Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: Biography Of Viesh Phogat

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay Biography Of Viesh Phogat

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: विनेश फोगाट का जीवन परिचय

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: विनेश फोगाट एक प्रसिद्ध भारतीय पहलवान हैं, जिनका नाम कुश्ती के क्षेत्र में उल्लेखनीय है। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में अपने देश का नाम रोशन किया है। वे प्रसिद्ध फोगाट परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जिसने भारत को कई कुश्ती चैंपियन दिए हैं। विनेश का संबंध भारत के उस परिवार से है, जिसके सदस्यों ने भारतीय कुश्ती में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज के इस पोस्‍ट Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay में उनके जीवन के बारे में जानेगें।

विनेश फोगाट का जन्‍म

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: विनेश फोगाट एक भारतीय महिला पहलवान हैं, उनका जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बालाली गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम राजपाल फोगाट और माता का नाम प्रेमलता फोगाट है। उनके चाचा महावीर फोगाट ने उन्हें और उनकी बहनों को कुश्ती में प्रशिक्षित किया, जो कि उस समय की एक दुर्लभ बात थी।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: विनेश की स्कूली शिक्षा हरियाणा में हुई, जहां उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही कुश्ती में रुचि दिखाना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने पूरे समर्पण के साथ अपने कुश्ती करियर पर ध्यान केंद्रित किया और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उनकी शिक्षा का अधिक विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, क्योंकि उनकी प्राथमिकता हमेशा कुश्ती रही है, लेकिन उनका शुरुआती प्रशिक्षण अपने गांव में परिवार की देखरेख में ही हुआ था।

विनेश फोगाट का पालन-पोषण एक ग्रामीण परिवेश में हुआ, जहाँ परंपरागत रूप से लड़कियों को कुश्ती जैसे खेलों में शामिल नहीं किया जाता था। फिर भी, अपने चाचा महावीर फोगाट की प्रेरणा और प्रशिक्षण से, उन्होंने कुश्ती में करियर बनाने का निर्णय लिया। उन्हें शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि समाज का समर्थन नहीं था। इसके बावजूद, उन्होंने मेहनत और लगन से कुश्ती की दुनिया में अपना नाम बनाया।

कैरियर और उपलब्धियाँ

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: विनेश फोगाट ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ निम्‍नलिखित हैं:

1. एशियाई खेल:

  • 2014 में हुए एशियाई खेलों में विनेश फोगाट ने कांस्य पदक जीता।
  • 2018 के जकार्ता एशियाई खेलों में उन्होंने 50 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया, जिससे वे एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।

2. कॉमनवेल्थ खेल:

  • 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
  • 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों में भी उन्होंने 50 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया।

3. विश्व कुश्ती चैंपियनशिप:

  • 2019 में नूर-सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता और इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्‍वालीफाई किया।

4. ओलंपिक:

  • विनेश ने 2016 के रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया, जहाँ उन्हें चोट के कारण प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा। हालाँकि, चोट के बाद भी उन्होंने संघर्ष जारी रखा और 2020 के टोक्यो ओलंपिक में क्‍वालीफाई किया।

5. एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप:

  • विनेश ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कई पदक जीते हैं, जिनमें स्वर्ण, रजत और कांस्य शामिल हैं।

अन्य विशेषताएँ और सम्मान:

  • विनेश को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो भारतीय खेल में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
  • वे भारतीय महिला कुश्ती की प्रमुख चेहरा मानी जाती हैं और अपने जुनून एवं समर्पण से उन्होंने दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है।

विनेश फोगाट की करियर एक प्रेरणा है, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, जो पारंपरिक सोच से हटकर अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं।

पुरस्कार और सम्मान

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: विनेश फोगाट को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं:

  • अर्जुन अवॉर्ड: 2016 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार: 2020 में, उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान से सम्मानित किया गया।

व्यक्तिगत जीवन

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: विनेश फोगाट ने 2018 में अपने साथी पहलवान सोमवीर राठी से शादी की। उनके पति भी कुश्ती में रुचि रखते हैं, और दोनों अपने करियर में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।

विनेश का जीवन संघर्ष, साहस और मेहनत की प्रेरणा देता है। उन्होंने साबित किया है कि समाज की बाधाओं के बावजूद, समर्पण और कड़ी मेहनत से कोई भी ऊँचाइयाँ हासिल कर सकता है।

Vinesh Phogat Ka Jeevan Parichay: Biography Of Viesh Phogat

प्रश्‍नोत्‍तरी:

विनेश फोगाट का जन्‍म कब हुआ था?

25 अगस्‍त 1994

विनेश फोगाट का जन्‍म कहां हुआ था?

हरियाणा के बलाली में।

विनेश फोगाट के पिता का क्‍या नाम है?

विनोद फोगाट

विनेश फोगाट के माता का क्‍या नाम है?

सरला देवी

विनेश फोगट टू गीता फोगट कौन है?

गीता और बबीता फोगाट की चचेरी बहन है।

विनेश फोगाट के पति कौन हैं?

सोमवीर राठी

विनेश फोगाट को अर्जुन अवार्ड कब प्रदान किया गया?

2016 में

विनेश फोगाट को राजीव गांधी खेल रत्‍न पुरूस्‍कार कब प्रदान किया गया?

2020 में

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Biography of ratan tata: रतन टाटा का जीवन परिचय

Biography of ratan tata: रतन टाटा का जीवन परिचय रतन टाटा भारतीय उद्योग जगत के एक प्रतिष्ठित नाम है। रतन टाटा भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से थे, और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं। उनका पूरा नाम रतन नवल टाटा है। वे अपने व्यवसायिक नैतिकता, परोपकार और दूरदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। जिन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। रतन टाटा भारत में उद्योग और परोपकार के प्रतीक माने जाते हैं। उनका जीवन सादगी, परिश्रम, और मानवता की सेवा के लिए समर्पित है। हमारे आज के इस पोस्‍ट में रतन टाटा के जीवन के बारे में जानेगें।

Biography of ratan tata: रतन टाटा का संक्ष्प्ति परिचय

नामरतन टाटा
पूरा नामरतन नवल टाटा
जन्‍म तिथिजन्म 28 दिसंबर 1937
जन्‍म स्‍थानमुबंई
पिता का नामनवल टाटा
मां का नामसोनू टाटा
राष्‍ट्रीयताभारतीय
धर्मपारसी
टाटा समूह में कैरियर की शुरूआत1962 में
पद्म भूषण2000
पद्म विभूषण2008
निधन09 अक्‍टूबर 2024
आयु86 वर्ष
Biography of ratan tata: रतन टाटा का जीवन परिचय

रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा

Biography of ratan tata: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। वे टाटा परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं और जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित टाटा समूह की धरोहर को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। उनके पिता का नाम नवल टाटा था और माँ का नाम सोनू टाटा। रतन टाटा का जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा, और उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से समाज पर गहरा प्रभाव डाला।

रतन टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया। क्योंकि उनके माता-पिता बचपन में ही अलग हो गए थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई और बाद में बिशप कॉटन स्कूल, शिमला से की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन की और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।

रतन टाटा का कैरियर

Biography of ratan tata: 1962 में रतन टाटा ने टाटा समूह में एक सामान्य कर्मचारी के रूप में काम शुरू किया। उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया और विभिन्न कठिनाइयों का सामना किया। अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर उन्होंने टाटा समूह में अपनी पहचान बनाई। रतन टाटा ने टाटा समूह के साथ अपने करियर की शुरुआत की और टाटा स्टील में ग्राउंड लेवल पर काम करना शुरू किया।

उन्होंने कठिन मेहनत और अपनी लगन से कंपनी में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं और अपने कौशल को साबित किया। 1991 में, उन्हें टाटा समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया, जिनमें टाटा मोटर्स, टाटा टी, टाटा स्टील और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी कंपनियां शामिल हैं।

रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर भी पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जैसे कि ब्रिटिश स्टील निर्माता कोरस और जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण, जिसने टाटा को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दी। 2008 में, उन्होंने टाटा नैनो नामक दुनिया की सबसे किफायती कार को लॉन्च किया, जिसे “लोगों की कार” के रूप में जाना जाता है।

रतन टाटा का व्यक्तिगत जीवन और आदर्श

Biography of ratan tata: रतन टाटा एक सरल और विनम्र व्यक्ति माने जाते हैं। वे कभी विवाह नहीं कर पाए और कहते हैं कि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था जब उन्होंने विवाह का विचार किया था, लेकिन परिस्थितियों के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। वे अपने पालतू कुत्तों से बेहद प्रेम करते हैं और एक शांतिप्रिय जीवन जीना पसंद करते हैं।

रतन टाटा एक सरल और विनम्र व्यक्ति माने जाते हैं। वे अविवाहित हैं और अपने जीवन में समाज की सेवा और व्यवसाय के प्रति समर्पित रहे हैं। जिन्होंने हमेशा समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी है।

रतन टाटा का जीवन और करियर युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो यह दर्शाता है कि कड़ी मेहनत, नैतिकता और समाज के प्रति दायित्व के साथ एक सफल और संतुलित जीवन जिया जा सकता है। आज, रतन टाटा भारतीय समाज में एक आदर्श माने जाते हैं और उनके विनम्र स्वभाव और परोपकारी दृष्टिकोण के कारण लोग उन्हें बेहद सम्मान देते हैं।

उपलब्धियां और टाटा समूह में योगदान

Biography of ratan tata: 1961 में, रतन टाटा ने टाटा समूह के साथ काम करना शुरू किया और शुरुआत में टाटा स्टील के साथ जुड़े। वहाँ उन्होंने ब्लू-कॉलर कामों से शुरुआत की, जिसमें वह अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर स्टील प्लांट में कार्यरत रहे। 1991 में जे.आर.डी. टाटा के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद रतन टाटा को टाटा समूह का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने इस पद पर रहते हुए कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया।

सेवानिवृत्ति और परोपकार

Biography of ratan tata: रतन टाटा ने 2012 में टाटा समूह के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद भी वे टाटा ट्रस्ट और टाटा फाउंडेशन के जरिए समाज सेवा और परोपकार में सक्रिय हैं। उन्होंने कई स्टार्टअप्स में भी निवेश किया है और युवाओं को प्रेरित किया है। रतन टाटा का मानना है कि उद्योग और व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य समाज को बेहतर बनाना है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत धन से कई परोपकारी कार्यों में योगदान दिया है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में। उन्होंने भारत में कैंसर रिसर्च, हॉस्पिटल निर्माण, और बच्चों के लिए शिक्षा में भी अपना योगदान दिया है।

पुरस्कार और सम्मान

Biography of ratan tata: रतन टाटा को उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें भारत सरकार द्वारा दिए गए पद्म भूषण और पद्म विभूषण प्रमुख हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें विश्व स्तर पर भी कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं।

रतन टाटा आज भी भारतीय उद्योग जगत के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं और उनकी विनम्रता, परोपकार और नेतृत्व क्षमता सभी के लिए आदर्श हैं। रतन टाटा का जीवन प्रेरणादायक है और उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों को अपने आदर्शों और कार्यों से प्रेरित किया है। उनका जीवन दर्शन यह है कि उद्योग और व्यवसाय को सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ जोड़कर ही समाज का समग्र विकास किया जा सकता है।

रतन टाटा का निधन

Biography of ratan tata: भारतीय उद्योग जगत के एक महान उद्योगपति रतन टाटा का 09 अक्‍टूूूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया।

निष्कर्ष

Biography of ratan tata: रतन टाटा एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने भारतीय उद्योग जगत में अपनी पहचान बनाई है और समाज सेवा में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके आदर्शों और कार्यों से प्रेरणा लेकर अनगिनत लोग अपने जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। उनकी सादगी, विनम्रता, और मानवता की भावना उन्हें एक महान व्यक्तित्व बनाती है।

Biography of ratan tata: रतन टाटा का जीवन परिचय

FAQS-

1. रतन टाटा का जन्‍म कब हुआ था?

28 दिसम्‍बर 1937 ।

2. रतन टाटा का पूरा नाम क्‍या है?

रतन नवल टाटा।

3. रतन टाटा के पिता का क्‍या नाम था?

नवल टाटा ।

4. रतन टाटा के मां का क्‍या नाम था?

सोनू टाटा।

5. रतन टाटा ने टाटा समूह में अपने कैरियर की शुरूआत कब की थी?

सन 1962 में ।

6. रतन टाटा को पद्म भूषण से कब सम्‍मानित किया गया था?

2000 में।

7. रतन टाटा को पद्म विभूषण से कब सम्‍मानित किया गया था?

2008 में।

8. रतन टाटा का निधन कब हुआ?

09 अक्‍टूबर 2024 को।

9. रतन टाटा किस धर्म के थे?

पारसी।

10. टाटा का दूसरा नाम क्‍या है?

Tisco टिस्‍को ।

11. Tisco टिस्‍को का पूरा नाम क्‍या है? .

टाटा आयरन एण्‍ड स्‍टील कंपनी।

ATM KYA HAI यह कैसे काम करता है।

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल का जीवन परिचय

ATM KYA HAI यह कैसे काम करता है।

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ATM KYA HAI इसका पूरा नाम क्‍या है?

ATM KYA HAI : ATM एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो बैंकिंग सेवाओं को स्वचालित रूप से प्रदान करता है। एटीएम के माध्यम से आप पैसे निकाल सकते हैं, बैंक बैलेंस चेक कर सकते हैं, पैसे जमा कर सकते हैं, और कभी-कभी अन्य बैंकिंग सेवाओं का लाभ भी उठा सकते हैं। यह मशीन 24/7 घंटे उपलब्ध रहती है, जिससे ग्राहकों को बैंक के कार्यालय की सीमित समय-सारणी से बाहर भी सेवा मिलती है।

एटीएम (एटीएम) का पूरा नाम “एटोमेटेड टेलर मशीन” है। इसका उपयोग करने के लिए, आपको अपनी एटीएम कार्ड और पिन नंबर की आवश्यकता होती है। एटीएम कार्ड आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है, और पिन नंबर सुरक्षा के लिए होता है। आज के इस पोस्‍ट ATM KYA HAI में ATM की पूरी जानकारी प्राप्‍त करने वाले है।

ATM की स्‍थापना कब हुई थी?

ATM की स्‍थापना कब हुई थी? इसकी जानकारी इस ATM KYA HAI के माध्‍यम से जानने वाले है……

(एटोमेटेड टेलर मशीन) का अविष्‍कार 1960 के दशक में हुआ था। इसका पहला एटीएम 1967 में इंग्लैंड के लंदन स्थित बार्कलेज बैंक (Barclays Bank) द्वारा स्थापित किया गया था। इस एटीएम को इजाको (John Shepherd-Barron) ने डिजाइन किया था।

इसके अलावा, एटीएम की तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अन्य व्यक्तियों में लुइस लुइस (James Goodfellow) और डेविड सोलोमन (David Solomons) भी शामिल हैं। James Goodfellow ने एटीएम कार्ड के लिए पिन नंबर प्रणाली को विकसित किया, जो एटीएम के सुरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

ATM कैसे काम करता है?

ATM कैसे काम करता है? आज के इस पोस्‍ट ATM KYA HAI के माध्‍यम से जानने वाले है……

एटीएम (एटोमेटेड टेलर मशीन) का कामकाज बहुत ही सरल और प्रभावशाली होता है। यहाँ इसके काम करने की प्रक्रिया को स्टेप-बाय-स्टेप समझाया गया है:

  1. सुपरविजन और प्रमाणीकरण:
    • उपयोगकर्ता अपनी एटीएम कार्ड मशीन में डालता है और पिन नंबर एंटर करता है। पिन नंबर एक सुरक्षा कोड है जो उपयोगकर्ता की पहचान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत व्यक्ति ही बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच सके।
  2. प्रोसेसिंग:
    • एटीएम मशीन बैंक से जुड़े नेटवर्क से कनेक्ट होती है। पिन और कार्ड की जानकारी बैंक के सर्वर को भेजी जाती है, जो इसका वेरिफिकेशन करता है। अगर पिन सही होता है और कार्ड मान्य होता है, तो उपयोगकर्ता को एटीएम का मुख्य मेनू देखने को मिलता है।
  3. सेवा चयन:
    • उपयोगकर्ता मेनू से अपनी इच्छित सेवा (जैसे, कैश निकालना, बैलेंस चेक करना, आदि) चुनता है।
  4. लेन-देन प्रक्रिया:
    • अगर उपयोगकर्ता पैसे निकालना चाहता है, तो वह राशि निर्दिष्ट करता है। एटीएम मशीन उस राशि के अनुरूप नोट को सुरक्षित तरीके से वितरित करती है।
  5. लेन-देन का वेरिफिकेशन:
    • मशीन बैंक के सर्वर से लेन-देन की पुष्टि प्राप्त करती है। यदि खाते में पर्याप्त धनराशि है और अन्य सभी शर्तें पूरी होती हैं, तो लेन-देन पूरा होता है।
  6. प्रिंटिंग और रसीद:
    • लेन-देन की पुष्टि के बाद, एटीएम रसीद प्रिंट करता है, जिसमें लेन-देन की जानकारी (जैसे, निकासी राशि, खाता बैलेंस) होती है।
  7. कार्ड वापसी और लेन-देन समाप्ति:
    • लेन-देन पूरा होने के बाद, एटीएम कार्ड को वापस करता है और उपयोगकर्ता को कैश, रसीद, और कार्ड प्रदान करता है। उपयोगकर्ता के लिए एटीएम की स्क्रीन पर लेन-देन की पुष्टि होती है।
  8. डेटा सुरक्षा और लॉगिंग:
    • सभी लेन-देन की जानकारी बैंक के सर्वर पर लॉग की जाती है, जिससे किसी भी धोखाधड़ी की निगरानी की जा सके।

इस तरह, एटीएम स्वचालित तरीके से बैंकिंग सेवाओं को प्रदान करता है, जिससे ग्राहकों को सुविधाजनक और त्वरित सेवाएं मिलती हैं।

ATM का पहला प्रयोग कहां किया गया था?

ATM KYA HAI : पहला एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) 27 जून 1967 को लंदन, इंग्लैंड में प्रयोग में लाया गया था। इसे बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के द्वारा उपयोग में लाया गया था और इसे ‘डिस्काउंट बॉन्ड’ नामक मशीन के रूप में जाना जाता था। इस मशीन को बनाने वाले प्रमुख व्यक्ति इंजीनियर जॉन शेफर्ड-बैरोन थे। यह एटीएम मशीन नकदी निकालने के लिए एक नई सुविधा लेकर आई थी और इसने बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति ला दी। तब से आज तक के इतिहास में बैंंकिंग के क्षेत्र में अहम भूमिका है।

ATM कितने प्रकार के होते है?

ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के कई प्रकार होते हैं, जो उनकी कार्यक्षमता और उपयोग के आधार पर विभाजित किए जाते हैं। एटीएम के मुख्य प्रकार निम्‍नलिखित हैं:

  1. स्टैंडर्ड एटीएम: ये सबसे सामान्य प्रकार के एटीएम हैं, जो कैश निकालने, बैंक बैलेंस चेक करने, मिनी स्टेटमेंट प्राप्त करने और डिपॉजिट करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
  2. कैश डिपॉजिट एटीएम: इन्हें विशेष रूप से कैश डिपॉजिट के लिए डिजाइन किया गया है। ये मशीनें नोट और कभी-कभी सिक्के भी जमा कर सकती हैं और तुरंत खाते में क्रेडिट कर देती हैं।
  3. कस्टम एटीएम: ये एटीएम कुछ विशिष्ट सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि चेक डिपॉजिट, या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसे अतिरिक्त सुरक्षा उपाय।
  4. वर्ल्डवाइड एटीएम: ये एटीएम अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए डिजाइन किए गए हैं और विभिन्न मुद्राओं में कैश निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं।
  5. मल्टी-फंक्शन एटीएम: ये एटीएम कई कार्यों को एक साथ अंजाम दे सकते हैं, जैसे कि बिल भुगतान, प्रीपेड कार्ड रिचार्ज, और वित्तीय उत्पादों की जानकारी देना।
  6. वेतन भुगतान एटीएम: कुछ एटीएम विशेष रूप से वेतन या अन्य नियमित भुगतानों को स्वचालित रूप से वितरित करने के लिए होते हैं।
  7. कंटैक्टलेस एटीएम: ये आधुनिक एटीएम हैं जो कार्ड को मशीन में डालने की बजाय, कार्ड को नजदीक लाकर लेनदेन पूरा करते हैं, जिससे प्रक्रिया तेजी से और सुरक्षित तरीके से की जा सकती है।

हर एटीएम का डिज़ाइन और कार्यक्षमता बैंकों की जरूरतों और उपयोगकर्ताओं की सुविधाओं के अनुसार भिन्न हो सकती है।

ATM के क्‍या क्‍या फायदे है?

ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के कई फायदे हैं जो बैंकिंग प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं:

  1. सुविधाजनक पहुँच: एटीएम आपको बैंकिंग सेवाओं तक 24/7 पहुँच प्रदान करते हैं, जिससे आप किसी भी समय कैश निकाल सकते हैं, बैलेंस चेक कर सकते हैं, और अन्य लेनदेन कर सकते हैं।
  2. कैश की तुरंत उपलब्धता: आप किसी भी समय और दिन के किसी भी समय कैश निकाल सकते हैं, बिना बैंक के कार्यकाल के विचार किए।
  3. स्वतंत्रता और आत्म-सेवा: एटीएम आपको बैंकिंग सेवाओं का स्वायत्त उपयोग करने की सुविधा देते हैं, जिससे आपको बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं होती।
  4. कई प्रकार की सेवाएं: आजकल के आधुनिक एटीएम कैश निकालने के अलावा, कैश जमा करने, बिल भुगतान, मोबाइल रिचार्ज, और मिनी स्टेटमेंट जैसे अन्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।
  5. कम लाइन और समय की बचत: एटीएम पर उपयोगकर्ता की लाइनें कम होती हैं और बैंक शाखा के मुकाबले कम समय लगता है, जिससे आपकी बेशकीमती समय की बचत होती है।
  6. सुरक्षित लेनदेन: आधुनिक एटीएम में सुरक्षा उपाय जैसे पिन कोड, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, और सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं, जो लेनदेन को सुरक्षित बनाते हैं।
  7. बिल्कुल मुफ्त सेवाएं: कई एटीएम बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के कैश निकालने या अन्य बुनियादी सेवाएं प्रदान करते हैं, विशेषकर यदि आप उसी बैंक के एटीएम का उपयोग करते हैं।
  8. विविधता और पहुँच: एटीएम नेटवर्क आमतौर पर बहुत व्यापक होते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को विभिन्न स्थानों पर एटीएम की उपलब्धता होती है।
  9. अंतर्राष्ट्रीय उपयोग: कई एटीएम अंतरराष्ट्रीय कार्डों को स्वीकार करते हैं, जिससे विदेश यात्रा के दौरान भी पैसे निकालना आसान हो जाता है।
  10. दस्तावेज़ीकरण और ट्रैकिंग: एटीएम लेनदेन की रसीदें प्रदान करते हैं, जिससे आप अपने वित्तीय लेनदेन को ट्रैक कर सकते हैं और रिकॉर्ड रख सकते हैं।

इन फायदों के चलते, एटीएम ने बैंकिंग के अनुभव को काफी सरल और सुलभ बना दिया है।

ATM के क्‍या क्‍या नुकसान है?

ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के कई लाभ हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख नुकसान दिए गए हैं:

  1. सुरक्षा की समस्याएँ: एटीएम कार्ड की स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग और फिशिंग जैसे साइबर अपराधों के खतरे होते हैं। कुछ अपराधी एटीएम के पास स्किमिंग डिवाइसेस लगाकर आपकी जानकारी चुराने की कोशिश कर सकते हैं।
  2. सामाजिक अपराध: रात के समय या सुनसान जगह पर एटीएम का उपयोग करते समय अपराध का जोखिम बढ़ जाता है, जैसे लूटपाट या शारीरिक हमले।
  3. तकनीकी समस्याएँ: एटीएम तकनीकी खराबियों का सामना कर सकते हैं, जैसे कि मशीन का न चलना, कैश की कमी, या कार्ड फंस जाना। इससे आपको बैंक शाखा की ओर जाना पड़ सकता है।
  4. अधिक शुल्क: यदि आप अपने बैंक के एटीएम के अलावा अन्य बैंकों के एटीएम का उपयोग करते हैं, तो आपको अतिरिक्त लेनदेन शुल्क का सामना करना पड़ सकता है।
  5. लिमिटेशन: एटीएम से एक बार में निकाले जाने वाले कैश की मात्रा पर सीमा होती है। बड़ी रकम निकालने के लिए आपको कई लेनदेन करने की आवश्यकता हो सकती है।
  6. गोपनीयता का उल्लंघन: सार्वजनिक एटीएम पर दूसरों की उपस्थिति के कारण आपकी लेनदेन की गोपनीयता प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, यदि कोई आपके पास खड़ा हो और आपके पिन को देखे, तो आपकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
  7. सर्विस की कमी: कुछ एटीएम में केवल सीमित सेवाएं होती हैं, जैसे कि केवल कैश निकालना, और आप कैश जमा करने या अन्य सेवाओं के लिए बैंक शाखा में ही जा सकते हैं।
  8. वित्तीय प्रबंधन की कमी: एटीएम का उपयोग वित्तीय प्रबंधन में पूरी तरह से मददगार नहीं हो सकता, जैसे कि बजट प्रबंधन या वित्तीय सलाह।
  9. भौगोलिक पहुंच की कमी: ग्रामीण या दूरदराज के इलाकों में एटीएम की उपलब्धता सीमित हो सकती है, जिससे उन क्षेत्रों के निवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  10. सिस्टम फॉल्ट्स: कभी-कभी एटीएम सिस्टम में तकनीकी खामियां हो सकती हैं, जिससे ट्रांजेक्शन फेल हो सकते हैं या आपकी जानकारी गुम हो सकती है।

इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए, एटीएम का उपयोग करते समय सतर्कता बरतना और सुरक्षा के उपाय अपनाना महत्वपूर्ण होता है।

ATM का उपयोग करते समय क्‍या क्‍या सावधानियां रखनी चाहिए?

ATM KYA HAI : एटीएम का उपयोग करते समय सुरक्षा और सावधानी बरतना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:

  1. गोपनीयता बनाए रखें: जब आप एटीएम का उपयोग करें, सुनिश्चित करें कि कोई आपकी पिन या अन्य जानकारी देख न सके। टाइप करते समय अपनी पिन को छुपाएं और दूसरों से दूर रहें।
  2. एटीएम की सुरक्षा जांचें: एटीएम का उपयोग करने से पहले मशीन की स्थिति की जांच करें। सुनिश्चित करें कि कोई स्किमिंग डिवाइस या अन्य संदिग्ध उपकरण मशीन पर न लगे हों।
  3. सुरक्षित स्थान पर उपयोग करें: यदि संभव हो, तो ऐसी एटीएम का उपयोग करें जो अच्छी तरह से रोशनी और व्यस्त क्षेत्रों में स्थित हों। सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी रखें, खासकर रात के समय।
  4. पिन बदलें नियमित रूप से: अपनी पिन को नियमित रूप से बदलें और उसे किसी के साथ साझा न करें। एक मजबूत पिन चुनें जो आसान न हो और सिर्फ अंकों का उपयोग न करें।
  5. मशीन को नजर में रखें: लेन-देन पूरा होने के बाद, सुनिश्चित करें कि कार्ड और रसीद आपकी जेब में सुरक्षित हैं। कभी-कभी एटीएम कार्ड वापस नहीं आता या रसीद निकल जाती है।
  6. विवेकपूर्ण तरीके से कार्य करें: यदि एटीएम में कोई समस्या या असामान्यता महसूस हो, तो लेन-देन न करें और तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
  7. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: यदि आपको एटीएम के आस-पास कोई संदिग्ध गतिविधि या किसी व्यक्ति की असामान्य गतिविधि दिखे, तो तुरंत बैंक या सुरक्षा बल को सूचित करें।
  8. ऑनलाइन सुरक्षा: यदि आप मोबाइल या ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके उपकरण और नेटवर्क सुरक्षित हों। सार्वजनिक Wi-Fi का उपयोग करते समय सतर्क रहें।
  9. फ्रॉड अलर्ट: अपने बैंक की किसी भी सुरक्षा सूचना या अलर्ट को ध्यान से पढ़ें और पालन करें। यदि आप किसी भी अनधिकृत लेन-देन का संज्ञान लेते हैं, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।
  10. कार्ड और खाते की निगरानी: नियमित रूप से अपने खाते का बयान और एटीएम लेन-देन की जाँच करें। किसी भी अनधिकृत लेन-देन या भ्रामक गतिविधि की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें।

इन सुरक्षा उपायों को अपनाकर आप एटीएम के उपयोग को सुरक्षित और प्रभावी बना सकते हैं।

ATM सेवा प्रदाता कंपनी कौन कौन सी हैं?

ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) सेवा प्रदाता कंपनियाँ आमतौर पर बैंकों, वित्तीय संस्थानों और एटीएम प्रबंधन कंपनियों के रूप में होती हैं। भारत और अन्य देशों में कई प्रमुख कंपनियाँ एटीएम सेवाएं प्रदान करती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख एटीएम सेवा प्रदाताओं की सूची दी गई है:

बैंक एटीएम सेवा प्रदाता

  1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI): भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक, जो व्यापक एटीएम नेटवर्क प्रदान करता है।
  2. पंजाब नेशनल बैंक (PNB): बड़े पैमाने पर एटीएम सेवाएं प्रदान करने वाला एक प्रमुख बैंक।
  3. हिंदुस्तान एंटरप्राइजेज बैंक (HDFC बैंक): व्यापक एटीएम नेटवर्क के साथ एक प्रमुख प्राइवेट सेक्टर बैंक।
  4. आईसीआईसीआई बैंक: प्राइवेट सेक्टर में प्रमुख एटीएम सेवा प्रदाता।
  5. बैंक ऑफ बड़ौदा: भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक जो एटीएम सेवाएं प्रदान करता है।
  6. येस बैंक: प्राइवेट सेक्टर बैंक जो एटीएम सेवाएं भी प्रदान करता है।
  7. कोटक महिंद्रा बैंक: प्राइवेट बैंक जो एटीएम सेवाओं के लिए जाना जाता है।

एटीएम प्रबंधन कंपनियां

  1. ईगल (Eagle) – एटीएम सेवा प्रदाता: भारतीय बाजार में एटीएम प्रबंधन और संचालन में सक्रिय।
  2. ईजीएल (EGL): एटीएम मशीनों के प्रबंधन और सेवाओं में विशेष कंपनियाँ।
  3. एपेक्स (APEX): एटीएम प्रबंधन सेवाएं प्रदान करने वाली एक प्रमुख कंपनी।
  4. सीआईटीआई (Citi): एटीएम नेटवर्क और सेवाएं प्रदान करने के लिए एक प्रमुख प्रदाता।

अन्य प्रमुख एटीएम नेटवर्क प्रदाता

  1. एनईटीवर्क (NFS): नेटवर्क फॉर सर्विसेस, एक प्रमुख एटीएम नेटवर्क प्रदाता।
  2. वर्ल्डलाइन (Worldline): एक अंतरराष्ट्रीय एटीएम और पेमेंट सॉल्यूशंस प्रदाता।
  3. विजा (VISA) और मास्टरकार्ड (MasterCard): एटीएम नेटवर्क के लिए कार्ड और ट्रांजेक्शन सॉल्यूशंस प्रदान करते हैं।

ATM KYA HAI : ये कंपनियाँ और संस्थान एटीएम सेवाओं के संचालन, प्रबंधन और सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, और उनके एटीएम नेटवर्क ग्राहकों को सुविधाजनक और सुरक्षित लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं।

ATM सेवाएं कौन प्रदान करता है?

ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) सेवाएं विभिन्न प्रकार के प्रदाता और संस्थान प्रदान करते हैं। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

1. बैंक

  • पब्लिक सेक्टर बैंक: जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा, और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया। ये बैंक व्यापक एटीएम नेटवर्क प्रदान करते हैं।
  • प्राइवेट सेक्टर बैंक: जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और यस बैंक। ये बैंकों के एटीएम और एटीएम सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं।

2. एटीएम नेटवर्क प्रदाता कंपनियाँ

  • नेटवर्क फॉर सर्विसेस (NFS): भारतीय एटीएम नेटवर्क के प्रमुख प्रदाताओं में से एक है।
  • साइटेल (Sitel) और बिज़नस (Business): कुछ अन्य एटीएम नेटवर्क प्रदाता जो एटीएम और बैंकिंग सेवाएं प्रबंधित करते हैं।

3. एटीएम प्रबंधन कंपनियाँ

  • ईगल (Eagle) और एपेक्स (APEX): एटीएम प्रबंधन और संचालन में विशेष कंपनियाँ जो बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए एटीएम सेवाएँ प्रदान करती हैं।
  • सिस्को (Cisco): एटीएम और भुगतान सॉल्यूशंस प्रबंधन में सक्रिय।

4. कार्ड और पेमेंट सॉल्यूशन कंपनियाँ

  • विजा (VISA) और मास्टरकार्ड (MasterCard): ये कंपनियाँ एटीएम कार्ड और लेनदेन के लिए नेटवर्क और सॉल्यूशंस प्रदान करती हैं, जो बैंकों द्वारा एटीएम सेवाओं में उपयोग होते हैं।

5. फिनटेक कंपनियाँ

  • वर्ल्डलाइन (Worldline) और एप्टेक (Aptik): ये फिनटेक कंपनियाँ एटीएम नेटवर्क और डिजिटल भुगतान सेवाओं के प्रबंधन में भूमिका निभाती हैं।

6. एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर निर्माता

  • नोकिया (Nokia), एचपी (HP), और एचसीएल (HCL): ये कंपनियाँ एटीएम मशीनों के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की आपूर्ति और रखरखाव करती हैं।

7. रिटेल और वाणिज्यिक संस्थान

  • कुछ बड़े रिटेल चेन और व्यावसायिक संगठन एटीएम सेवाओं की पेशकश करते हैं, जो विशेष एटीएम नेटवर्क से जुड़े होते हैं।

ATM KYA HAI : इन प्रदाताओं के माध्यम से एटीएम सेवाएँ विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सुविधाएं, जैसे कैश निकालना, बैलेंस चेक करना, और अन्य लेनदेन सेवाएं प्रदान करती हैं। इन सेवाओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न संस्थान मिलकर काम करते हैं।

ATM कौन सी देश की कंपनी है?

ATM KYA HAI : एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) स्वयं एक प्रकार की मशीन है और इसका स्वामित्व या निर्माण किसी एक देश की कंपनी के पास नहीं होता। हालांकि, एटीएम बनाने और प्रबंधन करने वाली प्रमुख कंपनियाँ विभिन्न देशों की हैं। यहाँ कुछ प्रमुख एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनियाँ और उनके देश:

1. NCR Corporation

  • देश: अमेरिका
  • विशेषता: एटीएम और खुदरा वित्तीय समाधानों के प्रमुख निर्माता।

2. Diebold Nixdorf

  • देश: अमेरिका (Diebold) और जर्मनी (Nixdorf)
  • विशेषता: एटीएम, खुदरा समाधान और बैंकिंग प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता।

3. Wincor Nixdorf

  • देश: जर्मनी
  • विशेषता: एटीएम और खुदरा बैंकिंग उपकरणों का निर्माता (अब Diebold Nixdorf में विलय हो चुका है)।

4. GRG Banking

  • देश: चीन
  • विशेषता: एटीएम और वित्तीय उपकरणों के प्रमुख निर्माता।

5. Hyosung

  • देश: दक्षिण कोरिया
  • विशेषता: एटीएम और खुदरा बैंकिंग समाधान।

6. Fujitsu

  • देश: जापान
  • विशेषता: एटीएम और सूचना प्रौद्योगिकी समाधान का निर्माता।

ATM KYA HAI : इन कंपनियों के अलावा, विभिन्न देशों में स्थानीय और क्षेत्रीय एटीएम निर्माता और प्रबंधन कंपनियाँ भी होती हैं। एटीएम की सुविधा और सेवाएँ विभिन्न देशों में अलग-अलग कंपनियों और बैंकों द्वारा प्रदान की जाती हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में एटीएम की आपूर्ति और प्रबंधन करती हैं।

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Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल का जीवन परिचय

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल का जीवन परिचय

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल की जीवनी

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay:  दोस्‍तों आज हम बताने जा रहे हैं, छत्‍तीसगढ़ के एक  महान विभूति के बारे में जिसका नाम है। डॉ. खूबचंद बघेल (Dr. Khubchand Baghel) इनके नाम से छत्तीसगढ़ का शायद ही कोई नागरिक परिचित नहीं होगा। डॉ. खूबचंद बघेल जिन्‍होने आजादी के लड़ाई से लेकर सामाजिक कार्यो के लिए कई महान कार्य किये इन्‍ही महान क्रांतिकारी सपूतों के बदौलत छत्तीसगढ़ को ना सिर्फ हमारे देश में एक पहचान मिली बल्कि विदेशों में भी छत्तीसगढ़ का नाम रोशन हुआ। आज के इस पोस्‍ट Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay में उनके बारे में विस्‍तार से जानेगें।

डॉ. खूबचंद बघेल का संक्षिप्‍त विवरण Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay:

नामडॉ. खूबचंद बघेल (Dr. Khubchand Baghel)
जन्‍म तिथि19 जुलाई 1900
जन्‍म स्‍थानरायपुर के पथरी नाम गांव में
पिता का नामजुड़ावन सिंह
माता का नामकेतकी बाई
पत्नि का नामराजकुंवर
शैक्षणिक योग्‍यताएल. एम. पी. (बाद में सरकार द्वारा एम.बी.बी.एस. का दर्जा दिया गया)
रचनाऊँच-नींच, करम-छंडहा, जनरैल सिंह, भारतमाता
निधन22 फरवरी 1969

डॉ. खूबचंद बघेल का जन्‍म Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay:

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ खूबचंद बघेल का जन्म 19 जुलाई सन् 1900 को रायपुर के पथरी नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री जुड़ावन सिंह तथा माता का श्रीमती केतकी बाई था।

डॉ. खूबचंद बघेल की शिक्षा

डॉ. खूबचंद बघेल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल में हुआ। और आगे की पढ़ाई के लिए उन्‍हे रायपुर के सरकारी स्‍कूल में दाखिला करवाया गया जहां से उन्‍होने अपनी मैट्रिक की शिक्षा पूरी की उसके बाद उन्होंने नागपुर के रॉबर्ट्सन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया। उसी बीच देशभर में चलने वाले असहयोग आंदोलन के प्रभाव में आकर उन्‍होने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और आंदोलन में शामिल हो गये। बाद में घर वालों के समझाईस देने के उपरांत उन्‍होने  फिर से एल.एम.पी. (लेजिस्लेटिव मेडिकल प्रक्टिसनर) नागपुर में दाखिला लिया और सन् 1923 में एल.एम.पी. की परीक्षा उर्त्‍तीण की जिसे बाद में सरकार द्वारा (एल.एम.पी.) को एम.बी.बी.एस. का दर्जा दिया गया। 

डॉ. खूबचंद बघेल का विवाह एवं संतान

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल का विवाह कम उम्र में ही कर दिया गया था, वे सिर्फ 10 वर्ष के थे और अपनी प्राथमिक कक्षा की पढ़ाई कर रहे थे। उसी समय उनका विवाह उनसे 3 साल छोटी कन्या राजकुँवर से करा दिया गया था। उनकी पत्नी राजकुँवर से 3 पुत्रियाँ पार्वती, राधा और सरस्वती का जन्म हुआ। बाद में उन्होंने पुत्र मोह के कारण डॉ. भारत भूषण बघेल को गोद लिया था।

डॉ. खूबचंद बघेल का राजनीतिक सफर

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल ने सन् 1923 में झण्डा सत्याग्रह में भाग लिया था, वे  सन् 1925 से 1931 तक शासकीय चिकित्सक के पद पर कार्य करते हुए वे छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में आये और सन् 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में वन कानून का उलंघन करते हुए वे सरकारी कर्मचारी होते हुए भी 10 अक्टूबर 1930 को सत्याग्रहियों का साथ दिया एवं उनका नेतृत्व करने लगे, इस कारण उन्हें शासन से नोटिस मिला तो सन् 1931 में सरकारी पद त्याग कर उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया।

सन् 1932 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के द्वितीय चरण में 15 फरवरी 1932 को डॉ. खूबचंद बघेल के साथ महंत लक्ष्मीनारायण दास एवं नंदकुमार दानी भी गिरफ्तार कर लिए गए । सन् 1933 में जेल से रिहा होने के पश्चात् उन्होंने गांधीजी के आह्वान पर हरिजन उत्थान का कार्य प्रारंभ कर दिया। कांग्रेस समिति द्वारा उन्हें प्रांतीय हरिजन सेवा समिति का मंत्री नियुक्त किया गया ।

सन् 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ होते ही वे पुनः राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए तथा घूम-घूम कर युद्ध विरोधी भावनाओं का प्रसार करने लगे। रायपुर तहसील से 1946 के कांग्रेस चुनाव में वे निर्विरोध चुने गए। इस तरह सन 1946 में उन्‍हे तहसील कार्यालय कार्यकारिणी के अध्यक्ष और प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया।

स्वतंत्रता के बाद उन्हें प्रांतीय शासन ने संसदीय सचिव नियुक्त किया। 1950 में आचार्य कृपलानी के आह्वान पर वे कृषक मजदूर पार्टी में शामिल हुए। 1951 के बाद आम चुनाव में वे विधानसभा के लिए पार्टी से निर्वाचित हुए। 1965 तक विधानसभा के सदस्य रहे। 1965 में राज्यसभा के लिए चुने गए ओर राजनीति से 1968 तक जुड़े रहे। और इस तरह से उनका राजनीतिक सफर रहा।

डॉ. खूबचंद बघेल की रचना

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल एक अच्‍छे साहित्‍कार भी थे। उनके द्वारा की गई रचनाएं इस प्रकार से है-

  1. ऊँच-नींच: ऊँच-नींच डॉ. खूबचंद बघेल द्वारा रचित एक नाटक है जिसमें छुआछूत और जातिप्रथा को कम करने के लिए इस नाटक के माध्‍यम से मंचन किया गया। 
  2. करम-छड़हा:  करम छड़हा नाटक एक आम आदमी की गाथा और बेबसी को दर्शाता है।
  3. जनरैल सिंह: इसके द्वारा छत्तीसगढ़ के दब्बूपन को दूर करने का मार्ग बताया गया है। 
  4. भारतमाता: सन् 1962 में भारत चीन युद्ध के समय इसे लिखकर मंचन कराया गया तथा चंदा इकठ्ठा कर भारत सरकार के पास भिजवाया गया।  

डॉ. खूबचंद बघेल का निधन

Dr. Khubchand Baghel Ka Jeevan Parichay: डॉ. खूबचंद बघेल हमेशा से छत्तीसगढ़ के विकास और छत्तीसगढ़ को एक अलग पहचान दिलाने के लिए कार्य किया, और वे हमेशा छत्तीसगढ़ के दब्बूपन को दूर करने के लिए अनेक प्रयास किये, वे हमेशा यही चाहते थे की छत्तीसगढ़ को लोग क्यों ऐसे हीन भावना से देखते है हमेशा इससे सौतेला व्यावहार क्यों करते हैं बस इन्ही बातों की चिंता उन्हें सताते रहती थी। जातिगत भेदभाव, कुरीतियों को मिटाने वाले इस महान व्यक्ति का निधन संसद के शीतकालीन सत्र के लिए भाग लेने दिल्ली गए हुए थे वहाँ दिल का दौरा पड़ने से उनकी आकस्मिक निधन 22 फरवरी 1969 को हो गया। 

KABIRDAS KE DOHE: कबीरदास जी के 10 अनमोल दोहे

Champai Soren Ka Jeevan Parichay चंपई सोरेन का जीवन परिचय

KABIRDAS KE DOHE: कबीरदास जी के 10 अनमोल दोहे

KABIRDAS KE DOHE कबीरदास जी के अनमोल दोहे !

KABIRDAS KE DOHE : कबीरदास जी के प्रेरणादायक दोहे

KABIRDAS KE DOHE : संत कबीरदास जी का जन्‍म सन 1398 ईसवी में एक जुलाहा परिवार में हुआ था।  संत कबीरदास जी  15 वीं सदी के भारतीय रहस्‍यमयी कवि एवं संत थे। वे हिन्‍दी साहित्‍य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के महान कवि थे। इनके  पिता का नाम नीरू एवं माता का नाम नीमा था। संत कबीर के रचनाओं ने हिन्‍दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्‍तर तक प्रभावित किया। संत कबीर सच्‍चे भाव से ईश्‍वर में आस्‍था रखते थे। उन्‍होने सामाज में फैली अनेक कुरीतियों एवं कर्मकांड और सामाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए महान कार्य किये। संत कबीरदास जी ने लोगो को एकता के सूत्र का पाठ पढाया।

KABIRDAS KE DOHE : कबीर के प्रसिद्ध दोहे। अर्थ सहित

1. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

अर्थ:- कबीर दास जी कहते है, की जब वे बुरा मनुष्‍य को खोजने निकले तो, कोई भी उन्‍हे बुरा मानव नहीं मिला

2. धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।

अर्थ:- कबीर दास जी कहते है, कि मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है।

3. चिंता ऐसी डाकिनी, काट कलेजा खाए।

अर्थ:- कबीर दास जी के अनुसार, चिंता एक ऐसी डाकिनी है, जो कलेजा को भी काट खा जाती है, इसका इलाज वैद्य भी नही कर सकता।

4. साईं इतना दीजिए, जा मे कुटुम समाय।

अर्थ:- कबीर दास जी कहते है, कि परमात्‍मा तुम मुुझे बस इतना दे दो कि बस मैं अपना गुजारा बर सकूं और आने वाले मेहमानों को भी भोजन करा सकूंं।

KABIRDAS KE DOHE : कबीर के बहुमूल्‍य दोहे। अर्थ सहित

5. गुरू गोविन्‍द दोउ खेड़े काके लागूं पांय।

अर्थ:- कबीर दास जी कहते है, कि मेरे सामने गुरू और भगवान दोनों खड़ेे है, तो पहले किसका पैर छूउं कहने का तात्‍पर्य यह है। कि गुरू ने ही ईश्‍वर को जानने का रास्‍ता बताया है, तो सबसे पहले गुरू के पैर छूना चाहिए।

6. ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोए, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए

अर्थ:- कबीर दास जी कहते है, कि मनुुुष्‍य को हमेशा सुदंर वाणी बोलनी चाहिए जिससे सुनने वाले का मन प्रसन्‍न हो जाए। और स्‍वयं भी प्रसन्‍न रहे।

7. मानुष जन्‍म दुर्लभ है, मिले न बारम्‍बार तरवर से पत्‍ता टूट गिरे, बहुरि न लागे डारि।

अर्थ:- कबीर दास जी कहते है, कि मानव जीवन बहुत ही दुर्लभ है। यह बार-बार नहीं मिलता यह जीवन वैैैसा ही है, जैसे वृृृक्ष से एक बार पत्‍ते गिर जाते है। जो दुबारा उसी डाल पर नहीं लगते। अर्थात मानव जीवन बहुत ही कठिनाई से मिलता है। एक बार मानव शरीर छूट जाने पर आसानी नहीं मिलता।

8. जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार की, पड़ी रहन दो म्‍यान।

अर्थ:- संत कबीर दास जी कहते है, कि किसी व्‍यक्ति को उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए बल्कि ज्ञान की बात करनी चाहिए। क्‍योंकि असली मोल तो तलवार का होता है। म्‍यान का नहीं

KABIRDAS KE DOHE : कबीर के बेशकीमति दोहे। अर्थ सहित

9. कबीर, पत्‍थर पूजे हरि मिले तो मैं पूजूं पहार। तातें तो चक्‍की भली, पीस खाये संसार।

अर्थ:- संत कबीरदास जी कहते है, कि अगर पत्‍थर की मूर्ति की पूजा करने से भगवान मिल जाते तो मैं पहाड़ की पूजा कर लेता हूं। उसकी जगह कोई घर की चक्‍की की पूजा नहीं करता जिससे आटा पीस कर लोग अपना पेट भरते है।

10. बड़ा हुआ तो क्‍या हुआ, जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।

अर्थ:- जिस प्रकार खजूर का पेड़ इतना उंचा होने बावजूद रास्‍ते में आते जाते राहगीर को छाया नहीं दे सकता। और उसके फल इतने दूर लगते है, कि कोई आसनी से तोड़ नहीं सकता। उसी प्रकार आप कितने भी बड़े आदमी बन जाओं यदि आपके अंदर विनम्रता और सादगी नहीं है। किसी की मदद करने की भावना नहीं है, तो आपके बड़ा होने का कोई अर्थ नहीं है।

Socrates Quotes In Hindi:महान दार्शनिक सुकरात के अनमोल विचार

गुरू घासीदास जयंती 2023 विशेषांक : घासीदास जी के 42 अमृतवाणी

 

 

Champai Soren Ka Jeevan Parichay चंपई सोरेन का जीवन परिचय

Champai Soren Ka Jeevan Parichay

Champai Soren Ka Jeevan Parichay कौन हैं चंपई सोरेन

Champai Soren Ka Jeevan Parichay चंपई सोरेन एक भारतीय राजनेता है। और अभी 2024 में  झारखंड के वर्तमान मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ लिये है। आपको बता दें की चंपई सोरेन झारखंड राज्‍य के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्‍व करते है। और साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्‍य भी हैं। इससे पहले हेमंत सोरेन की सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर रहे है। चंपई सोरेन झारखंड राज्‍य की मांग को लेकर हुए आंदोलन में शिबू सोरेन के साथ थे। चंपई सोरेन का झारखंड राज्‍य के विकास में महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है। और उन्‍हे झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है।

Champai Soren Ka Jeevan Parichay चंपई सोरेन का जन्‍म और शिक्षा

Champai Soren Ka Jeevan Parichay चंपई सोरेन का जन्म झारखंड राज्‍य के जिलिंगगौड़ा में 11 नवंबर सन 1956 हुआ था। चंपई सोरेन के पिता का नाम स्‍वर्गीय सिमर सोरेन माता का नाम मानको सोरेन है। चंपई सोरेन एक कृषक परिवार से आते है। उन्‍होने अपनी शिक्षा सन् 1974 में जमशेदपुर स्थित राम कृष्ण मिशन हाई स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की थी और मैट्रिक की उपाधि ली है। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सीमित उपलब्धि के बावजूद, उनकी राजनीतिक के क्षेत्र में समझ और कार्य कुशलता का परिचय उनके लंबे राजनीतिक करियर में मिलता है।

चंपई सोरेन का राजनीतिक जीवन

Champai Soren Ka Jeevan Parichay चंपई सोरेन की राजनीतिक जीवन की बात करें तो सन् 1991 में उन्‍होने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की और वे विधायक के रूप मे चुने गए किंतु चंपई सोरेन का असल राजनीतिक करियर 2005 से माना जाता है। जब वे पहली बार झारखंड की दूसरी विधानसभा के लिए चुने गए थे। उनकी अपनी राजनीतिक समझ और जनता के बीच क्षेत्रीय विकास के प्रति कार्यकुशला ने उन्हें बहुत जल्द ही एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया। सन् 2009 में वे झारखंड की तीसरी विधानसभा के लिए फिर से चुने गए।

जिसमें उन्‍होने 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने अपने विभागों में कई महत्वपूर्ण पहल और कार्य किए। उसके बाद 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक, वे खाद्य और नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने राज्य के लोगों के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और सुधारों का नेतृत्व किया।

सन् 2014 में वे चौथी बार विधानसभा में पुनः चुने गए। और फिर 2019 में पांचवीं बार चुने गये जहां उन्होंने परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने सामाजिक न्याय और विकास के विभिन्न कार्यक्रमों का आरंभ किया। इस प्रकार एक के बाद एक लगातार अपने राजनीतिक अनुभवों और जनता के बीच अपने कार्यशैली से झारखण्‍ड के जनता के लिए लोकप्रिय होते चले गये।

झारखण्‍ड के नये मुख्‍यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन

Champai Soren Ka Jeevan Parichay अपने लंबे राजनीतिक सफर और अनुभवों से चंपई सोरेन ने झारखण्‍ड की जनता के लिए कई महत्‍वपूर्ण कार्य किये है। और अभी हाल ही में  हेमंत सोरेन के इस्‍तीफे बाद 2024 में, उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में मनोनित किया गया है। जो उनके लंबे और उपलब्धिपूर्ण राजनीतिक करियर का चरमोत्कर्ष है। उनके नेतृत्व में, झारखंड राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और उनका ध्यान राज्य के समग्र विकास पर केंद्रित रहा है।

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FAQS-

चंपई सोरेन कौन है?

झारखण्‍ड राज्‍य के मुख्‍यमंत्री।

चंपई सोरेन किस राजनीतिक पार्टी से संबंधित है?

वे झारखण्‍ड मुक्ति मोर्चा के सदस्‍य है।

चंपई सोरेन ने किस वर्ष से राजनीति में प्रवेश किया?

वर्ष सन् 1991 से।

झारखण्‍ड के नये मुख्‍यमंत्री कौन है?

चंपई सोरेन।

चंपई सोरेन के पिता का क्‍या नाम है?

सिमर सोरेन।

चंपई सोरेन ने कहां तक पढ़ाई की है?

10 वी तक।

चंपई सोरेन कौन से विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्‍व करते है?

सरायकेला।

चंपई सोरेन झारखण्‍ड के कौन से क्रम के मुख्‍यमंत्री है?

सातवें।

चंपई सोरेन को और किस नाम से जाना जाता है?

झारखण्‍ड टाइगर।

Biography Of Rashmika Mandana रश्मिका मंदाना का जीवन परिचय

Biography Of Rashmika Mandana

Biography Of Rashmika Mandana भारतीय फिल्‍म अभिनेत्री रश्मिका मंदाना

Biography Of Rashmika Mandana : रश्मिका मंदाना एक भारतीय अभिनेत्री है। और दक्षिण भारतीय फिल्‍मों में काम करती है। रश्मिका मंदाना ‘नेशनल क्रश ऑफ इंडिया’ के नाम से पुरे भारत में लोकप्रिय है। रश्मिका मंदाना एक फिल्म अभिनेत्री, और मॉडल है। आपको बता दें कि रश्मिका मंदाना 2014 में “क्‍लीन एंड क्लियर टाइम्‍स फ्रेश फेस ऑफ इंडिया” प्रतियोगिता में विजय घोषित हुई थी। आज के इस पोस्‍ट Biography Of Rashmika Mandana में उनके जीवन के बारें में जानेगें।

रश्मिका मंदाना का व्‍यक्तिगत जीवन संंक्षिप्‍त विवरण

नामरश्मिका मंदाना
उपनाम निक नेमनेशनल क्रश, मोनिशा, मोनिका, और मोनी
जन्‍म तिथि5 अप्रैल 1996
जन्‍म स्‍थानविराजपेट कोडागु, कर्नाटक, भारत
पिता का नाममदन मंदाना
मां का नामसुमन मंदाना
राष्‍ट्रीयताभारतीय
धर्महिन्‍दू
कद (Hight)5 फिट 6 इंच (168 cm)
वजन (Weight)54 Kg
राशिमेष
शैक्षणिक योग्‍यताग्रेजुएशन, अंग्रेजी और मनोविज्ञान में स्‍नातक
पेशाअभिनेत्री, मॉडल

Biography Of Rashmika Mandana रश्मिका मंदाना की जन्‍म तिथि

रश्मिका मंदाना का जन्‍म 5 अप्रैल 1996 को कर्नाटक के विराजपेट कोडागु में एक मध्‍यवर्गीय परिवार में हुआ था। रश्मिका मंदाना के पिता का नाम मदन मंदाना व माता का नाम सुमन मंदाना है। रश्मिका के पिता कर्नाटक के सरकारी संस्थान में बाबू के पद पर कार्यरत थे। उनकी एक बहन भी हैं जिनका नाम सीमन है।

Biography Of Rashmika Mandana रश्मिका मंदाना की शिक्षा

रश्मिका मंदन्ना की शिक्षा की बात करें तो रश्मिका मन्दाना ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कर्नाटक में स्थित पूरब पब्लिक स्कूल से पूरी की स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने एम एस रमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स से मास्‍टर ऑफ साइकोलॉजी की डिग्री हासिल की। रश्मिका को बचपन से ही एक्टिंग और मॉडलिंग का बहुत ज्यादा शौक था जिसके चलते वह अपने कॉलेज दिनों में कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ मॉडलिंग भी करती थी।

रश्मिका मंदाना का फिल्‍मी दुनिया में कैरियर

रश्मिका मंदाना ने साल 2016 में कन्नड़ फिल्म ‘किरिक पार्टी’ से फिल्‍मी दुनिया में अपना कदम रखा। इस फिल्‍म में रश्मिका ने सान्‍वी जोसेफ का किरदार निभाया था। यह फिल्‍म एक बड़ी हिट साबित हुई। साल 2016 की सबसे ज्‍यादा कमाई करने वाली फिल्‍मों में ‘किरिक पार्टी’ का नाम भी शामिल है।

रश्मिका मंदाना ने साल 2018 में रोमांटिक ड्रामा चालो के साथ अपना तेलुगु डेब्यू किया, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। उसी वर्ष में, उसने रोमकॉम फिल्म गीता गोविंदम में अभिनय किया, जो तेलुगु सिनेमा के इतिहास में सबसे अधिक लाभ कमाने वालों में से एक बन गई, जिसने उसे बहुत बड़ी पहचान दिलाई।

उनकी तीसरी तेलुगु उद्यम मल्टीस्टारर बड़े बजट की फिल्म थी जिसका नाम देवदास था, जो भारतीय बॉक्स ऑफिस पर औसत हिट रही, इसने अपनी पहली हिट फिल्म के बाद तेलुगु फिल्म उद्योग में एक ही वर्ष में लगातार तीसरी हिट फिल्म हासिल की। कन्नड़ फिल्म उद्योग में हिट, खुद को तेलुगु सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक के रूप में स्थापित किया।

Biography Of Rashmika Mandana रश्मिका मंदाना का जीवन परिचय

रश्मिका मंदाना की पसंदीदा चीजें

पसंदीदा भोजनडोसा
पसंदीदा अभिनेताबॉलीवुड- शहरूख खान, रणवीर सिंह, सिद्धार्थ मल्‍होत्रा
हॉलीवुड- चेनिंग टैटम, इयान मैकलीन
पसंदीदा अभिनेत्रीश्रीदेवी एवं एमा वॉटसन
पसंदीदा संगीतकारजस्टिन बीबर, शकीरा
पसंदीदा रंगकाला
Biography Of Rashmika Mandana रश्मिका मंदाना का जीवन परिचय

रश्मिका मंदाना की टॉप 10 फिल्‍में

फिल्‍मसन्
किरिक पार्टी2016
अंजनी पुत्र2017
चलो2018
गीता गोविंदम2018
यजमाना2019
डिअर कामरेड2019
सरिलेरू नीकेवरू2020
पोगरू2021
सुलतान2021
पुष्‍पा2021
Biography Of Rashmika Mandana रश्मिका मंदाना का जीवन परिचय

रश्मिका मंदाना की जीवन से जुड़ी रोचक जानकारी

  • रश्मिका मंदाना की मातृभाषा कन्नड़ है।
  • रश्मिका मंदाना को जिमिंग और ट्रैवलिंग का शौक हैं।
  • रश्मिका मंदाना मांसाहारी हैं।
  • रश्मिका मंदाना के हाथ पर एक टैटू भी है। जिसमें उन्होंने irreplaceable लिखवाया है।
  • दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में प्रवेश करने के लिए क्लीन एंड क्लियर विज्ञापन उनके लिए पहली सफलता थी।
  • वह एक शौकीन चावला यात्रा प्रेमी है। लंदन उनका पसंदीदा ट्रैवलिंग डेस्टिनेशन है।
  • कॉलेज से स्नातक करने के बाद, उन्होंने मॉडलिंग करियर की शुरुआत की।
  • साउथ सिनेमा की सुपरस्‍टार मानी जाने वाली रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) ने बेहद ही कम उम्र में तरक्की हासिल की। 19 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन की थी।

Biography Of Rashmika Mandana रश्मिका मंदाना का जीवन परिचय

कर्पूरी ठाकुर कौन थे।Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay।

एनिमल मूवी बनाने वाले संदीप रेड्डी वांगा कौन हैं? Sandip Reddy Wanga

FAQs

रश्मिका मंदाना का जन्म कब हुआ?

5 अप्रैल 1996।

रश्मिका मंदाना का जन्म कहां हुआ?

कर्नाटक के विराजपेट में।

रश्मिका मंदाना का निक नेम क्‍या है?

नेशनल क्रश, मोनिशा, मोनिका, और मोनी।

रश्मिका मंदाना के पिता का क्‍या नाम है?

मदन मंदाना।

रश्मिका मंदाना के माता का क्‍या नाम है?

सुमन मंदाना।

रश्मिका मंदाना ने अपने हाथ के टैैैटूू पर क्‍या लिखवाया है?

Irreplaceable

रश्मिका मंदाना ने किस फिल्म से डेब्यू किया?

कन्नड़ फिल्म ‘किरिक पार्टी।

साल 2012 में रश्मिका मंदाना ने कौन सा खिताब जीता है?

क्लीन एंड क्लियर फ्रेश फेस ऑफ़ इंडिया का खिताब।

साल 2015 में रश्मिका मंदाना ने कौन सा खिताब जीता है?

लैमोड बैंगलोर के प्रतिष्ठित मॉडल हंट में टीवीसी का खिताब।

साल 2015 में रश्मिका मंदाना ने कौन आवार्ड जीता है?

सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के लिए SIIMA अवार्ड।

कर्पूरी ठाकुर कौन थे।Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay।

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay जननायक कर्पूरी ठाकुर की जीवनी

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: भारतीय राजनेताओं में आपने कई महान राजनेताओं के बारे में सुना पढ़ा या देखा होगा। जिन्‍होने अपने जीवन में कई महान काम किये उन्‍ही में एक कर्पूरी ठाकुर बिहार के समाजवादी नेता भारत के स्‍वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, तथा बिहार राज्‍य के दूसरे उपमुख्‍यमंत्री तथा दो बार मुखमंत्री थे। वे एक बहुत ही सरल स्‍वाभाव एवं ईमानदार व्‍यक्तित्‍व के थे। उनके जैसे नेता आज के समय में मिल पाना मुश्किल ही नहीं अपितु नामुमकिन है। उनकी लोकप्रियता के कारण उन्‍हे जननायक कहा जाता है। आगे उनके जीवन के बारे में जानेगें।

कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म एवं  शिक्षा

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म 24 जनवरी सन् 1924 को बिहार में समस्‍तीपुर जिले के पितौंझिया नामक गाँव में हुआ था। जिसे अब ‘कर्पूरीग्राम’ कहा जाता है। वे नाई जाति परिवार के अतंर्गत आते थे। उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। कार्पूरी ठाकुर के पिता गांव के एक सीमान्त किसान थे और अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम किया करते थे। उन्‍होने अपनी मैट्रिक की परीक्षा सन् 1940 में पटना विश्‍वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की।

भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन में योगदान

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन में कई क्रांतिकारी नेताओं का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है, उन्‍ही क्रांतिकारी स्‍वतंत्रता सेनानियों में कर्पूरी ठाकुर का भी अहम योगदान है, उन्‍होने सन् 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। और इस आंदोलन में शामिल होने के परिणामस्‍वरूप उन्‍हे जेल भी जाना पड़ा। उन्‍हे बिहार के भागलपुर कैंप जेल में डाल दिया गया जहां पर 2 साल 2 महीने यानि कुल (26 महीने) तक जेल में रहना पड़ा। जेल की सजा काटने के पश्‍चात् वे सन् 1945 में रिहा हुए।

कर्पूरी ठाकुर का राजनीतिक जीवन

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक जीवन की बात करें तो इनके राजनैतिक गुरू जय प्रकाश नारायण एवं समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया थे। सन् 1948 में आर्चाय नरेन्‍द्रदेव एवं जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में कर्पूरी ठाकुर प्रादेशिक मंत्री बने। और देश की आजादी के बाद सन् 1952 में पहला चुनाव आयोजित होता है। जिसमें कर्पूरी ठाकुरी विधायक के तौर पर चुने जाते है।

उसके बाद सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्‍व में संयुक्‍त समाजवादी दल (संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी) (संसोपा) एक बड़ी ताकतवर पार्टी के रूप में उभरकर सामने आता है। बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 5 मार्च 1967 से 28 जनवरी 1968 तक रहा। और सन् 1970 में वे बिहार के मुख्‍यमंत्री के रूप में चुने जाते है। पहले मुख्‍यमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल दिसंबर 1970 से जून 1971 तक 6 से 7 माह का था।

सन् 1977 में समस्‍तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से वे सांसद बने। सन् 1977 में दोबारा मुख्‍यमंत्री चुने जाते है। और इस समय इनका कार्यकाल दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक  लगभग 2 साल का था। आपको बता दें कि कर्पूरी ठाकुर अपने मुख्‍यमंत्री का कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये थे। सन् 1980 में मध्यावधि चुनाव हुआ तो कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में लोक दल बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा और कर्पूरी ठाकुर नेता बने। और सन् 1988 में अपनी मृत्‍यु तक विधायक बने रहे।

बिहार की जनता के लिए कई महत्‍वपूर्ण कार्य किये।

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर अपने कार्यकाल में बिहार की जनता के लिए अनेक महत्‍वपूर्ण कार्य किये सन् 1967 में जब वे बिहार राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री बने तब उन्‍होने बिहार में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के लिए अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। क्‍योंकि उस समय अंग्रेजी के कारण अधिकांश लड़कियां मैट्रिक पास नहीं कर पाती थीं। जिससे लड़कियों के विवाह में मैट्रिक की परीक्षा पास करना बड़ी मुसीबत बन गया था।

कर्पूरी ठाकुर ने इसका आकलन-अध्ययन कराया तो पता चला कि अधिकतर छात्र अंग्रेजी में ही अनुतीर्ण होते हैं। उस समय कक्षा छटवी यां आठवी से अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू होती थी। जिससे की अंग्रेजी का ज्ञान देर से शुरू होता था और मैट्रिक की परिणाम खराब होने का यह प्रमुख कारण था। इसी उद्देश्य से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में अंग्रेजी विषय में पास करने की अनिवार्यता को खत्म कर दी थी।

इस प्रकार से उन्होंने शिक्षा को आम लोगों तक पहुँचाया। और मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को अनिवार्य बना दिया था। और बिहार में शराबंदी के लिए उन्‍होने कड़े कदम उठाये थे। और शराब को बिहार राज्‍य में बंद करवाया था।

कर्पूरी ठाकुर को जननायक क्‍यों कहा जाता है?

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्‍नशील करते हुए संघर्ष करते रहे। वह सदा गरीबों के अधिकार और कल्‍याण के लिए लड़ते रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पिछड़ों को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया सन् 1978 में बिहार सरकार की ओर से मुंगेरी लाल आयोग को लागू कर दिया जाता है। जिसके अंतर्गत बिहार में आरक्षण के नये सिस्‍टम देखने को मिलते है।

जिसके तहत् कुल आरक्षण 26% के आसपास था। जिसमें 12% आरक्षण ओबीसी को दिया गया था। 08% आरक्षण अति पिछड़ा वर्ग के लिए था। और महिलाओं के लिए 03% आरक्षण की बात कही गई थी। और सामान्‍य वर्ग के गरीबों के लिए भी 03% आरक्षण दिया गया था। उनका जीवन लोगों के लिये किसी आदर्श से कम नहीं था। उनके अभूतपूर्ण योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।

कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ-साथ एक ओजस्वी वक्ता भी थे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्‍ट विचार और अदम्य इच्छाशक्ति बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्तित्‍व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। वह देशवासियों को सदैव अपने अधिकारों को जानने के लिए प्रेरित करते रहे, उनकी इस सेवा भावना के कारण ही उन्हें जन नायक कहा जाता है।

कर्पूरी ठाकुर एक ईमानदार नेता के रूप में दुनिया के सामने मिशाल हैं।

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: आज के समय में कर्पूरी ठाकुर जैसे उच्‍च विचार एवं एक ईमानदार नेता कोई हो ही नहीं सकता। कर्पूरी ठाकुर अपने राजनीतिक जीवन में बिहार के एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे। 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे।

आज के समय में जब करोड़ो रुपयों के घोटाले और भ्रष्‍टचार में आए दिन नेताओं के नाम सामने आते है, तब कर्पूरी जैसे नेता भी हुए, किसी को विश्वास ही नहीं होता। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में सुनने को मिलते हैं। राजनीति में इतना लंबा सफ़र बिताने के बाद जब उनका निधन हुआ तो अपने परिवार को विरासत में देने के लिए एक मकान तक उनके नाम पर नहीं था। ना तो पटना में, ना ही अपने पैतृक घर में वो एक इंच जमीन भी जोड़ न पाए। ऐसे महान नेता थे। कर्पूरी ठाकुर।

कर्पूरी ठाकुर का निधन

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: कर्पूरी ठाकुर अपने राजनीतिक जीवन में कई ऐसे कार्य किये जिसके लिए उन्‍हे सदैव याद किया जायेगा।  कर्पूरी ठाकुर का निधन 64 साल की उम्र में 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था।

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया जायेगा

Karpoori Thakur Ka Jeevan Parichay: (24 जनवरी सन् 1924  से 17 फरवरी सन् 1988) के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्‍य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। उनकी कार्यशैली एवं कुशल राजनीति के दक्ष थे उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें ‘जननायक’ कहा जाता है। 23 जनवरी 2024 को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरान्त भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्‍न से सम्मानित करने की घोषणा की है।

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System Software Kya Hota Hai। सिस्‍टम साफ्टवेयर क्‍या होता है ? इसके 6 प्रकार कितने हैं

कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म कब हुआ था?

24 जनवरी 1924 को।

कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म कहां हुआ था?

बिहार राज्‍य के समस्‍तीपुर जिले में।

कर्पूरी ठाकुर कौन सी जाति के थे?

नाई जाति के।

कर्पूरी ठाकुर के पिता का क्‍या नाम था?

श्री गोकुल ठाकुर।

कर्पूरी ठाकुर के माता का क्‍या था?

श्रीमति रामदुलारी देवी।

कर्पूरी ठाकुर के राजनैतिक गुरू कौन थे?

जयप्रकाश नारायण

कर्पूरी ठाकुर की शिक्षा कहां तक हुई थी?

मैट्रिक

कर्पूरी ठाकुर बिहार के कितनी बार मुख्‍यमंत्री बने?

दो बार। 1970 एवं 1977 में

कर्पूरी ठाकुर कितनी बार उपमुख्‍यमंत्री बने?

1967 में एक बार

भारत सरकार ने उन्‍हे भारतरत्‍न देने की घोषणा कब की ?

23 जनवरी 2024 को।

कर्पूरी ठाकुर के समय कौन सी आयोग का गठन किया गया था?

मुंगेरी लाल आयोग।

कर्पूरी ठाकुर के जन्‍म स्‍थान को अब किस नाम जाना जाता है?

कर्पूरीग्राम।

कर्पूरी ठाकुर कितनी बार जेल गये?

आजादी के पहले 2 बार एवं आजादी के बाद 18 बार।

कर्पूरी ठाकुर का निधन कब हुआ?

17 फरवरी सन् 1988 में

कर्पूरी ठाकुर का निधन समय आयु क्‍या थी?

64 साल

कर्पूरी ठाकुर का निधन कैसे हुआ?

दिल का दौरा पड़ने से।

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Samsung S24 ultra Ai Smartphone: अभी हाल ही में सैमसंग ने अपना बेस्‍ट स्‍मार्ट फोन लांच कर दिया है। जो इस ब्रांड का सबसे दमदार फोन है। सैमसंग ने S सीरीज के तीन स्‍मार्ट फोन Samsug Galaxy S24,  Samsug Galaxy S24 Plus और Samsug Galaxy S24 Ultra लांच किया है। जिसमें Samsug Galaxy S24 Ultra की सबसे खात बाह यह है, कि यह फोन AI आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस से लैस हैं। और तीनों फोन में जबरदस्‍त फीचर दिए गये है। आइए जानते है। इस फोन की पूरी जानकारी।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस टेक्‍नोलॉजी से लैस है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone सैमसंग की तरफ से इस स्‍मार्ट फोन में आपको Galaxy AI मिलता है। इसकी मदद से आप इस फोन में बहुत कुछ कर सकते है। कंपनी ने Galaxy AI को जोड़कर अपने सैमसंग के फोन को दूसरे से फोन से बहुत ही अलग कर दिया है। क्‍योंकि दूसरी कंपनियां स्‍मार्टफोन के हार्डवेयर पर ज्‍यादा काम कर रही है। वहीं सैमसंग ने गूगल पिक्‍सल की तरह Software पर काफी काम किया है।

यह फोन आपको 4 कलर में मिलेगा इस फोन की Galaxy AI ने सबसे ज्‍यादा प्रभावित किया है। यह एक रियल स्‍मार्ट एंड्रायड फोन है। इस फोन में बहुत सारे एडवांस फीचर्स दिए गए है। इसकी एक खास फीचर्स सर्कल टू सर्च की मदद से आप किसी फोटो में जाकर उस फोटो के किसी आब्‍जेक्‍ट के बारे में जानना है। तो उस फोटो के आब्‍जेक्‍ट पार्ट को सर्कल कर देना है। जिससे वह उसे वेब पर ले जायेगा और उसके जैसा कई सारे उदाहरण दिखाएगा।

इस फोन के AI Gallery फीचर्स की सहायता से आप किसी भी नार्मल मोड में लिए गये विडियों को स्‍लो मोशन में चला सकते हो इस फोन में किसी दूसरे भाषा में बात करने वाले व्‍यक्ति की आवाज को लाइव काल में उनकी भाषा को ट्रांसलेट करके हिन्‍दी भाषा में समझ सकते हो। इस फोन की आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस तकनीक इस फोन को सबसे अलग और खास बनाता है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone 200MP कैमरा के साथ आता है।

सैमसंग के इस स्‍मार्ट फोन में टाईटेनियम फ्रेम दे रखा है। साथ ही इसका बैक ग्‍लास है। इस फोन मे 4 कैमरा दिया गया है। जिसमें मेन WIDE कैमरा 200MP का है। एक 50MP का Telephoto कैमरा, एक और 10MP का Telephoto कैमरा एवं 12MP का Ultrawide कैमरा दिया गया है। और सामने 50MP का Selfie कैमरा दिया है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone में 7 साल की OS और Security अपडेट दिया गया है।

इस फोन में 7 साल की OS Update और 7 साल की Security Update दिया है। इस फोन वजन 231 ग्राम है। डिस्‍प्‍ले क्‍वालिटी की बात करें तो प्‍लैट स्‍क्रीन दे रखा है। डिस्‍प्‍ले का साइज 6.8 इंच LIPD Amoled Display 2xQHD + Display 120 Hz Refresh Rate 260 Nits BRIGhTnEss वाला डिस्‍प्‍ले है। इस फोन के डिस्‍प्‍ले में Corning Gorilla Armor प्रोटेक्‍शन दिया गया है, जो इस फोन की सुरक्षा को और मजबूत बनाता है।इस फोन में LPDDR 5X RAM UFS 4.0 है।

इस फोन में माल्‍टीटास्किंग बहुत ही अच्‍छा है। प्रोसेसर की बात करें तो इसमें Snapdragon 8 Gen3 4nm वाला प्रोसेसर दे रखा है। इस फोन में 1.9X Vapor Chamber Cooling Compare to Its Predecessor दे रखा है। जो इस फोन को जल्‍दी गरम हाेेेनेे नही देता। इस फोन की बैटरी 5000 mAH की है। 45W का वायर चार्जिंग 15W का Wireless चार्जिंग 4.5W का Reverse Wireless चार्जिंग सर्पोट के साथ आता है। इस फोन में 5G NFC One UI Dialer IP 68 Knox Security का सर्पोट भी है।

Samsung S24 ultra Ai Smartphone की स्‍टोज एवं कीमत क्‍या है?

सैमसंग गैलेक्सी S24 अल्ट्रा AI आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस तकनीके से लैस है एवं तीन अलग-अगल स्‍टोरेज के साथ आता है। जिसमें पहला 12+256GB जिसकी कीमत 1,29,999 रूपये दूसरा  12+512GB जिसकी कीमत 1,39,999 और तीसरा 12+1TB जिसकी कीमत 1,59,999 रूपये रखी गई है।

FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग कहां उपयोग किया जाता है?

Best 5 Smartphone Under 10K in 2024। लो 10,000 के अंदर 5 ऐसे स्‍मार्टफोन जो हैं दमदार

FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग कहां उपयोग किया जाता है?

FASTag Kya Hota Hai

FASTag Kya Hota Hai । फास्‍ट टैग का क्‍या काम है?

FASTag Kya Hota Hai: FASTag भारत में एक ऐसी इलेक्‍ट्रानिक टोल पेमेंट तकनीक है, जिसके माध्‍यम से देशभर के राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्‍लाजा में टोल टैक्‍स का भुगतान करने के लिए होता है। इसके माध्‍यम से वाहनों को टोल बूथ पर बिना रूके बार कोड RFID (रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक का उपयोग करके टोल टैक्‍स का ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके उपयोग से कम ट्रैफिक, समय की बचत, टोल टैक्‍स का सुरक्षित और तेजी से भुगतान होता है। FASTag की वैधता 5 वर्ष के लिए होती है।

FASTag कैसे काम करता है?

FASTag Kya Hota Hai: FASTag वाहन के विंडस्‍क्रीन में लगाया जाता है, और यह (RFID) रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्‍नोलॉजी पर काम करता है। जिसमें एक चिप लगी होती है। जैसे ही गाड़ी टोल प्‍लाजा के पास आ जाती है। टोल प्‍लाजा पर एक सेंसर लगा होता है। जो वाहन के विंडस्‍क्रीन में लगे FASTag के चिप के संपर्क में आता है। टोल प्‍लाजा पर लगने वाला टैक्‍स को काट लेता है। टोल प्‍लाजा से गुजरने वाली अलग अलग गाड़ियों के लिए दरें पहले से तय की गई होती है। और इस तरह से FASTag के माध्‍यम से टोल टैक्‍स का ऑनलाइन भुगतान कुछ ही सेंकड में हो जाता है।

  1. FASTag खाता खोलना – उपयोगकर्ता को सबसे पहले FASTag खाता खोलना होता है। यह ऑनलाईन या NETC से अधिकृत किये गए बैंक के माध्‍यम से किया जा सकता है।
  2. टैग प्राप्‍त करना – FASTag जिसमें एक छोटी सी RFID (रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप लगी होती है। प्राप्‍त किया जाता है। यह चिप वाहन की पहचान के लिए होता है।
  3. वाहन में  FASTag लगाना – FASTag को वाहन के विंडशील्‍ड में लगाया जाता है। इससे टोल प्‍लाजा में लगे स्‍कैनर्स या सेंसर द्वारा वाहन की पहचान की जा सकती है।
  4. FASTag में रिचार्ज करवानाFASTag खाते में रूपये जमा करवाना अनिवार्य होता है, इसके लिए उपयोगकर्ता बैंक खाता या डेबिट/क्रेडिट कार्ड एवं UPI का उपयोग कर सकता है।
  5. टोल प्‍लाजा पर प्रवेश करना- FASTag लगे वाहन को टोल बूथ पर बिना रूके हलचल के साथ आने जाने की अनुमति होती है।
  6. राशि की कटौती- जैसे ही वाहन टोल बूथ पर प्रवेश करता है, टोल बूथ में लगे स्‍कैनर्स FASTag को स्‍कैन करके उपयोगकर्ता के खाते से राशि की कटौती कर लेता है।
  7. एसएमएस अलर्ट और स्‍टेटमेंट- उपयोगकर्ता को एसएमएस के माध्‍यम से टोल टैक्‍स कटौती की सूचना प्राप्‍त होती है।

FASTag कहां से प्राप्‍त कर सकते है?

FASTag Kya Hota Hai: आज के समय में नई गाड़ी में FASTag खरीदनें की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि यह नई गाड़ी में पहले से लगा हुआ मिलेगा। आपको सिर्फ रिचार्ज करना पड़ेगा। और अगर आपके पास कोई गाड़ी पहले से है, जिसमें FASTag नहीं लगा है, तो आप FASTag उन बैंको से खरीद सकते है, जो की नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन NETC से अधिकृत किये गए हैं जैसे:- एक्सिस बैंक आईडीएफसी बैंक सिंडिकेट बैंक भारतीय स्‍टेट बैंक एच डी एफ सी बैंक आईसीआईसीआई बैंक के साथ 22 अन्‍य बैंक भी शामिल है। अगर आप pytm का उपयोग करते हैं तो आप वहां से भी इसे खरीद सकते हैं।

FASTag कितने रंग के होते है। और कितने कैटेगिरी के होते है।

FASTag Kya Hota Hai: FASTag वि‍भिन्‍न प्रकार की गाडियों के लिए अलग अलग रंग के होते है एवं अलग अलग कैटेगिरी के होते है। और उन अलग-अलग वाहनों के लिए भिन्‍न-भिन्‍न दरों में टैक्‍स का भुगतान करना होता है। जो पहले से निर्धारित की गई होती है। जिसके तहत् FASTag को 2 कैटेगिरी और 7 अलग-अलग रंगों में बंटा गया है।

(1) M कैटे‍गिरी- इस कैटेगिरी में एक ही प्रकार के वाहन को रखते है। इसके अंतर्गत पर्सनल वाहन आता है। जिसका उपयोग हम अपने पर्सनल काम के लिए करते है। जिस वाहन को किसी भाड़ा एवं किराये के लिए उपयोग नहीं करते है। और जिसका नम्‍बर प्‍लेट सफेद रंग का होता है। तो इस प्रकार के वाहनों के लिए  FASTag कार्ड violet color (बैगनी रंग) का होता है।

(2) N कैटे‍गिरी- इस कैटेगिरी में विभिन्‍न प्रकार के कर्मिशियल वाहन आते है। और जिसका उपयोग हम भाड़ा ढोने, कमाने एवं किराये के लिए करते है। इस प्रकार के वाहनों के लिए  FASTag कार्ड 6 अलग-अलग रंंगोंं में मिलता है।

1 कर्मिशियल वाहन – पिकअप और छोटे प्रकार के वाहन जिसका उपयोग हम कर्मिशियल उपयोग के लिए करते है इस प्रकार के वाहनों के लिए FASTag orange color (नांरगी रंग) का होता है।

2 थोड़ा बड़ी वाहन जिसमें दो एक्‍सल लगी हो उसके लिए Green Color (हरा रंग) का FASTag होता है।

3  तीन एक्‍सल वाली वाहनों के लिए Yellow color (पीला रंग) का FASTag होता है।

4 चार, पांच, एवं छह एक्‍सल वाली वाहनों के लिए Pink color (गुलाबी रंग) का FASTag होता है।

5 सात एक्‍सल से ज्‍यादा वाली वाहनों के लिए sky blue color (आसमानी नीला रंग) का FASTag होता है।

6 मशीनरीज वाहनों जैसे जेसीबी पोकलेन आदि के लिए Black color (काला रंग) का FASTag होता है।

FASTag के क्‍या क्‍या फायदे हैं।

FASTag Kya Hota Hai: भारत में नेशनल हाईवे पर चलने के लिए परिवहन विभाग द्वारा एक शुल्‍क लिया जाता है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के कारण लगने वाली गाड़ियों की लम्बी लाइनों से लगने वाले जाम और टोल टैक्‍स का सुरक्षित भुगतान खुले में पैसे देने की समस्या को हल करने के लिए FASTag तकनीक को देश के टोल प्‍लाजा पर शुरू किया है।

FASTag की मदद से समय बचने के साथ-साथ वाहनों की पेट्रोल, डीजल की भी बचत होगी। जब भी कोई FASTag लगे वाहन से किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे, तो FASTag खाता से आपका शुल्क कटते ही आपके पास एक एसएमएस आ जाएगा। और इस एसएमएस के जरिए आपके FASTag अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है। उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी।

जीरों बैलेंस FASTag kya hota hai? यह किन लोगों के लिए होती है।

FASTag Kya Hota Hai: राष्ट्रीय राजमार्ग से अपने वाहन को ले जाने के लिए टोल प्लाजा पर टैक्स देना पड़ता है। और इस टैक्‍स भुगतान के लिए उन्हें अपनी गाड़ी पर लगाये हुए FASTag को रिचार्ज कराना पड़ता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह जीरो बैलेंस में भी उपयोग होता है। यानि कुछ लोगों को यहाँ से गुजरने के लिए कोई भी टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तरफ से वीआईपी लोगों को जीरो बैलेंस के FASTag जारी किए जाते हैं। ऐसे FASTag को एक्जमटेड FASTag नाम दिया गया है।

यह FASTag देश के सभी सांसदों और विधायकों ये दिया गया है। सांसदों की दो गाड़ियों के लिए फास्टैग मिलते हैं। एक संसदीय क्षेत्र के लिए और एक राजधानी दिल्ली के लिए जहां वो संसद सत्र में भाग लेने के लिए आते हैं। जीरो बैलेंस वाले FASTag देश के सभी नेशनल हाइवे पर मान्य होते हैं। जीरो बैलेंस के FASTag बनवाने के लिए इसके दायरे में आने वाले लोगों को NHAI की वेबसाइट पर आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद ही NHAI इसे जारी करता है।

FASTag भारत में कब शुरू हुआ था?

FASTag Kya Hota Hai: भारत में FASTag की शुरूआत 2014 में किया गया था। यह तकनीक सबसे पहले अहमदाबाद एवं मुबंई हाईवे के बीच शुरू किया गया उसके बाद जुलाई 2015 में इसे चेन्‍नई बेंगलुरू टोल प्‍लाजा में चालू किया गया। धीरे धीरे यह पूरे देश के सभी टोल प्‍लाजाओं पर लागू किया जा रहा है। FASTag तकनीक की सहायता से टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के दौरान होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सकेगी। FASTag की मदद से टोल प्लाजा में बिना रूके अपना टोल टैक्स दे सकेंगे। भारत में 16 फरवरी 2021 से परिवहन विभाग के FASTag को अनिवार्य कर दिया है।

FASTag Kya Hota Hai । FASTag कैसे काम करता है?

FAQ-

भारत में फास्‍टैग कब आया?

सन् 2014 में

भारत में फास्‍टैग की शुरूआत किसने की थी?

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पहल पर भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड द्वारा

फास्‍टैग में RFID का पूरा नाम क्‍या है?

रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन

फास्‍टैग की वैधता कितनी होती है?

5 वर्ष की

फास्‍टैग कितने प्रकार के होते है?

2 प्रकार के

भारत में कौन सी संस्था फास्टैग संचालित करती है?

भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 

फास्‍टैग कौन से वाहनों को लगाना होता है?

4 पहिया वाहनों को

फास्‍टैग पर कितना का रिचार्ज कराना होता है?

न्‍यूनतम 100 रूपये एवं अधिकतम 1 लाख रूपये

फास्‍टैग वाहन पर कहां लगाया जाता है?

वाहन के विंडस्‍क्रीन में

फास्‍टैग कितने रंग के होते हैं?

7 रंगों के

फास्‍टैग क्‍या होता है ? FASTag Kya Hota Hai

ऑनलाइन टोल टैक्‍स भुगतान करने की तकनीक

फास्‍टैग का वाक्‍य क्‍या है?

Easy to Cruise

5 डिजिटल भुगतान प्रणाली।Digital Payment Kya Hai   

System Software Kya Hota Hai। सिस्‍टम साफ्टवेयर क्‍या होता है ? इसके 6 प्रकार कितने हैं