Chendru Mandavi The Tiger Boy
Chendru Mandavi: बस्तर में रहने वाले आदिवासी ट्राईबल का प्रकृति और जंगलों से गहरा लगाव होता है, वे इन जंगलो और जंगली जानवरों की तन मन से रक्षा करते है, इसलिए जंगली जनवरों और आदिवासियों के बीच दोस्ताना रिशता होता है। और इन जंगलो से ट्राईब्स का जीवन यापन होता है। आज हम इसी बस्तर के एक ऐसी आदिवासी शख्स के बारे में बताने जा रहे है, जिसका नाम था चेंदरू, और उनकी दोस्ती एक बाघ Tiger से थी जिसका नाम टेम्बू था।
आगे हम जानेगें कि कैसे एक आदिवासी बालक चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) और बाघ टेम्बू की दोस्ती परवान चढ़ी और आगे चलकर दूर दूर तक देश दुनिया में उनकी दोस्ती की धूम लोगों तक पहुंची जिससे चेंदरू को Tiger Boy के नाम से पुकारा जाने लगा, देश विदेश से लोग उनसे मिलना चाहते थे। तो आईये जानते है, Tiger Boy चेंदरू और टेम्बू की कहानी विस्तार से……।
चेंदरू मंडावी का जन्म और जन्म स्थान
Tiger Boy के नाम से मशहूर चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) का जन्म छत्तीसगढ़ में नारायणपुर जिले के अंतर्गत अबूझमाड़ क्षेत्र के घने जंगलों में बसा एक ग्राम गढ़बेंगाल (गढ़बंगाल) में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) मुरिया जनजाति के थे, चेंदरू का बचपन इन घने जंगलों और जंगली जानवरों के बीच में गुजरा था।उनके दादाजी और पिताजी अच्छे शिकारी थे। वे जंगलों में शिकार करके एवं खेती करके अपना जीवन यापन करते थे। चेंदरू आगे चलकर Tiger Boy के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर हुए।
चेंदरू मंडावी का संक्षिप्त विवरण
नाम | चेंदरू मंडावी |
उपनाम | टाइगर बाय Tiger boy |
जाति | मुरिया जनजाति |
जन्म स्थान | गढ़बेंगाल (गढ़बंगाल) |
जिला | नारायणपुर |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
देश | भारत |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
जीवन साथी का नाम | रैनी मंडावी |
भाई का नाम | श्रीनाथ सिंह मंडावी |
पुत्र का नाम | शंकर मंडावी बड़ा पुत्र एवं जैराम मंंडावी छोटा पुत्र |
उसके दोस्त टाइगर का नाम | टेम्बू |
उनके फिल्म का नाम | एन द जंगल सागा (En The Jungle Saga) |
मृत्यु/आयु | 18 सितबंर 2013 उम्र 78 साल |
प्रसिद्धि | बाघा टेम्बू Tiger से दोस्ती/ एवं उन पर बनी फिल्म जंगल सागा |
चेंदरू मंडावी और बाघ (टेम्बू) Tiger की दोस्ती
चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) और बाघ (टेम्बू) की दोस्ती पूरी दुनिया में किसी अजूबे से कम नही था। चेंदरू बचपन से ही बहुत बहादूर था। उनके दादा और पिताजी कुशल शिकारी थे एक दिन जब वे जंगल से शिकार करके वापस लौटे तो एक बांस के टोकरी में शेर के बच्चे को भरकर चेंदरू के लिए उपहार लाये थे। जब उन्होने टोकरी खोली तो बाघ के बच्चे को देखकर चेंदरू बहुत खुश हुए। और इस मुलाकात से चेंदरू और बाघ की दोस्ती की शुरूआत हुई उस बाघ Tiger का नाम चेंदरू ने टेम्बू रखा।
चेंदरू हमेशा टेम्बू के साथ ही गांव और जंगलों में घूमा करते थे कभी जंगलों में घूमते हुए तेंदुए मिल जाते तो वह भी उनके साथ खेलने लगते चेंदरू और टेम्बू साथ साथ नदियों से मछली पकड़ते जब चेंदरू और टेम्बू रात को घर वापस आते तो चेंदरू की मां उनके लिए खाना बनाती। चेंदरू और टेम्बू साथ में ही खाते घूमते और खेलते थे। इन दोनो की पक्की दोस्ती थी। धीरे धीरे चेंदरू और टेम्बू की दोस्ती की दास्तान पूरी दुनिया में फैल गई।
चेंदरू और बाघ टेम्बू की दोस्ती
चेंदरू मंडावी और टेम्बू Tiger पर बनी फिल्म
बस्तर के घनघोर जंगलों से घिरा छोटे से गांव का लड़का चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) ओर टेम्बू की दोस्ती की कहानी जैसे-जैसे इस दुनिया के सामने आई देश विदेश से लोगों में चेंदरू से मिलने की उत्सुकता बढ़ी चेंदरू और टेम्बू की दोस्ती के किस्से जब स्वीडन के प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर अरने सक्सडॉर्फ (Arne Sucksdorff) को पता चली तो उन्होने बस्तर आकर एक ऐसा दृश्य देखा जिसमे एक इंसान और टाइगर एक दूसरे के दोस्त है। अरने सक्सडॉर्फ (Arne Sucksdorff) चेंदरू और टेम्बू की दोस्ती से प्रभावित होकर पूरी दुनिया को दिखाने का फैसला किया।
इस तरह से सन् 1957 में उन्होने चेंदरू और टाइगर टेम्बू को लेकर एक फिल्म बनाई जिसका नाम द फ्लूट एंड द एरो (The flute and the arrow) था जिसे भारत मे एन द जंगल सागा (En The Jungle Saga) नाम दिया इस फिल्म का मुख्य किरदार फिल्म के हीरो का रोल चेंदरू ने किया है। यह फिल्म चेंदरू और टेम्बू टाइगर के दोस्ती पर फिल्माया गया है। फिल्म का संगीत पंडित रविशंकर ने तैयार किया था 75 मिनट की यह फिल्म अंतराष्ट्रीय स्तर पर खूब सफल रही, इसकी सफलता को देखते हुए एन द जंगल सागा फिल्म को ऑस्कर पुरस्कार भी मिला।
बस्तर का पहला भारतीय हालीवुड हीरो चेंदरू मंडावी
सन् 1957 में जब चेंदरू और टेम्बू टाइगर को लेकर फिल्म बनाई गई उस समय चेंदरू (Chendru Mandavi) की उम्र महज 10 साल की थी और चेंदरू को इस फिल्म के लिए प्रतिदिन 2 रूपये मिलते थे। एन द जंगल सागा (En The Jungle Saga) फिल्म अंतराष्ट्रीय स्तर पर तो खूब सफल रही, साथ ही साथ यूरोपीय देशो में जब इस फिल्म को पर्दे पर दिखाया गया तो चेंदरू को खूब पंसद किया जाने लगा इस तरह से बस्तर का एक आदिवासी बालक भारत का पहला हालीवुड हीरो बन गया।
टाइगर बाय चेंदरू के नाम पर प्रकाशित किताब
अरने सक्सडॉर्फ (Arne Sucksdorff) जब बस्तर फिल्म बनाने आये और द जंगल सागा फिल्म की सूटिंग की और इस फिल्म ने चेंदरू को दुनिया भर में मशहूर कर दिया। अरने सक्सडॉर्फ की पत्नि अस्त्रिड सक्सडॉर्फ एक अच्छे फोटोग्राफर थी उन्होने इस फिल्म की सूटिंग के दौरान चेंदरू की कई तस्वीरें खीचीं थी उन्होने चेंदरू की उन दुर्लभ तस्वीरों को एक किताब में प्रकाशित किया और शानदार किताब लिखी उस किताब का नाम उन्होने ‘चेंदरू द बॉय एंड द टाइगर’ रखा इस तरह चेंदरू मंडावी के नाम से एक किताब भी प्रकाशित हुई।
स्वीडन से लौटने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू से हुई मुलाकात
द जंगल सागा फिल्म की सूटिंग बस्तर में लगभग 1 साल तक हुई। स्वीडन में दर्शक इस असली हीरो को पास से देखना चाहते थे फिल्म के निर्देशक अरने सक्सडॉर्फ (Arne Sucksdorff) सूटिंग के कुछ समय बाद चेंदरू मंडावी को स्वीडन ले गये चेंदरू को वहां काला हीरो कहा गया गया अरने सक्सडॉर्फ ने चेंदरू को अपने घर में रखा था। करीब 1 साल तक चेंदरू स्वीडन में रहा और उस दौरान उन्होने स्वीडन देखा और स्वीडन के लोगों ने चेंदरू को।
स्वीडन में चेंदरू प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने चाहने वाले लोगों से मुलाकात करते थे 1 साल बाद आखिरकार एक दिन चेंदरू अपने देश लौट आया लौटते हुए वे संमदर के रास्ते मुबंई पहुंचा। उन दिनों भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे। नेहरू चेंदरू के लोकप्रियता के किस्से सुन चुके थे। उन्होने चेंदरू से मुलाकात की और पढ़ने के लिए कहा और नौकरी देने की बात भी कही लेकिन चेंदरू (Chendru Mandavi) के पिता ने मना कर दिया और वापस अपने गांव गढ़बंगाल बुला लिया।
चेंदरू मंडावी के दोस्त टेम्बू की मृत्यु
स्वीडन से चेंदरू (Chendru Mandavi) के लौटने के कुछ समय बाद उसके बचपन के दोस्त टेम्बू टाइगर की मृत्यु हो गई। टेम्बू के मृत्यु से चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) को गहरा अघात लगा। टेम्बू के बिना चेंदरू अपने आप को अकेला महसूस करते हुए उदास रहने लगे।
चेंदरू मंडावी की मृत्यु Death of Chendru Mandavi
अपने दोस्त टेम्बू की मृत्यु के बाद चेंदरू (Chendru Mandavi) अपने गांव गढ़बंगाल में धीरे धीरे अपनी पुरानी जिन्दगी में लौटा गुमनाम हो गया और गुमनामी की जिन्दगी जीते लंबी बिमारी से जूझते हुए चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) की 18 सितबंर 2013 को 78 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।
जंगल सफारी नया रायपुर में चेंदरू का स्मारक
दुनिया भर में बाघों से दोस्ती का पैगाम देने वाले चेंदरू की मौत पर किसी ने उसे सार्वजनिक तौर पर श्रद्धांजली देने की जरूरत तक नहीं समझी। उसकी मृत्यु के पश्चात् बस्तर की इस प्रतिभाशाली गौरवगाथा की याद में छत्तीसगढ़ सरकार ने नया रायपुर के जंगल सफारी में चेंदरू और उसके दोस्त टेम्बू का स्मारक बना कर सच्ची श्रद्धाजंली दी है।
चेंदरू पर्यावरण पार्क नारायणपुर
यह पर्यावरण पार्क नारायणपुर जिले का एक फेमस पार्क है, जिसे वनमंडल नारायणपुर के द्वारा विकसित किया गया है। इस पार्क में चेंदरू और टेम्बू की दोस्ती की प्रतिमा लगाई है। इसी तरह चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) की प्रसिद्धि के कारण उनके सम्मान मे नारायणपुर के नया बस स्टैण्ड चौक एवं ग्राम पंचायत गढ़बेंगाल में भी चेंदरू की प्रतिमा का अनावरण किया गया है।
चेंदरू पार्क नारायणपुर Chendru Park Narayanpur
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प्रश्नोत्तरी
चेंदरू मंडावी का जन्म कहां हुआ था?
नारायणपुर अबूझमाड़ के गढ़बेंगाल में।
Tige Boy के नाम से किसे जाना जाता है?
चेंदरू मंडावी । Chendru Manadavi
चेंदरू मंडावी के फिल्म का क्या नाम था?
द जंगल सागा।
चेंदरू मंडावी के दोस्त बाघ Tiger का क्या नाम था?
टेम्बू।
चेंदरू मंडावी कौन से जाति के थे?
मुरिया जनजाति।
चेंदरू मंडावी (Chendru Mandavi) के पत्नि का क्या नाम था?
रैनी मंडावी।
द जंगल सागा फिल्म के डायरेक्टर कौन थे?
अरने सक्सडॉर्फ (Arne Sucksdorff)
फिल्म के डायरेक्टर अरने सक्सडॉर्फ (Arne Sucksdorff) कहां के रहने वाले थे?
स्वीडन। Sweden.
द जंगल सागा फिल्म कब रीलिज किया गया था?
सन् 1957 में।
इस फिल्म के लिए चेंदरू को कितने रूपये मिलते थे?
2 रूपये प्रतिदिन।
चेंदरू मंडावी के नाम से प्रकाशित किताब का क्या नाम है?
चेंदरू द बॉय एंड द टाइगर’ ।
‘चेंदरू द बॉय एंड द टाइगर’ किताब किसने लिखी है?
अस्त्रिड सक्सडॉर्फ। Astrid Suxdorf.
चेंदरू मंडावी की मुलाकात किस प्रधानमंत्री से हुई थी?
पंडित जवाहर लाल नेहरू।
चेंदरू का स्मारक कहां बनाया गया है?
नया रायपुर के जंगल सफारी में।
चेंदरू पार्क कहां स्थित है?
नारायणपुर।
चेंदरू की मृत्यु कब हुई?
18 सितबंर 2013