प्रवीर चंद भंजदेव का जीवन परिचय 2023
Praveer Chand Bhanjdev: बस्तर में अंतिम शासन महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव (1936-1948) ने किया। महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव बस्तर के सभी समुदाय, मुख्यतः आदिवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। आदिवासियों और यहां के जनता के हितों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के सामने आवाजा उठाते है, उनका मानना था कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों पर यहां के आदिवासियों मूलनिवासियों का मालिकाना हक होना चाहिए। तो आईये जानते है, इस पोस्ट के माध्यम से उनकी जीवन से जुड़ी रोचक बातें।
प्रवीर चंद भंजदेव का परिचय एवं परिवार का विवरण
नाम | प्रवीर चंद भंजदेव |
जन्म दिनांक | 25 जून 1929 |
जन्म स्थान | शिलांग |
माता का नाम | प्रफुल्ल कुमारी देवी |
पिता का नाम | प्रफुल्ल चंद भंजदेव |
पत्नि का नाम | शुभराज कुमारी |
भाई/बहन | कमला देवी, विजय चंद भंजदेव, गीता देवी |
नाना का नाम | रूद्रप्रताप देव |
शिक्षा | रायपुर के राजकुमार कालेज एवं लंदन में |
मृत्यु | 25 मार्च 1966 |
प्रवीर चंद भंजदेव जी का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन (Birth and early life of Praveer Chand Bhanjdev)
प्रवीर चंद भंजदेव जी का जन्म 25 जून 1929 को शिलांग में हुआ था उनकी माता का नाम प्रफुल्ल कुमारी देवी एवं पिता का नाम प्रफुल्ल चंद भंजदेव था माता की मृत्यु के पश्चात् 6 वर्ष की अल्पायु में 28 अक्टूबर 1936 को ब्रिटिश शासन द्वारा उनका राजतिलक कर दिया जाता है, एवं ब्रिटिश शासन के संरक्षण में उनका देखभाल किया जाता है।
प्रवीर चंद भंजदेव की शिक्षा एवं वैवाहिक जीवन (Praveer Chand Bhanjdev’s education and married life)
प्रवीर चंद भंजदेव की शिक्षा रायपुर के राजकुमार कालेज में हुई उसके बाद पढ़ने के लिए वे लंदन चले गये। उनका विवाह 4 जुलाई 1961 को पाटन राजस्थान की राजकुमारी शुभराज कुमारी, राज ऋषि राव साहेब उदय सिंहजी और पाटन की रानी त्रैलोक्य राज लक्ष्मी की बेटी से हुआ ।
प्रवीर चंद भंजदेव का राजनैतिक जीवन (Political life of Praveer Chand Bhanjdev)
प्रवीर चंद भंजदेव का राजनैतिक जीवन तो बपचन से ही शुरू हो चुका था। 6 वर्ष की आयु में ही 28 अक्टूबर 1936 को ब्रिटिश शासन द्वारा उनका औपचारिक राजतिलक कर दिया जाता है। तथा प्रवीर चंद भंजदेव के 18 वर्ष की आयु पूर्ण होते ही जुलाई 1947 में उन्हे ब्रिटिश सरकार द्वारा बस्तर रियासत का पूर्ण राज्य अधिकार दे दिया जाता है।
उसी समय 1947- 48 में भारत देश आजाद होता है, और 15 दिसबंर 1947 को प्रवीर चंद भंजदेव विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर देते है, अधिकारिक तौर पर 1 जनवरी 1948 को बस्तर रियासत भारत के अधीन आ जाता है, सबसे पहले विधान सभा चुनाव 1957 में होता है, जिसमें अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रवीर चंद भंजदेव जगदलपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते है, और विजयी हो जाते है।
तत्कालीन सरकार द्वारा बस्तर के वनों और खनिजों का दोहन किया जाता है। जिससे महाराजा को ऐसा महसूस होता है, कि यहां के जो आदिवासी जनता (प्रजा) है। उनका शोषण हो रहा है। और वे उस शोषण के विरूद्व सरकार के खिलाफ आवाज उठाते है, और विभिन्न तरीके से हड़ताल, एवं धरना प्रदर्शन करके सरकार का ध्यान आकर्षण करना चाहते है, फिर भी जब सरकार का ध्यान उनकी ओर आकर्षित नहीं होती है, तो वे अपने विधायक पद से सन् 1959 को इस्तीफा दे देते है।
सन् 1961 को प्रवीर चंद भंजदेव को जेल भेज दिया जाता है, जब वे 1962 को जेल से बहार आ जाते है, और सोचते है कि अब लोकतांत्रिक तरीके से यहां की जनता के लिए अब लड़ाई लड़नी है। उसके बाद तत्कालीन बस्तर क्षेत्र की 10 विधान सभा सीटों में अपनी अलग पार्टी बनाकर कर उम्मीदवार खड़ा करतें है। और अगामी विधान सभा चुनाव में 10 में से 09 सीटों पर विजयी हासिंल करते हैं।
प्रवीर चंद भंजदेव (Praveer Chand Bhanjdev) की मृत्यु एंव बस्तर महल गोली कांड कब हुआ ?
महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव की लोकप्रियता बस्तर में यहां के जनता के प्रति बहुत ही ज्यादा थी। वे बस्तर की प्रजा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिये। 24 मार्च 1966 को उनके राजमहल को घेराबंदी किया जाता है, और उन पर गोलियां चलाई जाती है। 25 मार्च 1966 को बस्तर महल गोली कांड होता है, और प्रवीर चंद भंजदेव की उनके ही राजमहल में मृत्यु हो जाती है।
प्रवीर चंद भंजदेव के पूर्वज एवं परिवारिक सदस्य कौन कौन थे ?
राजा प्रवीर चंद भंजदेव के राज परिवार में उनके पूर्वज नाना जी रूद्रप्रताप देव, माता जी प्रफुल्ल कुमारी देवी, पिता प्रफुल्ल चंद भंजदेव, एवं इनके चार भाई बहन थे, सबसे बड़ी बहन का नाम कमला देवी एवं दूसरे नंबर पर स्वयं प्रवीर चंद भंजदेव, तीसरे नंबर पर उनके भाई विजय चंद भंजदेव चौथे नंबर पर उनकी छोटी बहन गीता देवी थी।
बस्तर जगदलपुर का एयरपोर्ट कब बना था ?
प्रवीर चंद भंजदेव की माता जी बस्तर की महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी को अपेंडिक्स की बिमारी हो जाती है, जिसका ईलाज कराने के लिए उन्हे पहले रायपुर फिर लंदन ले जाया जाता है। जहां पर उनकी मौत हो जाती है। मौत के बाद उन्हे वहीं पर दफना दिया जाता है। बाद में विरोध करने के उपरांत उनकी अस्थियां लाने के लिए बस्तर जगदलपुर में एयरपोर्ट बनाया जाता है।
निष्कर्ष:-
बस्तर रियासत के अंतिम महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव यहां के जनता के लिए बहुत की लोकप्रिय थे, उनकी लोकप्रियता इसी अंदाज से लगाया जा सकता है, कि बस्तर में दंतेश्वरी मांई जी के फोटो के साथ महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव जी का फाटो लोग अपने घरों में लगाते हैं, इतने वर्ष बीत जाने बाद भी प्रवीर चंद भंजदेव बस्तर के लोगों में आज भी जीवित है।
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FaQs
प्रवीर चंद भंजदेव का जन्म कब एवं कहां हुआ था ? When and where was Praveer Chand Bhanjdev born?
25 जून 1929 को शिलांग में।
प्रवीर चंद भंजदेव के पिता का क्या नाम था ? What was the name of Praveer Chand Bhanjdev’s father?
प्रफुल्ल चंद भंजदेव।
प्रवीर चंद भंजदेव के माता का क्या नाम था ? What was the name of Praveer Chand Bhanjdev’s mother?
प्रफुल्ल कुमारी दवी।
प्रवीर चंद भंजदेव की शादी कब हुई थी ? When did Praveer Chand Bhanjdev get married?
04 जुलाई 1961 को ।
प्रवीर चंद भंजदेव की पत्नि का क्या नाम था ? What was the name of Praveer Chandra Bhanjdev’s wife?
महारानी शुभराज कुमारी।
छत्तीसगढ़ की एकमात्र महिला शासिका कौन थी ? Who was the only woman ruler of Chhattisgarh?
महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी।
बस्तर महल गोली कांड कब एवं कहां हुआ था ? When and where did the Bastar Mahal shooting incident take place?
25 मार्च 1966 को बस्तर राजमहल में।
राज्य अंलकरण पुरस्कार तिरंदाजी के क्षेत्र में किसके सम्मान में दिया जाता है ? In whose honor is the State Decoration Award given in the field of archery?
प्रवीर चंद भंजदेव के सम्मान में।
प्रवीर चंद भंजदेव के पिता कौन से वंश के शासक थे ? Praveer Chand Bhanjdev’s father was the ruler of which dynasty?
उड़ीसा के मयूरभंज वंश के।
छत्तीसगढ़ में सेंट ऑफ जेरूसेलम की उपाधि किसे दिया गया था ? Who was given the title of Saint of Jerusalem in Chhattisgarh?
रूद्र प्रताप देव।