जयपाल सिंह मुंडा का जीवन परिचय (Jaipal Singh Munda Biography)
Jaipal Singh Munda Biography: हॉकी से लेकर राजनीति में जयपाल सिंह मुंडा की अहम भूमिका थी अविभाजित बिहार राज्य की उपमुख्यमंत्री बनाये गये थे प्रदेश के खिलाड़ियों के आदर्श और झारखण्ड आंदोलन के अगुहा थे। आज आदिवासी उन्हे मरांग गोमके के नाम से जानते है। जयपाल सिंह मुंडा एक अंतराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, क्रांतिकांरी, संविधान सभा के सदस्य और भारतीय राजनेता के रूप में विख्यात थे उनके द्वारा कई उत्कृष्ट कार्य किये गये।
जयपाल सिंह मुंडा अपने योगदान और साहसिक कार्य, सेवाएं के लिए प्रसिद्ध है। वे अपने देश समाज के लिए लोकप्रिय व्यक्ति होने के साथ साथ आदिवासियों के मसीहा के रूप में भी जाने जाते है, आदिवासी वर्ग समुदाय के लिए उन्होने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया उनके द्वारा किये गये महान कार्य के लिए देश दुनिया में आज भी याद किये जाते है। आज के इस पोस्ट Jaipal Singh Munda Biography के माध्यम से उनके जीवन से जुड़ी विभिन्न पहलुओं के बारे में जानेगें।
जयपाल सिंह मुंडा का आंरभिक जीवन (Jaipal Singh Munda Biography)
Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा का जन्म झारखंड राज्य की राजधानी रांची से 30 किमी दूर खूंटी जिले में स्थित टकरा नामक छोटे से गांव में 3 जनवरी 1903 को एक मुंडा जनजाति के आदिवासी परिवार में हुआ था। बचपन के दिनो में उन्हे प्रमोद पहान के नाम से पुकारा जाता था। जयपाल सिंह मुंडा का वास्तविक नाम ईश्वर जयपाल सिंह था लेकिन उन्हे झारखंड के आदिवासी मरड़ गोमके कहते थे। इनके पिता का नाम अमरू पहान था।
जयपाल सिंह मुंडा की शिक्षा (Jaipal Singh Munda Biography)
Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा की प्रारंभिक शिक्षा उनके गृह ग्राम टकरा में ही हुई उसके बाद 03 जनवरी 1911 को वे रांची के सेंट पॉल स्कूल में आ गये इस स्कूल के प्रिंसीपल कासग्रेव थे। जयपाल सिंह मुंडा बचपन से ही पढ़ाई में बहुत ही प्रतिभाशाली छात्र थे। पढ़ाई के साथ साथ खेल में भी उनकी गहरी रूची थी। उनके पढ़ाई और खेल के प्रति लगन को देखकर प्रिंसीपल कासग्रेव ने जयपाल सिंह मुंडा के प्रतिभा को पहचाना और काफी प्रभावित हुए। प्रिंसीपल कासग्रेव जयपाल सिंह मुंडा के प्रारम्भिक गुरू भी थे।
जब कासग्रेव प्रिंसीपल के पद से सेवानिवृत हुए उसके बाद उन्होने जयपाल सिंह मुंडा को इंग्लैण्ड लेकर चले गये। और इंग्लैण्ड में ही जयपाल सिंह मुंडा ने अपना ग्रेजुएशन राजनीति, अर्थशास्त्र, और फिलासॉफी में पूरा किया। उसके बाद मास्टर डिग्री के लिए ऑक्सफोर्ड के सेंट जॉन्स कॉलेज में एडमिशन लिया और अर्थशास्त्र में उन्होनें मास्टर डिग्री पूरी की। पढ़ाई के अलावा उन्हे हॉकी खेलने का शौक था। और वाद विवाद में भी उन्होने खूब नाम कमाया।
जयपाल सिंह मुंडा ने हॉकी में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया
Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा अपनी प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध थे। वे हॉकी के एक कमाल के खिलाड़ी थे। सन् 1925 में हाॅॅॅकी में ऑक्सफोर्ड ब्लू का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय छात्र बने। जयपाल सिंह मुंडा जब सन् 1928 में इंग्लैण्ड में थे। और उन्हे उस समय 1928 के ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी करने के लिए कहा गया, उन्होने भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया था। भारतीय टीम ने उनकी कप्तानी में 17 मैचों में से 16 मैच जीते और एक ड्रा रहा और इस तरह से जयपाल सिंह मुंडा ने अपनी कप्तानी में भारत को हॉकी में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था।
जयपाल सिंह मुंडा ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की थी
Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा ने पढ़ाई में भी अपनी प्रतिभा दिखाई थी, उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आई सी एस) में हुआ था और उन्हे भारतीय सिविल सेवा में काम करने के लिए चुना गया था। सन् 1928 में ओलंपिक हॉकी में भारत को पहला स्वर्ण पदक जिताने वाले भारतीय टीम के कप्तान के रूप में नीदरलैंड चले गये। जिसके कारण से उनका सिविल सर्विसेज का प्रशिक्षण प्रभावित हुआ। वापस आने के बाद उन्हे दोबारा प्रशिक्षण पूरा करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होने मना कर दिया और बाद में इस्तीफा दे दिया। और देश के लिए आईएएस की नौकरी त्याग दी।
जयपाल सिंह मुंडा का योगदान (Jaipal Singh Munda Biography)
Jaipal Singh Munda Biography: भारत देश को अंग्रेजों के चुंगल से छुड़ाने मे कई वीर सपूतों का योगदान था उन्ही में एक झारखंड के जयपाल सिंह मुंडा भी थे जयपाल सिंह मुंडा एक आंदोलनकारी नेता के रूप में भी जाने जाते है। देश को आजाद कराने में उनकी अहम भूमिका थी। जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों के मसीहा थे।
जयपाल सिंह मुंडा के प्रयासों से ही 400 आदिवासी समूह को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला। सन् 1938 में उन्होने आदिवासी महासभा की अध्यक्षता ग्रहण की थी आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए सन् 1950 में राजनीतिक दल झारखण्ड पार्टी बनाई। जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों के अधिकार की आवाज बन गये ।
संविधान सभा के सदस्य के रूप में उनका भाषण (Jaipal Singh Munda Biography)
Jaipal Singh Munda Biography: भारत देश जब आजाद हुआ और भारत का संविधान डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में लागू हुआ उस संविधान सभा में कई सदस्य थें उन्ही में एक जयपाल सिंह मुंडा भी थे। जब भारत का संविधान तैयार किया जा रहा था। तब जयपाल सिंह मुंडा ने संविधान सभा में अपनी भाषण में कहा था।
मैं सभी से कहना चाहूंगा की अगर कोई देश में सबसे अधिक जुल्म का शिकार हुआ है, तो वह हमारे लोग है, पिछले 6000 सालों से उनकी उपेक्षा हुई है, और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया है। मैं जिस सिंधु घाटी सभ्यता का वंशज हूं। जो उसका इतिहास बताता है, कि आप में से अधिकांश लोग जो यहां बैठे हैं, बाहरी है, घुसपैठिए है, जिनके कारण हमारे लोगों को अपनी धरती छोड़कर जंगल में जाना पड़ा। इसलिए जो यहां संकल्प पेश किया जा रहा है।
वह आदिवासियों को लोकतंत्र नहीं सिखाने जा रहा है। आप सब आदिवासियों को लोकतंत्र नहीं सिखा सकते बल्कि उनसे लोकतंत्र सीखना है, आदिवासी पृथ्वी पर सबसे अधिक लोकतांत्रिक लोग हैं, मैं कहूंगा कि हमारे लोगों का पूरा इतिहास गैर आदिवासियों के अंतहीन उत्पीड़न और बेदखली को रोकने का इतिहास है।
मैं आप सब के कहे हुए पर भी विश्वास कर रहा हूं कि हम लोग एक नये अध्याय की शुरूआत करने जा रहे है, स्वतंत्र भारत में एक नये अध्याय की जहां सभी समान होंगें जहां सबको बराबर का अवसर मिलेगा और एक भी नागरिक उपेक्षित नहीं होगा हमारे समाज में जाति के लिए कोई जगह नहीं होगी। हम सभी बराबर होगें।
जयपाल सिंह मुंडा की मृत्यु (Jaipal Singh Munda Biography)
Jaipal Singh Munda Biography: जयपाल सिंह मुंडा का निधन 20 मार्च 1970 को मतिष्क रक्तस्त्राव होने के कारण उनके निवास दिल्ली में हुई। निधन के समय उनकी आयु 67 वर्ष की थी।
इनके बारे में भी जानें:-
जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्टेडियम
जयपाल सिंह मुंडा के सम्मान में झारखण्ड सरकार द्वारा सन् 2013 में रांची में एक हॉकी स्टेडियम खोला गया है। आज के युवा खिलाड़ियो के लिए जयपाल सिंह मुंडा प्रेरणा स्त्रोत है। युवा खिलाड़ी उन्हे अपना आदर्श मानते है और आज भी खूंटी से सबसे ज्यादा हॉकी खिलाड़ी निकलते है।
जयपाल सिंह मुंडा खेल रत्न पुरस्कार
झारखण्ड सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाल खिलाड़ी को जयपाल सिंह मुंडा खेल रत्न पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना
जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना झारखण्ड सरकार की कल्याणकारी योजना है, जिसके तहत् झारखण्ड सरकार द्वारा आदिवासी विद्यार्थियों के लिए ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसे प्रतिष्ठत यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दिया जाता है।
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Faqs–
जयपाल सिंह मुंडा कौन से जनजाति के थे?
मुंडा जनजाति
जयपाल सिंह मुंडा के प्रारम्भिक गुरू कौन थे?
कासग्रेव
जयपाल सिंह मुंडा के बचपन का नाम क्या था?
प्रमोद पहान
जयपाल सिंह मुंडा के पिता का क्या नाम था?
अमरू पहान
हॉकी में भारत को पहला गोल्ड मेडल किसने दिलाया था?
जयपाल सिंह मुंडा
जयपाल सिंह मुंडा को आदिवासी किस नाम से पुकारते है?
मरांग गोमके
मरांग गोमके का क्या मतलब होता है?
महान नेता
हॉकी में आक्सफोर्ड ब्लू पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय छात्र कौन थे?
जयपाल सिंह मुंडा
मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना किसके नाम पर दिया जाता है?
जयपाल सिंह मुंडा
जयपाल सिंह मुंडा की मृत्यु कैसे हुई?
मतिष्क रक्तस्त्राव के कारण
जयपाल सिंह मुंडा ने कौन से पार्टी का गठन किया था?
झारखण्ड पार्टी
जयपाल सिंह मुंडा का मूल स्थान क्या था?
दक्षिणी छोटा नागपुर
सर्वप्रथम बिहार राज्य से अलग झारखण्ड राज्य की मांग किसने की?
जयपाल सिंह मुंडा
जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्टेडियम कहां स्थित है?
रांची में
जयपाल सिंह मुंडा किस खेल के खिलाड़ी थे?
हॉकी
जयपाल सिंह मुंडा को किस राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया था?
बिहार
जयपाल सिंह मुंडा वास्तविक नाम क्या था?
ईश्वरदास जयपाल सिंह