Success Stories: Rajaram Tripathi सालाना टर्न ओवर 25 करोड़ से अधिक। खेती के लिए 7 करोड़ का हेलीकाॅप्‍टर

Success Stories Of Rajaram Tripathi

Rajaram Tripathi: राजाराम त्रिपाठी बस्‍तर के एक किसान हैं, जिन्‍होने कई बड़े सरकारी नौकरी को छोड़ कर खेती को अपनाया और आज खेती से ही करोड़ो का उत्‍पादन कर रहे हैं। उनके इस सफलता से बस्‍तर छत्‍तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया में उनके नाम की चर्चा है, खेती के इस नये तरीके और उनकी फसलों की मांग देश विदेश तक है। तो आईये जानते हैं। आज के इस पोस्‍ट में बस्‍तर के किसान राजाराम त्रिपाठी की सफलता की कहानी…..!

खेती के लिए 7 करोड़ का हेलीकॉप्‍टर

Rajaram Tripathi और उनके ग्रुप द्वारा यह हेलीकॉप्‍टर दिल्‍ली के एक कंपनी से खेती के उपयोग के लिए लिया जा रहा है, जिससे कम समय में फसलों में दवाई का छिड़काव एवं फसलों की देखरेख में आसपास के लगभग 50 गांव में इसका उपयोग किया जायेगा। एवं लाभदायकता बढ़ाने के लिए काम आयेगा जिससे फसलों को कम नुकसान होगा और करोड़ो का फायदा होगा।

राजाराम त्रिपाठी कौन है ? Who is Rajaram Tripathi?

राजाराम त्रिपाठी का जन्‍म बस्‍तर जिले के दरभा विकासखण्‍ड के छोटे से गांव ककनार में हुआ था, उनके पूर्वज उत्‍तरप्रदेश के प्रापतगढ़ जिले से करीब 70 साल पहले यहां आकर बस गये और खेती किसानी करने लगे उनके दादा जी का नाम दादा शंभू नाथ त्रिपाठी एवं पिता जगदीश प्रसाद त्रिपाठी एक शिक्षक थे। आज इनकी 6-7 पीढ़ी हो चुकी है, जो यहां निवास कर खेती का काम कर रही है।

राजाराम त्रिपाठी की शिक्षा Education of Rajaram Tripathi

Rajaram Tripathi की पढ़ाई जगदलपुर कॉलेज से हुई उन्‍होने बीएसी गणित, एम.ए. अर्थशास्‍त्र, एम.ए. हिन्‍दी साहित्‍य, एम.ए. अंगेजी साहित्‍य, एम.ए. समाज शास्‍त्र में पढ़ाई की है, और आज एक ऐसे शख्‍स हैं, जिन्‍होने इतनी पढ़ाई करने के बावजूद खेती किसानी को अपना व्‍यवसाय बना कर करोड़ो का कारोबार कर रहे है।

खेती के लिए छोड़ी कई बड़े सरकारी नौकरियां

राजाराम त्रिपाठी यूं तो आज बस्‍तर में खेती किसानी के लिए बहुत ही चर्चित है, लेकिन उनके इस मुकाम के पीछे भी एक कहानी है, उन्‍होने पढ़ाई पूरी करने के बाद कॉलेज में प्रोफेसर, उसके बाद एडीओ फिर बैंक मैनेजर की नौकरी की नौकरी के साथ साथ खेती किसानी में समय न दे पाने के कारण उन्‍हाने बैंक की नौकरी छोड़ कर अपना पूरा ध्‍यान खेती पर देने लगे।

खेती की शुरूआत कैसे की ?

Rajaram Tripathi के पिता श्री जगदीश प्रसाद त्रिपाठी ने साल 1996 में लगभग 5 एकड़ की जमीन से सब्जी की खेती से शुरूआत की थी जिसके बाद वह सफेद मूसली और अश्वगंधा की खेती करने लगे, शुरुआती लाभ मिलने पर उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी साल 2002 में जब सफेद मूसली के दाम नीचे गिरे और उन्हें काफी नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी इसके बाद उन्होंने विभिन्‍न प्रकार की मिश्रित खेती करना शुरू की साल 2016 में ऑस्ट्रेलियन टीक वुड के साथ काली मिर्च की खेती का प्रयोग कर उन्होंने अच्छी खासी लाभ कमाई, इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, और आज उनकी सफलता आपके सामने है।

जैविक पद्वति से कर रहे हैं खेती

राजाराम त्रिपाठी खेती के लिए रासायनिक खाद एवं दवाईयों का उपयोग न करके जैविक तरीके से खेती करते है। उसके लिए उन्‍होने सबसे पहले आस्‍ट्रेलियन टीक का पेड़ लगाया, फिर उस पेड़ के पत्‍ते नीचे जमीन पर गिरकर सड़ गये तो उनका खाद बनाया। क्‍योंकि उस पेड़ में बारह महीने पत्‍ते रहतें है, इस तरह से जैविक खेती करके अपने व्‍यवसाय को देश दुनिया तक पहुंचा रहे है। और बस्‍तर के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्‍त्रोत बने हैं।

राजाराम त्रिपाठी मां दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप के सीईओ

Rajaram Tripathi वर्तमान में 25 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वाले मां दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप के सीईओ हैं और 400 आदिवासी परिवार के किसानों के साथ 1000 एकड़ में सामूहिक खेती कर रहे हैं यह ग्रुप यूरोपीय और अमेरिकी देशों में काली मिर्च का निर्यात कर रहा है। सन् 1996-97 में मॉ दन्‍तेश्‍वरी हर्बल ग्रुप की शुरूआत की थी।

किस किस की खेती कर रहे हैं ?

Rajaram Tripathi बाजार के जरूरत के हिसाब से खेती कर रहे हैं जिसमें मुख्‍यत: स्‍टेविया, काली मिर्च, आस्‍ट्रेलियन टीक, सफेद मूसली, अश्‍वगंधा, हल्‍दी, विभिन्‍न प्रकार की जड़ी बूटी और कई तरह की हर्बल खेती बिना रासायनिक खादों के जैविक तरीके से कर रहे है।

सर्वश्रेष्ठ किसान का अवार्ड

भारत सरकार के कृषि एवं खाद्य परिषद एवं कृषि मंत्रालय की ओर से राजाराम त्रिपाठी को तीन बार देश का सर्वश्रेष्ठ किसान घोषित किया जा चुका है। जिससे बस्‍तर का नाम उन्‍नत खेती के क्षेत्र में उजागर हुआ है। राजाराम त्रिपाठी का कहना है, कि गरीब और बदहाल किसान की छवि युवाओं को खेती-किसानी के लिए प्रेरित नहीं कर सकती। नई पीढ़ी के युवा पढ़ लिख कर आज आईटी कंपनी में नौकरी कर सकते हैं। पर वे खेती को उद्यम बनाने की कोशिश नहीं करते।

पढ़े‍ लिखे युवाओं के लिए प्रेरणा स्‍त्रोत

बस्तर के किसान राजाराम त्रिपाठी आज के पढ़े लिखे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो अपनी खेती को उद्यम बनाने की जगह दूसरे धंधे में लगना चाहते हैं, राजाराम त्रिपाठी ने बस्तर के आदिवासियों को जैविक खेती से जोड़कर अपने साथ उन्हें भी आर्थिक रूप से संपन्न बनाया है। और यहां के किसानों के लिए एक रोल मॉडल बनकर सामने आये है।

Know More drrajaramtripathi

इन्‍हे भी देखें :-

http://झिटकू मिटकी की प्रेम कहानी Jhitku Mitki’s Love Story

Praveer Chand Bhanjdev: प्रवीर चंद भंजदेव का जीवन परिचय 2023

Gundadhur Free Biography In Hindi 1 गुंडाधूर का जीवन परिचय

Birsa Munda Jayanti 2023 : Birsa Munda Kaun the I बिरसा मुंडा जयंती 2023