातियां सबसे अधिक देखी जाती हैं।

अगर आप समुद्री जीवन जैसी गतिविधियों में दिलचस्‍पी रखते हैं, और इससे जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको मरीन म्यूजियम जरूर जाना चाहिए। इस मरीन संग्रहालय को समुद्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाया गया था। यह मरीन संग्रहालय सुबह 10 बजे खुलता है और शाम को 6 बजे बंद हो जाता है।

प्रकाश स्‍तंभ /Light House/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप में घूमने के लिए प्रमुख जगहों में यह एक प्रकाश स्तंभ भी है। जो लक्षद्वीप के मिनकाय द्वीप पर स्थित है। यह लाइट हाउस करीब 300 फिट की ऊंचाई पर बना हुआ है, जिसके निर्माण वर्ष 1985 में किया गया था। लक्षद्वीप आने पर आप इस जगह में घूमने के लिए जा सकते है और इस लाइट हाउस को देखने का आनंद ले सकते है।

स्‍कूबा डाइविंग/Scuba Diving/

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप एक ऐसी जगह है, जहां आप स्कूबा डाइविंग का भरपूर मजा ले सकते हैं। लक्षद्वीप स्कूबा डाइविंग के लिए काफी ज्यादा लोकप्रिय है। स्कूबा डाइविंग के शौकीन पर्यटकों के लिए लक्षद्वीप एक किसी स्वर्ग से कम नही हैं। यहाँ आपको आनंदित कर देने वाले दृश्य देखने को मिलेंगे।

लक्षद्वीप में अगत्ती, कदमत और बांगरम ऐसे तीन द्वीप हैं जो कि स्कूबा डाइविंग के लिए काफी प्रसिद्ध स्‍‍थल माने जाते हैं। इन द्वीपों पर स्कूबा डाइविंग करने के लिए आपको लगभग 2000 रूपए (लगभग) प्रति डाइविंग शुल्क देना होता है। यदि आप लक्षद्वीप की यात्रा पर आते हैं तो स्कूबा डाइविंग का लुफ्त लेना ना भूले।

वाटर स्‍पोर्टस/Water Sports/

lakshadweep tourism in hindi: अगर आप लक्षद्वीप में घूमने का प्‍लान बना रहे है, तो प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा यहाँ होने वाले विभिन्‍न प्रकार के वाटर स्पोर्ट का आनंद भी ले सकते हैं। लक्षद्वीप में होने वाले पानी से सम्बंधित प्रमुख खेलो में पैडल बोटिंग, स्कूबा डाइविंग, नौकायन, स्नैचिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, सफरिंग, स्विमिंग, जेट स्की, बनाना बोट राइड, पावर पतंग, पतंग सर्फिंग, काड बाइक की सवारी, वेक बोर्डिंग, पैरासेलिंग आदि शामिल हैं।

पानी से संबधित इन खेलो का शुल्क लगभग 750 रूपए से शुरू होता है। और इन खेलों का आप भरपूर मजे ले सकते है।

यॉट क्रूज

lakshadweep tourism in hindi: लक्षद्वीप में मनोरंजन के कई साधन मौजूद हैं जिसमें से यॉट क्रूज भी एक है। अगर आप लक्षद्वीप घूमने जा रहे है, तो इसका आनंद जरूर लें। इस क्रूज के द्वारा आप समुद्र के सुंदर नीले पानी और बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। और आप बहुत ही करीब से समुद्र के जीव को छू सकते हैं, जो पर्यटक क्रूज की सवारी को कर लेता है। वो वर्ष में एक बार लक्षद्वीप घूमने के लिए जरूर आएगा।

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Tatamari Resort Keshkal: हिल स्‍टेशन टाटामारी क्‍यों प्रसिद्ध है?

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Tatamari Resort Keshkal: हिल स्‍टेशन टाटामारी क्‍यों प्रसिद्ध है?

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Tatamari Resort Keshkal: हिल स्‍टेशन

Tatamari Resort Keshkal: छत्‍तीसगढ़ का पर्यटन के क्षेत्र में अपना अलग ही पहचान है, यहां के प्राकृतिक सौदंर्य से भरपूर हरे भरे हिल स्‍टेशन की बात करें या प्राकृतिक जलप्रपात की इसी तरह बस्‍तर में कोण्‍डागांव जिले के अंतर्गत केशकाल में टाटामारी हिल स्‍टेशन स्थित है। यह टाटामारी अपनी नैसर्गिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। जहां आप प्राकृति के खूबसूरत नजारे को देखते ही रह जायेगें। इसकी सुंदरता को देखते हुए छत्‍तीसगढ़ शासन द्वारा इसको इको टूरिज्‍म के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे है। आज के इस पोस्‍ट के माध्‍यम से टाटामारी केशकाल के बारें में जानने बताने वाले है।  

Tatamari Resort हिल स्‍टेशन प्रकृति की अनुपम छठा

Tatamari Resort हिल स्‍टेशन कोण्‍डागांव जिले से 60 किमी की दूरी पर केशकाल ब्‍लाक में स्थित है, जो एक बहुत बड़े पठारी क्षेत्र में फैला हुआ है। इस टाटामारी से आस पास के पहाड़ो का सुंदर नजारा देखने को मिल जाता है। यहां हर उम्र के लोग घूमने के लिए आते है। इस स्‍थान से कांकेर शहर एवं पहाड़ी के नीचे आस-पास के गांवो को भी देखा जा सकता है। बरसात के दिनों में बादलों की घनघोर घटा और प्रकृति की मनोरम छठा के बीच यहां के सुंदर प्रकृतिक वादियां लोगों के मन को मोह लेती है। जिससे लोग इस स्‍थान पर बार बार आना पंसद करते है।

टाटामारी में स्थित है महालक्ष्‍मी शक्ति पीठ

Tatamari Resort Keshkal घाटी के एकदम ऊपर में स्थित है, यह स्‍थान अपनी आकर्षक सुंदरता के लिए तो प्रसिद्ध है, ही साथ साथ एक धार्मिक स्‍थल के रूप में जाना जाता है। क्‍योंकि यहां महालक्ष्‍मी शक्ति पीठ मंदिर स्‍थापित है। जहां पर श्रद्धालु बड़ी संख्‍या में दिवाली के लक्ष्‍मी पूजा के दिन पूजा-अर्चना करते है। एवं नौ रात्रि के दिनों में भी इस शक्ति पीठ में भक्‍तों की उपस्थिति देखने को मिलती है। और यहां आस्‍था रखने वाले श्रद्धालु भक्तिभाव से अपनी मनोकामना पूरा करने के लिए यहां आते है।

टाटामारी में स्थित वॉच टॉवर

इस टाटामारी की प्राकृतिक सौदंर्य को और नजदीक से देखने के लिए यहां पर एक वॉच टॉवर का निर्माण किया गया है। इस वॉच के ऊपर चढ़कर इस स्‍थान की खूबसूरती और सुंदरता को दूर दूर तक देखा जा सकता है। जो दर्शकों को और भी रोमांचित कर देती है।

टाटामारी व्‍यू प्‍वांइट Tatamari view point

Tatamari Resort Keshkal व्‍यू प्‍वांइट इस स्‍थान को और भी खास बनाती है। इस व्‍यू प्‍वांइट को सुंदर तरीके से डिजाईन किया गया है। अगर आप टाटामारी आकर इस स्‍थान से यहां के नजारें को दखेगें तो सामने कई छोटे बड़े पहाड़ो की श्रेणियां आपको नजर आयेगें जो किसी के भी मन को गदगद कर देती है। इस स्‍थान से यहां के सुंदरता को देखने का एक अगल ही मजा है। इस व्‍यू प्‍वांइट में सेल्‍फी लेने और फोटो लेने वालों की भीड़ भी आप देख सकते है।

टाटामारी को इको टूरिज्‍म के रूप में विकसित करने की योजना

यहां की प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए केशकाल के इस टाटामारी को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने के लिए प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों काे और भी सुविधा प्रदान किया जा सके। और रिसोर्ट भी बनाए जाने का प्रस्‍ताव है। इस टाटामारी में एक पहाड़ी से दूसरे पहाड़ी को जोड़कर एक कांच के पुल निर्माण को भी सौद्धांतिक मंजूरी दी गई है।  

टाटामारी हिल स्‍टेशन कैसे पहुंचे?

यह दर्शनीय स्‍थल पिकनिक स्‍पॉट टाटामारी छत्‍तीसगढ़ के कोण्‍डागांव जिले के केशकाल ब्‍लॉक में केशकाल से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। रायपुर की ओर से आने वाले पर्यटकों के लिए केशकाल घाटी को पार करके केशकाल पहुंचना होगा और जगदलपुर की ओर से आने वाले दर्शकों के लिए सबसे पहले केशकाल पहुंचना होगा। फिर केशकाल के सुरडोंगर होते हुए टाटामारी तक पहुंचा जा सकता है।

Bade Tariya Kumhari I बड़े तरिया कुम्‍हारी I मनोरंजन पार्क।

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Bade Tariya Kumhari I बड़े तरिया कुम्‍हारी I मनोरंजन पार्क।

Bade Tariya Kumhari

Bade Tariya Kumhari | बड़े तरिया कुम्हारी दुर्ग

Bade Tariya Kumhari: छत्‍तीसगढ़ राज्‍य पर्यटन, दर्शनीय स्‍थल और तीर्थ स्‍थल के लिए अपने आप में मशहूर होता जा रहा है। जिसके चलते छत्‍तीसगढ़ शासन द्वारा दर्शनीय स्‍थलों, एवं मनोरंजन पार्क को विकसित करने में विशेष पहल किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज हम कुम्‍हारी दुर्ग के Bade tariya kumhari मनोरंजन पार्क के बारे में बताने वाले है। जो आजकल काफी चर्चित है। जहां घूमने के लिए लोगों की संख्‍या बढ़ती जा रही है। यह पार्क एक अनूठा और रोचक स्‍थान है। जो लोगों को आत्‍मनिर्भरता के साथ मनोहर वातावरण में मनोरंजन का भरपूर आनंद प्रदान करता है।

बड़े तरिया मनोरंजन पार्क कहां स्थित है?

Bade tariya kumhari मनोरंजन पार्क छत्‍तीसगढ़ रायपुर से 11 किमी की दूरी पर दुर्ग-भिलाई जिलें में कुम्‍हारी नामक जगह में 18 एकड़ क्षेत्र में 26 करोड़ की लागत से बनाया गया है। Bade tariya मनोरंजन पार्क कुम्‍हारी से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह दुर्ग में स्थित इस समय का सबसे अधिक घूमें जाने वाली जगह बन गई है, क्‍योंकि यह बहुत ही आकर्षक मनोरंजन पार्क है। यह मनोरंजन पार्क विभिन्‍न प्रकार के आकर्षणों का केन्‍द्र बिन्‍दु है। जहां आप अपने दोस्‍तों और परिवार के साथ आनंदमय समय बिता सकते है।

Bade Tariya Kumhari I की खास बातें।

अगर आप घूमने जाने का मन बना रहें है, तो कुम्‍हारी दुर्ग का Bade tariya मनोरंजन पार्क आपके लिए एक बेहतर जगह हो सकती है। यह पार्क प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात 10 बजें तक दर्शकों के लिए खुला रहता है। यहां आपको एक साथ कई मनोरंजन के साधन देखने को मिल जायेंगे, मेट्रो सिटी के तर्ज पर विकसित तालाब में लेजर विथ म्यूजिकल फाऊंटेन लगाया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही साथ फूड स्टाल, ग्रीन वाकिंग टर्नल, टाय ट्रेन, आर्च व सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण भी किया गया है। जों आकर्षण के केंद्र हैं। जिसे देखने के लिए लोगों में गजब का उत्‍साह रहता है।

बड़े तरिया कुम्‍हारी में मनोरंजन के क्‍या क्‍या साधन है?

छत्‍तीसगढ़ शासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भिलाई क्षेत्र में करोड़ो रूपये खर्च करके Bade tariya kumhari मनोरंजन पार्क बनाया है। इस मनोरंजन पार्क का मुख्‍य गेट आकर्षक तरीके से डिजाईन किया गया है, इसके मुख्‍य द्वार के ऊपर एक बैठी हुई चील की प्रतिमा बनाई गई है, जिसे सामने से देखने पर बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है। और आपको इस पार्क में अंदर जाने के लिए 10 रूपये का टिकट लेना पड़ेगा । पार्क के अंदर स्थित मनोरंजन के साधनों के बारे में नीचे विस्‍तार से बताने वाले है।

  • लेजर विथ म्‍यूजिकल फाउंटेन (Laser With Musical Fountain)

इस लेजर विथ म्‍यूजिकल फाउंटेन में लेजर की रोशनी द्वारा गीत-संगीत को संगीतमय तरीके से प्र‍दर्शित किया जाता है। जो देखने में बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है। यह शो प्रतिदिन शाम 7:30 बजे शुरू होता है। इस शो को देखने के लिए 20 रूपये शुल्‍क देना पड़ता है। और यह शो 13 मिनट का होता है। इस शो को 1 दिन में सिर्फ 2 बार ही दिखाया जाता है। जिसमें छत्‍तीसगढ़ की लोक कला संस्‍कृति, पंरपरा, एवं प्राकृतिक स्‍थलों को दिखाया जाता है। शो चालू होने से पहले बड़े तरिया पार्क के लाइटों को बंद कर दिया जाता है। जिससे लेजर लाईट अच्‍छे से प्रदर्शित हो और लोगों को आकर्षक लगे।

  • बुलेट टॉय ट्रेन (Bullet Toy Train)

Bade tariya मनोरंजन पार्क में बुलेट टॉय ट्रेन की भी सुविधा उपलब्‍ध है। इस टॉय ट्रेन को भारत में चलने वाले वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर डिजाईन किया गया है। इस टॉय ट्रेन में बैठने के लिए टिकट शुल्‍क 30 रूपये देना पड़ता है। जिसमें 48 बच्‍चे एक साथ बैठकर इस टॉय ट्रेन का मजा ले सकतें है। और इस टॉय ट्रेन में बैठाकर बड़े तरिया के 2-3 चक्‍कर घुमाया जाता है। यह विशेषकर बच्‍चों के लिए बनाई गई है। जिसमें बैठने के लिए बच्‍चों में खासा उत्‍साह देखने को मिलता है। और बच्‍चे आनंदित हो उठते है।

  • लक्ष्‍मण झूला (Lakshman Jhula)

इस Bade tariya kumhari पार्क में लक्ष्‍मण झूला को तरिया के बीचों बीच तिरगें के तीन रंगों से बनाया गया है। जिससे रात के समय में पर्यटकों को और भी आकर्षक और मनमोहक नजारें देखने को मिल जाते है। यह झूला तीन रंगों के प्रकाश से सुसज्जित होती है। जिससे झूले की खूबसूरती में चार चांद लग जाती है।  

  • हरा सुरंग (Green Tunnel)

इस खूबसूरत मनोरंजन पार्क में एक हरा सुरंग का निर्माण किया गया है, जिसे Green Tunnel के रूप में भी जाना जाता है। यह ग्रीन टनल प्रवेश द्वारा के कुछ ही दूरी पर बनाया गया है। जहां पर लोग सुबह सैर करने के लिए आते है। इस टनल के दोनों ओर हरे भरे फूल पौधें का रोपण किया गया है। जिससे आस पास हरियाली का खूबसूरत महौल दिखाई देता है। और इस टनल के नीचे मानव निर्मित आर्टिफिशियल घास लगाई गई है। जो बिलकुल असली घास की तरह ही लगती है। जिसमें चलकर लोगों को अतिआनंद की प्राप्ति होती है।

  • सस्‍पेंशन ब्रिज (Suspension Bridge)

इस ब्रिज का निर्माण तरिया के मध्‍य में किया गया है, जो इधर उधर हिलता-डुलता है, और इसके बगल में दो अलग अलग जगहों पर शेर के मुंह से पानी निकलता हुआ दर्शाया गया। जिसमें ऊपर का भाग शेर ओर नीचे का भाग मछली का है। यह सिंगापुर की तर्ज पर बनाया गया है।

  • चौपाटी (Chaupati)

इस Bade tariya kumhari पार्क के चौपाटी में विभिन्‍न प्रकार के छत्‍तीसगढ़ी फूड समाग्री, छत्‍तीसगढ़ी मिलेटस और देशी-विदेशी फूड सामग्री अलग अलग डिसेस, मिल जायेगें। और इस मनोरंजन पार्क में मनोरंजन करते हुए खाने में रूचि रखने वाले लोग इन स्‍वादिष्‍ट चीजों को खाकर आनंद ले सकते है।

बड़े तरिया कुम्‍हारी मनोरंजन पार्क आने का सही समय क्‍या है?

यह Bade tariya मनोरंजन पार्क खुलने का समय शाम 5 बजे और रात्रि 10 तक रहता है। इस बीच में आप किसी भी समय यहां आकर मनोरंजन साधनों का लुत्‍फ उठा सकते है। यहां अन्‍य समय में भी आ सकते है, लेकिन जो यहां के आकर्षण के केन्‍द्र बिन्‍दु हैं उन सुन्‍दर नजारों को आप अन्‍य समय में नहीं देख पायेंगें। इसलिए कोशिश कीजिए की शाम के समय में आये। जिससे इस स्‍थान का भरपूर आनंद ले सकें।

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FaQs-

बड़े तरिया मनोरंजन पार्क कहां स्थित है?

दुर्ग-भिलाई जिले के कुम्‍हारी में।

बड़े तरिया कुम्‍हारी कब बना?

2 जून 2023 ।

बड़े तरिया कुम्‍हारी पार्क में प्रवेश शुल्‍क कितना है?

10 रूपये मात्र ।

बड़े तरिया कुम्‍हारी खुलने का समय क्‍या है?

शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक।

बड़े तरिया कुम्‍हारी कितने एकड़ क्षेत्र में फैला है?

18 एकड़।

बड़े तरिया कुम्‍हारी कितनी लागत से बना है?

26 करोड़ की लागत से।

बड़े तरिया कुम्‍हारी रायपुर से कितनी दूरी पर स्थित है?

11 किलोमीटर।

Satrenga Picnic Spot Korba II छत्‍तीसगढ़ का मिनी गोवा II

Satrenga Resort Korba II सतरेंगा पिकनिक स्‍पॉट कोरबा II

Satrenga Picnic Spot प्र‍िसिद्ध पर्यटन स्‍थल सतरेंगा कोरबा।

Satrenga: छत्‍तीसगढ़ का कोरबा जिला यूं तो उर्जा राजधानी के नाम से प्रसिद्ध है। इसके अलावा कोरबा जिला पर्यटन के लिए भी मशहूर होता जा रहा है, आज हम उसी कोरबा जिले के सतरेंगा के बारे में बताने जा रहें है। जो बहुत ही कम समय में कोरबा का पर्यटन स्‍थल के रूप में सामने आया है। अगर आप भी अपने दोस्‍तों एवं परिवार के साथ कहीं घूमने की प्‍लानिंग कर रहे है। तो इस Satrenga की मनोरम एवं सुंदर वादियों का आनंद ले सकते है।

मिनी गोवा के नाम से मशहूर सतरेंगा पिकनिक स्‍पॉट की खास बातें

अगर आप गोवा जाने का प्‍लान बना रहें है, और किसी कारणवश गोवा नहीं जा पा रहें है, तो आपको कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। क्‍योंकि आप छत्‍तीसगढ़ में ही गोवा का एहसास कर सकते है। जी हां हम बात कर रहे है Satrenga Picnic Spot कोरबा की जो मिनी गोवा के नाम से भी प्रसिद्ध है। और यहां पर बहुत दूर दूर से पर्यटक गोवा जैसी मनोरम नजारों को देखने के लिए आते है, यह छत्‍तीसगढ़ के सबसे चर्चित पिकनिक स्‍पॉट में से गिना जाता है।

सतरेंगा पिकनिक स्‍पॉट कहां पर स्थित है?

Satrenga Picnic Spot छत्‍तीसगढ़ के कोरबा शहर से 45 किमी की दूरी पर स्थित है। आपको बता दें कि हसदेव नदी पर जंगल के बीच में हसदेव बांगो बांध का निर्माण किया गया है। और यहां पर पहाड़ो से घिरे बांध के बीचों बीच कई छोटे छोटे दवीप टापू बने हुए है। उन्‍ही टापूओं में से यह सतरेंगा भी है। जो कोरबा के प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल के लिए जाना जाता है, और कोरबा की नई पहचान बन गई है। यह छोटे छोटे टापू सतरेंगा की खूबसूरती को और भी सुंदर बनाते है।

सतरेंगा में स्थित महादेव पर्वत का नजारा

Satrenga में एक पहाड़ स्थित है, जिसे महादेव पर्वत के नाम से जाना जाता है। क्‍योंकि यह पर्वत शिवलिंग के आकार लिये हुए प्राकृतिक रूप से विद्यमान है। इस पर्वत का खूबसूरत नाजारा यहां पर आने वाले पर्यटको को  सेल्‍फी लेने के लिए मजबूर करता है। इसी को देखते हुए गार्डन में एक सेल्‍फी जोन भी बनाया गया है। पहाड़ो से घिरे हुए झील का नीला पानी यहां के महौल को और सुदंर बनाता है। और गोवा जैसे माहौल का अुनभव कराता है।

सतरेंगा में नौकाविहार एवं बोटिंग का भी आनंद ले सकते है

Satrenga Picnic Spot छत्‍तीसगढ़ के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे राज्‍य एवं देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन पर्यटन स्‍थल है। यहां पर आकर लोग विभिन्‍न प्रकार की मनोरंजन सुविधाओं जैसे बोंटिग, लक्‍जरी रिसोर्ट, फ्लोटिंग रेस्टारेंट, वाटर स्पोर्ट्स, एडवेंचर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग एवं अन्य आकर्षण, घुड़सवारी, नौकाविहारआदि का आनंद ले सकते हैं। जिसमें सभी प्रकार की मनोरंजन सेवाओं के लिए अलग दरों में फिस निर्धारित किया गया है।

नौका विहार:- नौका विहार करने के लिए 20 से 50 रूपये तक का शुल्‍क लिया जाता है, जिसमें लगभग 0.5 किमी तक घुमाया जाता है।

बोटिंग:- अगर आपको बोटिंग का आनंद लेना है तो जल संसाधन विभाग द्वारा बोटिंग कराया जाता है, जिसका शुल्‍क लगभग 100 प्रति व्‍यक्ति है।

इसके साथ साथ सतरेंगा बोर्ड क्लब और रिसोर्ट में अलग-अलग बोटिंग के लिए अलग अलग शुल्‍क निर्धारित हैं।

  1. Pontan Boat / 10 सीटर – 3000/- रूपये
  2. Max Boat / 08 सीटर – रु. 2400/- रूपये
  3. Rocket Boat / 04 सीटर – रु. 1600/- रूपये
  4. Jeta Boat / 02 सीटर – रु. 1200/- रूपये

सतरेंगा को छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग ने वॉटर टूरिज्म के रूप में विकसित किया है

छत्‍तीसगढ़ सरकार द्वारा सतरेंगा के इस पकिनिक स्‍पॉट को विकसित करने के लिए फरवरी 2020 में एक बैठक हुई। जिसके फलस्‍वरूप इस स्‍थान को सुंदर और बेहतर बनाया जा रहा है। यहां खुबसुरत गार्डन का निर्माण, रेस्‍ट हाउस, वाटर स्‍पोर्टस और टिकिटिंग की भी व्‍यवस्‍था बनाई गई है, वैसे तो यहां पर ज्‍यादातर लोग फैमिली और दोस्‍तों के साथ पिकनिक या बोटिंग, नेचर कैम्‍पिंग के लिए ही आते है, पर रेस्ट हाउस बन जाने के बाद छत्‍तीसगढ़ के बहार से भी आने वाले पर्यटक यहां रूककर प्रकृति के बीच रहकर अपने फैमिली के साथ समय व्‍यतीत कर पायेंगे और यहां की सुदंर वादियों का आनंद ले पायेंगें।

Satrenga Picnic Spot जाने का सही समय जिससे की आप भरपूर आनंद ले सके।

अगर आप अपने दोस्‍तों या फैमिली के साथ Satrenga Picnic Spot जाने की योजना बना रहे है, तो यहाँ जाने का सबसे सही समय जुलाई से जनवरी-फरवरी तक माह होगा। क्‍योंकि इस समय यहाँ का पानी प्रर्याप्‍त मात्रा में भरा रहता हैं। जिससे आप वहां की सुविधाओं का भरपूर आनंद उठा सको। पहाड़ो के बीच में बने बांध का पानी कम होने की स्थिति में वहां बोटिंग और नौकाविहार का सही लुप्‍त नहीं ले पायेगें इसलिए यहां जाने का सही समय जुलाई से फरवरी महीने तक को माना जा सकता हैं।

Satrenga Picnic Spot तक कैसे पहुंचे।

छत्‍तीसगढ़ के इस खूबसूरत जगह पर आप अपनी फैमिली और दोस्‍तों के साथ समय बिता सकते हैं। कोरबा जिले के सतरेंगा जाने के लिए हवाई सफर, ट्रेन और निजी वाहनों से पहुंचा जा सकता है, रेल मार्ग से जाने के लिए सबसे निकटतम रेल स्टेशन कोरबा है, जिसकी दूरी लगभग 40 किलोमीटर है, बिलासपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 130 किलोमीटर है, हवाई मार्ग से जाने के लिए रायपुर एयरपोर्ट से लगभग 200 किलोमीटर और बिलासपुर एयरपोर्ट से 130 किलोमीटर दूर है। वहीं सतरेंगा पहुंचने के लिए कोरबा शहर से 45 किलोमीटर लंबी सड़क से आसानी से पहुंच सकते है।

Manjhingarh Hill Tourist place II मांझीनगढ़ की पहाड़ी II

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FaQs :-

छत्‍तीसगढ़ का मिनी गोवा किसे कहते है?

सतरेंगा पिकनिक स्‍पॉट।

सतरेंगा कहां स्थित है?

छत्‍तीसगढ़ के कोरबा में।

सतरेंगा को और किस नाम से जानते है?

छत्‍तीसगढ़ का मिनी गोवा।

सतरेंगा कौन से बांध पर स्थित है?

हसदेव बांगो बांध।

Manjhingarh Hill Tourist place II मांझीनगढ़ की पहाड़ी II

Manjhingarh Hill Tourist place II मांझीनगढ़ की पहाड़ी II

प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर मांझीनगढ़ की पहाड़ी

Manjhingarh hill Station: छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में बस्‍तर जिला प्राकृतिक सम्‍पदा एवं खनिज संसाधनो से तो भरपूर है ही, उसके साथ ही साथ यह प्रकृतिक सुदंरता से भी भरी पड़ी है, यहां के कल कल करती नदियां, चिडि़यों की चहचाहट से गूंज उठते पहाड़ी, एवं झरनों की सुंदरता किसी की भी मन को मोह लेती है। उसी तरह बस्‍तर के कोंण्‍डागांव जिले के अतंर्गत विश्रामपुरी में स्थित है मांझीनगढ़ की पहाड़ी जो अपने आप में एक प्रकृति की अनुपम छठा बिखेरती है। आज के इस पोस्‍ट में मांझीनगढ़ की पहाड़ी के बारे में बताने जा रहे है, जिससे की आप भी उस Manjhingarh hill Station तक पहुंचे और वहां की प्रकृतिक वादियों का आंनद ले।

Manjhingarh hill Station: मांझीनगढ़ पहाड़ी की भौगोलिक स्थिति

बस्‍तर क्षेत्र पूरी तरह से प्रकृतिक वादियों से घिरा हुआ है, किसी भी क्षेत्र या स्‍थान में वहां की भौगोलिक स्थिति का महत्‍वपूर्ण स्‍थान होता है, उसी तरह इस मांझीनगढ़ पहाड़ी की भी अपनी एक अलग भौ‍गोलिक विशेषता है, यह पहाड़ी केशकाल के बड़ेराजपुर ब्‍लाक में विश्रामपुरी के ग्राम पंचायत खल्‍लारी से 8 किलोमीटर दूरी पर ऊपर की ओर पहाड़ो में बसा हुआ है। यह मांझीनगढ़ (Manjhingarh) समुद्री तल से लगभग 5000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। और एक बहुत बडे़ क्षेत्र में फैला हुआ है।

मांझीनगढ़ क्‍यों प्रसिद्ध है?

यह मांझीनगढ़ की पहाड़ी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, इस Manjhingarh hill Station पर जलप्रपात, एवं चट्टानों के बीच में प्राकृतिक गुफाएं विद्यमान है, जहां पर हजारों वर्ष पुराने शैलचित्र मौजूद हैं, जिसे आज से हजारों साल पहले के मानवों द्वारा इन अदभूत गुफाओं में सजीव पेन्टिंग किया गया है, और आश्‍चर्यजनक बात यह है, कि जब दुनिया में मंदिर मस्जिद, गढ़ किला किसी का भी अस्तित्‍व नहीं था। उस दौर में लिखने व पेन्टिंग करने की ऐसी उच्‍च तकनीक विकसित कर लिये थे। जिसका रंग आज भी सुरक्षित है।

इस मांझीनगढ़ (Manjhingarh) की पहाड़ी से आस पास के क्षेत्रों का सुंदर नाजारा दिखाई देता है, जिसमें इस पहाड़ी के ऊपर से कांकेर शहर, सरोना, और दुधावा बांध को भी देखा जा सकता है। यहां के घने जंगल, झरने, गुफाएं, एवं शैलचित्र यहां आने वाले पर्यटकों को एक विशेष अनुभव प्रदान करती है। इसके साथ ही साथ यहां पर इस क्षेत्र की लोक संस्‍कृति एवं यहां के निवासियों का देव स्‍थल मौजूद है। जिनके वजह से ही यह स्‍थान आज सुरक्षित एवं संरक्षित है।

Manjhingarh Hill Station मांझीनगढ़ की गुफा

मांझीनगढ़ में स्थित “गढ़मावली माता” एवं भादोम जात्रा के बारे में भी जानें

इस मांझीनगढ़ (Manjhingarh) की पहाड़ी को लोग सिर्फ प्रकृतिक सौंदर्य के लिए ही जानते है, लेकिन उससे भी बढ़कर इस स्‍थान का एक विशेष महत्‍व है। यह मांझीनगढ़ सबसे पहले यहां के निवासियों का देव स्‍थल के रूप में प्रसिद्ध है। क्‍योंकि यहां पर “गढ़मावली माता” का स्‍थान है। जिसे आस पास के स्‍थनीय लोग सेवा अर्जी करते है पूजते है। और इस मांझीनगढ़ में जहां पर “गढ़मावली माता” विराजमान है। प्रतिवर्ष भादोम जात्रा का आयोजन किया जाता है।

यह भादोम जात्रा भादो माह में केशकाल के भंगाराम जात्रा के दिन ही आयोजित होती है। आस पास के सभी गांवों के लोग देवी देवता और पेन शक्तियों के साथ बड़ी संख्‍या में यहां पर पहुंचते है। और गांवों को प्राकृतिक आपदा से बचाने, सुख समृद्धि, खुशहाली के “गढ़मावली माता” के स्‍थान में सेवा अर्जी विनती करते है। जिसके कारण ही यहां की संस्‍कृति की अपनी अलग पहचान है जिसे यहां के निवासियों ने आज तक बचाकर संजोकर रखा है।

मांझीनगढ़ को जैव विविद्यता पार्क के रूप में विकसित करने की घोषणा

(Manjhingarh) मांझीनगढ़ कोंडागाँव जिले के एक विशेष प्रचलित ईको टूरिज्म स्थल के रूप में लोगों को लुभा रहा है। यहां के घने जंगल, प्राकृतिक गुफाएं हजारों साल पुराना शैलचित्र, वन्य जीव, औषधीय पौधे, सुंदर मनमोहक वादियाँ तथा यहां की भौगोलिक संरचनायें पर्यटकों को एक विशेष अनुभव और आनंद प्रदान करती हैं।

मांझीनगढ़ (Manjhingarh) की इन्‍ही विशेषताओं के कारण 18 मार्च 2023 को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोंडागांव जिले के केशकाल विधानसभा के ग्राम बांसकोट में भक्त माता कर्मा जयंती एवं मुख्यमंत्री कन्या विवाह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लेते हुए मांझीगढ़ को पर्यटन स्थल घोषित किया।

कोण्‍डागांव जिले के तत्‍कालिन कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने खालेमुरवेंड में लिंगोधारा पर्यटन स्थल, बांध और मांझिनगढ़ का सौंदर्यीकरण करने अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण किया व सभी को जल्द से जल्द प्रोजेक्ट तैयार करने निर्देश दिया। और जंगल सफारी की तर्ज पर मांझीनगढ़ Manjhingarh hill Station को बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किया जाएगा।

मांझीनगढ़ तक कैसे पहुंचे?  

इस मांझीनगढ़ (Manjhingarh) की पहाड़ी पर पहुंचने के लिए सबसे पहले रायपुर की तरफ से आने वाले पर्यटकों को केशकाल घाटी को पार करते हुए केशकाल में विश्रामपुरी चौक पहुंचना होगा उसी तरह जगदलपुर की ओर से आने वाले पर्यटकों को केशकाल के विश्रापुरी चौक पहुचना होगा और केशकाल से विश्रामपुरी की दूरी 20 किमी, विश्रामपुरी से आमडीही होते हुए ग्राम पंचायत खल्‍लारी की दूरी लगभग 06 किमी और खल्‍लारी से पहाड़ी तक 08 किमी की दूरी तय करके मांझीनगढ़ स्‍थल तक पहुंचा जा सकता है।

सारांश:-

इस मांझीनगढ़ को प्रकृति ने अपने प्राकृतिक सौंदर्य से खुब निखारा है, मांझीनगढ़ (Manjhingarh) की खूबसूरत नजारें, पेड़ पौधे, सुंदर वातावरण यहां आने वाले पर्यटकों के मन को मोह लेती है, जिससे की लोग इस स्‍‍थान पर बार बार आना पंसद करते है। और इस स्‍थान का आनंद लेना चाहते है। अगर आप भी इस स्‍थान पर आना चाहते है और मांझीनगढ़ के बारे में जानता चाहते है, तो एक बार मांझीगढ़ की यात्रा जरूर करें।

मेरी इस लेख की माध्‍यम से यहां आने वाले पर्यटकों से एक अग्रह है, कि जब भी इस तरह के प्राकृतिक जगहों पर जायें तो वहां के वातावरण का खास ध्‍यान दें कोई गंदगी न फैलायें, प्‍लास्‍टिक युक्‍त चीजों को इधर उधर न फेंके वहां की चीजों को नुकसान न पहुचायें जिससे की उस प्राकृतिक सौदंर्य पर कोई प्रभाव पड़े क्‍योंकि प्रकृति हमें कोई भी चीजें निशुल्‍क उपहार प्रदान करती है। और हम मानव अपनी स्‍वार्थ के लिए प्रकृति के दिये इस उपहार को नष्‍ट करके विनाश के कगार पर ले जाते है।

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FaQs :-

मांझीनगढ़ कहां पर स्थित है?

कोण्‍डागांव जिले में विश्रापुरी के खल्‍लारी गांव के समीप पहाड़ी पर

मांझीनगढ़ क्‍यों प्रसिद्ध है?

प्राकृतिक सौंदर्य के लिए

मांझीनगढ़ में क्‍या क्‍या स्थित है?

जलप्रपात, प्राकृतिक गुफाएं, शैलचित्र एवं “गढ़मावली” माता का स्थान

मांझीनगढ़ समुद्र तल से कितनी ऊंचाई पर स्थित है?

समुद्र तल से 5000 फीट

मांझीनगढ़ के शैलचित्र कितनी वर्ष पुरानी है?

10 हजार साल पुरानी

मांझीनगढ़ में कौन सा जात्रा होता है?

भादोम जात्रा

मांझीनगढ़ में कौन से माता का स्‍थान है?

गढ़मावली माता

मांझीनगढ़ के ऊपर से कौन कौन से स्‍थान दिखाई देते है?

कांकेर शहर, सरोना, एवं दुधावा बांध